छपराः वैश्विक महामारी कोरोना के बढ़ते प्रकोप के कारण स्थिति बद से बदतर होती जा रही है. बिहार के सभी जिलों के अस्पतालों में बढ़ते मामलों को लेकर हाथ खड़े करने शुरू कर दिये हैं. मरीजों को अपने संसाधन के बलबूते ही हॉस्पिटलों में भर्ती होना पड़ रहा है. भले ही राज्य सरकार लाख दावे कर रही हो, लेकिन ऑक्सीजन की कमी जमीनी हकीकत बनी हुई है.
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ऑक्सीजन सिलिंडर के लिए भटकते दिखें लोग
छपरा के जिलाधिकारी डॉक्टर निलेश रामचंद्र देवरे ने दावा किया है कि छपरा में ऑक्सीजन की कोई कमी नहीं है. लेकिन डीएम का यह दावा खोखला साबित हो रहा है. शनिवार को छपरा में ऑक्सीजन की भारी कमी देखी गई. लोग शाम से ही आस लगाए थे कि ऑक्सीजन सिलेंडर आएगा.
ऑक्सीजन सिलेंडर आया भी लेकिन लोगों को मिल नहीं पाया. क्योंकि आधे सिलेंडर छपरा सदर अस्पताल में उतार लिए गए और बाकी बचे हुए गैस सिलेंडरों को ऑक्सीजन एजेंसियों को भेज दिया गया. यानि ऑक्सीजन सिलेंडर की जो खेप पहुंची, वो ऊंट के मुंह में जीरा साबित हुई. क्योंकि इन सिलेंडरों की मात्रा इतनी कम थी कि मुश्किल से 10 से 20 लोगों को ही मिल पाया. शेष लोगों को फिर से इंतजार ही करना पड़ रहा है.
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ऑक्सीजन सिलेंडर नहीं मिलने से लोगों में आक्रोश
शहर के दहियावां टोला स्थित ऑक्सीजन गैस एजेंसी पर रात के समय सैकड़ों लोगों की भीड़ देखी गई. कई एंबुलेंस भी यहां खड़े दिखे. ये सभी लोग ऑक्सीजन सिलेंडर लेने के लिए लाइन लगाए हुए थे. लेकिन यहां गैस एजेंसी मालिक ने मात्र 10 सिलिंडर होने की ही बात कह दी.
इससे लोगों को लौटना पड़ा. परिजनों ने कहा कि उनके मरीजों की तबीयत बहुत खराब है और ऑक्सीजन लेवल काफी गिरा हुआ है. हमें जल्द से जल्द सिलेंडर चाहिए. ऑक्सीजन सिलेंडर नहीं मिलने से लोगों में आक्रोश है.