सारणः बिहार के छपरा से बड़ी खबर आई है. बिहार सरकार के पूर्व मंत्री रविंद्र नाथ मिश्र को हत्या मामले में आजीवन कारावास (Former minister Ravindra Nath Mishra punished) की सजा सुनाई गई. यह सुनवाई छपरा के एमपी-एमएलए स्पेशल कोर्ट ने की. 33 साल पहले छपरा के मांझी में चुनाव के दौरान बुथ कब्जा करने के दौरान एक व्यक्ति की गोली मार कर हत्या कर दी गई थी. इस मामले में पूर्व मंत्री रविंद्र नाथ मिश्र आरोपी थे. मंगलवार को कोर्ट ने हत्या मामले में सुनाई करते हुए पूर्व मंत्री रविंद्र नाथ मिश्र को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है.
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बूथ लूटने के दौरान हत्याः यह मामला वर्ष 1990 के विधानसभा चुनाव का है. उस समय बूथ लूटने की मंशा से मतदान करने आए एक व्यक्ति की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी. उस समय पूर्व मंत्री रविंद्र नाथ मिश्र जो निर्दलीय चुवान लड़ रहे थे. हत्या मामले में पीड़ित पक्ष की ओर से पूर्व मंत्री रविंद्र नाथ मिश्र और उनके भाई हरेंद्र मिश्र पर प्राथमिकी दर्ज कराई गई थी. इस मामले में सांसद एवं विधायक के लिए बने विशेष कोर्ट के न्यायाधीश एडीजे तृतीय नलिन कुमार पाण्डेय ने दोषी करार दिया. मंगलवार को कोर्ट ने मामले में आजीवन कारावास की सजा सुनाई.
33 साल सुनाई गई सजाः 27 फरवरी 1990 को मांझी प्रखंड के बूथ संख्या 175 और 176 पर बूथ लूटने की मंशा से कुछ लोगों ने हमला कर दिया था. इस दौरान विधायक और उनके आदमियों के द्वारा गोलीबारी की गई, जिससे उमा बीन नामक एक व्यक्ति की गोली लगने से घटनास्थल पर ही मौत हो गई थी. उक्त बूथ के पीठासीन पदाधिकारी प्रणय कुमार मलिक और बूथ संख्या 176 के पोलिंग एजेंट महेश प्रसाद यादव के द्वारा माझी थाने में इस बाबत प्राथमिकी दर्ज कराई गई थी. 1990 से चल रहे इस मामले में मंगलवार को सजा सुनाई गई है. 33 साल पूर्व हुए हत्याकांड में पूर्व मंत्री को छपरा कोर्ट ने दोषी मानते हुए आजीवन कारावास की सजा सुनाई है.