ETV Bharat / state

सारण: बाढ़ की मार झेल रहे पशुपालकों की बढ़ी परेशानी, मंहगे दामों पर खरीद रहे चारा - पशुपालन

सारण के कई क्षेत्रों में बाढ़ का कहर देखने को मिल रहा है. जिसकी वजह से आम लोगों के साथ-साथ पशुओं के चारे की समस्या हो रही है. वहीं, कुछ व्यवसायी ट्रकों पर चारा लादकर इलाके में उसे मंहगे दामों में बेच रहे हैं.

Flood havoc
बाढ़ का कहर
author img

By

Published : Sep 17, 2020, 9:41 PM IST

सारण: नेपाल के तराई में हुए भीषण बारिश के बाद सीमांचल की नदियां उफान पर हैं. गंगा, कोसी और महानंदा नदी खतरे के निशान से ऊपर बह रही हैं. जिससे क्षेत्र के ताल-तलैया पूरी तरह पानी से लबालब हैं. वहीं, सारण में तटबंध टूटने के साथ पानापुर, तरैया, मसरख, इसुआपुर, परसा, मकेर समेत आस-पास के प्रखंडो में बाढ़ ने अपना कहर बरपाया है.

बाढ़ ने बढ़ाई परेशानी
बाढ़ की वजह से सबसे अधिक परेशानी मध्यम वर्ग और पिछड़े वर्गों के लोगों को हो रही है. जहां बाढ़ में अपना सब कुछ गवा बैठे किसानों और पशुपालकों पर बाढ़ की दोहरी मार पड़ी हैं. पशुओं को चारे की समस्या और अब वजन से भूसा मिल रहा है. आलम यह हैं कि प्रखंड के शाहनेवाजपुर धर्मकांटा के पास से पशुपालन के लिए गेहूं का भूसा वजन से खरीदकर ले जा रहे हैं.

पशुओं के चारे की हो रही समस्या
किसान कहते हैं कि पैसे से ही सही आसानी से चारा मिल जा रहा है. जिससे पशुओं का काम चल जा रहा है. क्षेत्र में भीषण बाढ़ ने पशुपालकों के दर्जनों बेढ़ी चारा तेजधार में बह कर चले गये. उन्होंने कहा कि बाढ़ समाप्ति के बाद पशुओं के चारा की सबसे बड़ी परेशानी हो रही है. एक समय था जब व्यवसायी किसानों के पास से भूसा खरीदकर हाजीपुर, वैशाली, मुजफ्फरपुर, पटना ले जाते थे. वहीं, अब ऐसा वक्त आया हैं कि यूपी और हरियाणा के व्यवसायी ट्रक से यहां चारा बेच रहे हैं, जो 1200 रुपये क्विंउंटल बिक रहा है.

सारण: नेपाल के तराई में हुए भीषण बारिश के बाद सीमांचल की नदियां उफान पर हैं. गंगा, कोसी और महानंदा नदी खतरे के निशान से ऊपर बह रही हैं. जिससे क्षेत्र के ताल-तलैया पूरी तरह पानी से लबालब हैं. वहीं, सारण में तटबंध टूटने के साथ पानापुर, तरैया, मसरख, इसुआपुर, परसा, मकेर समेत आस-पास के प्रखंडो में बाढ़ ने अपना कहर बरपाया है.

बाढ़ ने बढ़ाई परेशानी
बाढ़ की वजह से सबसे अधिक परेशानी मध्यम वर्ग और पिछड़े वर्गों के लोगों को हो रही है. जहां बाढ़ में अपना सब कुछ गवा बैठे किसानों और पशुपालकों पर बाढ़ की दोहरी मार पड़ी हैं. पशुओं को चारे की समस्या और अब वजन से भूसा मिल रहा है. आलम यह हैं कि प्रखंड के शाहनेवाजपुर धर्मकांटा के पास से पशुपालन के लिए गेहूं का भूसा वजन से खरीदकर ले जा रहे हैं.

पशुओं के चारे की हो रही समस्या
किसान कहते हैं कि पैसे से ही सही आसानी से चारा मिल जा रहा है. जिससे पशुओं का काम चल जा रहा है. क्षेत्र में भीषण बाढ़ ने पशुपालकों के दर्जनों बेढ़ी चारा तेजधार में बह कर चले गये. उन्होंने कहा कि बाढ़ समाप्ति के बाद पशुओं के चारा की सबसे बड़ी परेशानी हो रही है. एक समय था जब व्यवसायी किसानों के पास से भूसा खरीदकर हाजीपुर, वैशाली, मुजफ्फरपुर, पटना ले जाते थे. वहीं, अब ऐसा वक्त आया हैं कि यूपी और हरियाणा के व्यवसायी ट्रक से यहां चारा बेच रहे हैं, जो 1200 रुपये क्विंउंटल बिक रहा है.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.