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Veer Kunwar Singh Jayanti: 23 अप्रैल को छपरा में मनेगा कुंवर सिंह का विजयोत्सव, कई गणमान्य होंगे सम्मानित - कुंवर सिंह जयंती समारोह

23 अप्रैल को छपरा में बाबू कुंवर सिंह का विजय उत्सव मनाया (Kunwar Singh victory festival in chapra) जाएगा. इस कार्यक्रम की अध्यक्षता राज्यसभा के उपसभापति हरिवंश करेंगे. यह जानकारी सारण विकास मंच के संयोजक शैलेंद्र प्रताप सिंह ने दी. उन्होंने कुंवर सिंह की कई विशेषताओं के बारे में भी जानकारी दी. साथ ही इस मौके पर सम्मानित होने वाले लोगों के बारे में भी बताया. पढ़ें पूरी खबर..

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Published : Apr 21, 2023, 9:08 PM IST

23 अप्रैल को छपरा में मनेगा कुंवर सिंह का विजयोत्सव

छपरा: बिहार के छपरा में सारण विकास मंच की ओर से 23 अप्रैल को छपरा के प्रेक्षा गृह सह आर्ट गैलरी में बाबू वीर कुंवर सिंह का 165वां विजयोत्सव (Veer Kunwar Singh Jayanti) मनाया जाएगा. सारण विकास मंच के संयोजक शैलेंद्र प्रताप सिंह ने यह जानकारी दी. इस संबंद में शुक्रवार को प्रेस कांफ्रेंस आयोजित की गई. उन्होंने बताया कि इस समारोह में बतौर उद्घाटनकर्ता और मुख्य वक्ता राज्यसभा के उपसभापति हरिवंश जी शामिल होंगे. उन्होंने कहा कि कुंवर सिंह की विशेषताएं ऐसी रही हैं, जो आज के युवाओं को जानने की जरूरत है.

ये भी पढ़ेंः Veer Kunwar Singh Jayanti पर निकाली जाएगी भव्य 'गौरव यात्रा', BJP विधायक नीरज कुमार बबलू बने संयोजक

लेखक और साहित्यविदों को किया जाएगा सम्मानितः शैलेंद्र प्रताप ने कहा कि युवाओं को वीर कुंवर सिंह के बारे में जागरूक करने के लिए ही सारण विकास मंच यह कार्यक्रम आयोजित कर रहा है. इसमें युवा लेखक मोहित सिंह भी हिस्सा लेंगे. कार्यक्रम में शिक्षाविद महामाया प्रसाद, बाबू वीर कुंवर सिंह पर कई पुस्तकें लिखने वाले शशि भूषण, बिहार आर्ट थिएटर के महासचिव अभिषेक रॉय का सम्मान होगा.

"इस समारोह में बतौर उद्घाटनकर्ता और मुख्य वक्ता राज्यसभा के उपसभापति हरिवंश जी शामिल होंगे. उन्होंने कहा कि कुंवर सिंह की विशेषताएं ऐसी रही हैं, जो आज के युवाओं को जानने की जरूरत है. युवाओं को वीर कुंवर सिंह के बारे में जागरूक करने के लिए ही सारण विकास मंच यह कार्यक्रम आयोजित कर रहा है. इसमें युवा लेखक मोहित सिंह भी हिस्सा लेंगे. कार्यक्रम में शिक्षाविद महामाया प्रसाद, बाबू वीर कुंवर सिंह पर कई पुस्तकें लिखने वाले शशि भूषण, बिहार आर्ट थिएटर के महासचिव अभिषेक रॉय को सम्मानित करेंगे" - शैलेंद्र प्रताप सिंह, संयोजक सारण विकास मंच

कुंवर सिंह का शौर्य को इतिहास के किताबों में नहीं मिली जगह: शैलेंद्र प्रताप सिंह ने बताया कि बाबू वीर कुंवर आज भी प्रासंगिक है. उन्होंने जो बहादुरी दिखाई, वो भारत की आजादी की नींव बनी. बाबू कुंवर सिंह किसी सीमा में बंधकर रहने वाले नहीं थे. कुंवर सिंह शुरू से ही उपेक्षित रहे. इतिहास की किताबों में जगह नहीं मिली. उनके शौर्य को प्रेरणा स्रोत बनाने के प्रयास नहीं हुए. कुंवर सिंह दूसरे योद्धाओं और नायकों अलग थे. कुंवर सिंह के नेतृत्व की खास बात यह थी कि इसमें अलग-अलग जाति भी एकजुट हो गए थे. इसमें हिंदू-मुस्लिम एकता भी मजबूती से कायम थी. अंग्रेजों की नीति फूट डालो और राज करो को कुंवर सिंह ने लोगों बीच लाकर स्वतंत्रता का पहला आंदोलन खड़ा कर दिया.

