सारण: गंडक नदी के जलस्तर में कमी आने के बाद एक बार फिर जलस्तर में बढ़ोतरी हुई है. दरअसल वाल्मीकि नगर बराज से 3 दिन पहले करीब ढाई लाख क्यूसेक पानी छोड़ा गया था. इसका असर सारण के कई प्रखंडों में देखने को मिल रहा है.
बाढ़ का कहर
सारण में बहने वाली छोटी बड़ी नदियां गंगा, गंडक, सरयू और छोटे छोटे नहर एक बार फिर उफान पर है. ऐसे में लोगों की समस्या बरकरार है. स्थानीय लोगों को भयावह स्थिति का डर सता रहा है. जिले के सभी प्रखंडों में बाढ़ अपना कहर बरपा रहा है.
अधिकारियों ने नहीं ली सुध
ईटीवी भारत की टीम भेल्दी थाना क्षेत्र के ढोलाही, खरीदाहा जैसे गांवों में पहुंची. ढोलाही गांव निवासी प्रभु राय ने कहा कि पानी तो घर में घुस चुका है. सलीके के भोजन किए हुए भी महीनों बीत चुके हैं. लोगों का आरोप है कि अधिकारी सिर्फ बड़ी-बड़ी बातें करना जानते हैं. इसी रास्ते से स्टेट हाइवे के जरिए डीएम और अन्य अधिकारी जाते है,पर किसी ने कभी रुक कर लोगों की समस्या के बारे में पूछा तक नहीं
ग्रामीणों के सामने काफी विकट स्थिति
ग्रामीणों ने कहा कि पीने के लिए साफ पानी भी नसीब नहीं हो रहा है. शौच की समस्या भी बरकरार है. एनएच पर जाना खतरों से खाली नहीं है. आए दिन वहां दुर्घटना होती रहती है.स्थानीय लोगों ने बताया कि जितनी आबादी है सभी ने धान की खेती की थी लेकिन बाढ़ के पानी में पूरी फसल डूब गई. लोगों को मवेशियों को खिलाने के लिये चारा तक नहीं बचा है. ग्रामीणों के सामने काफी विकट स्थिति है.