23 अप्रैल को छपरा में मनेगा कुंवर सिंह का विजयोत्सव

छपरा: बिहार के छपरा में सारण विकास मंच की ओर से 23 अप्रैल को छपरा के प्रेक्षा गृह सह आर्ट गैलरी में बाबू वीर कुंवर सिंह का 165वां विजयोत्सव (Veer Kunwar Singh Jayanti) मनाया जाएगा. सारण विकास मंच के संयोजक शैलेंद्र प्रताप सिंह ने यह जानकारी दी. इस संबंद में शुक्रवार को प्रेस कांफ्रेंस आयोजित की गई. उन्होंने बताया कि इस समारोह में बतौर उद्घाटनकर्ता और मुख्य वक्ता राज्यसभा के उपसभापति हरिवंश जी शामिल होंगे. उन्होंने कहा कि कुंवर सिंह की विशेषताएं ऐसी रही हैं, जो आज के युवाओं को जानने की जरूरत है.

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लेखक और साहित्यविदों को किया जाएगा सम्मानितः शैलेंद्र प्रताप ने कहा कि युवाओं को वीर कुंवर सिंह के बारे में जागरूक करने के लिए ही सारण विकास मंच यह कार्यक्रम आयोजित कर रहा है. इसमें युवा लेखक मोहित सिंह भी हिस्सा लेंगे. कार्यक्रम में शिक्षाविद महामाया प्रसाद, बाबू वीर कुंवर सिंह पर कई पुस्तकें लिखने वाले शशि भूषण, बिहार आर्ट थिएटर के महासचिव अभिषेक रॉय का सम्मान होगा.

"इस समारोह में बतौर उद्घाटनकर्ता और मुख्य वक्ता राज्यसभा के उपसभापति हरिवंश जी शामिल होंगे. उन्होंने कहा कि कुंवर सिंह की विशेषताएं ऐसी रही हैं, जो आज के युवाओं को जानने की जरूरत है. युवाओं को वीर कुंवर सिंह के बारे में जागरूक करने के लिए ही सारण विकास मंच यह कार्यक्रम आयोजित कर रहा है. इसमें युवा लेखक मोहित सिंह भी हिस्सा लेंगे. कार्यक्रम में शिक्षाविद महामाया प्रसाद, बाबू वीर कुंवर सिंह पर कई पुस्तकें लिखने वाले शशि भूषण, बिहार आर्ट थिएटर के महासचिव अभिषेक रॉय को सम्मानित करेंगे" - शैलेंद्र प्रताप सिंह, संयोजक सारण विकास मंच

कुंवर सिंह का शौर्य को इतिहास के किताबों में नहीं मिली जगह: शैलेंद्र प्रताप सिंह ने बताया कि बाबू वीर कुंवर आज भी प्रासंगिक है. उन्होंने जो बहादुरी दिखाई, वो भारत की आजादी की नींव बनी. बाबू कुंवर सिंह किसी सीमा में बंधकर रहने वाले नहीं थे. कुंवर सिंह शुरू से ही उपेक्षित रहे. इतिहास की किताबों में जगह नहीं मिली. उनके शौर्य को प्रेरणा स्रोत बनाने के प्रयास नहीं हुए. कुंवर सिंह दूसरे योद्धाओं और नायकों अलग थे. कुंवर सिंह के नेतृत्व की खास बात यह थी कि इसमें अलग-अलग जाति भी एकजुट हो गए थे. इसमें हिंदू-मुस्लिम एकता भी मजबूती से कायम थी. अंग्रेजों की नीति फूट डालो और राज करो को कुंवर सिंह ने लोगों बीच लाकर स्वतंत्रता का पहला आंदोलन खड़ा कर दिया.

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