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सारण: डॉ.राजेन्द्र प्रसाद की यह घरती है आपसी सौहार्द की मिसाल, हिन्दू करते हैं ताजिया का निर्माण

कौमी एकता के उदाहरण को चरितार्थ करते प्रखंड के हिंदू परिवार मुहर्रम के त्योहार पर मुस्लिम भाइयों के साथ मिलकर ताजिया का निर्माण करते हैं. कई वर्षों से यहां के लोग आपसी भाईचारे से सभी पर्व त्योहार मनाते हैं.

सारण में हिन्दू करते हैं ताजिया का निर्माण
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Published : Sep 10, 2019, 4:23 AM IST

सारण: 'मजहब नहीं सिखाता, आपस में बैर रखना....' यह लाइनें जिले के गुदरी बाजार सलापतगंज के लोगों पर बिल्कुल फिट बैठती है. यहां को लोगों में गंगा-जमुनी तहजीब की शानदार मिलास देखने को मिलती है. यहां दो समुदाय के लोग आपस में मिल जुलकर सुख-शांति के साथ पर्व-त्योहार मनाते हैं.

हिन्दू करते हैं ताजिया का निर्माण

हिन्दू करते हैं ताजिया का निर्माण
कौमी एकता के उदाहरण को चरितार्थ करते प्रखंड के हिंदू परिवार मुहर्रम के त्योहार पर मुस्लिम भाइयों के साथ मिलकर ताजिया का निर्माण करते हैं. इस बबात जिले के युवा लोक कलाकार अरुण कुमार ने इटीवी भारत से खास बातचीत में कहा कि हिन्दू होते हुए भी मुस्लिम समुदाय के पर्व में शामिल होकर मैं विगत दस वर्षों से ताजिया के निर्माण में आपना सहयोग देता आ रहा हूं. इस मोहल्ले में मेरा घर भी है और हमलोग आपसी सहयोग से सौहार्दपूर्ण तरीके से एक साथ दुख और सुख बांटते आ रहे हैं.

गांव में  मंदिर और मस्जीद
गांव में मंदिर और मस्जीद

आपसी सहयोग और भाईचारे की मिसाल
इस बाबत ताजिया निर्माण कमिटी के सद्स्य मो. अरशद कहते है कि यहां के युवा पिछले 14 साल से आपसी सहयोग से ताजिया का निर्माण करते हैं. हिंदू और मुस्लिम वर्ग के लोग एक-दूसरे के त्योहारों में बढ़ चढ़कर हिस्सा लेते हैं. मो. अरशद का कहना है कि आर्थिक स्थिति ठीक नहीं होने के कारण मोहल्ले के युवक रोजगार के तलाश में दूसरे प्रदेशों में रहते है. लेकिन फिर भी इलाके को लोग आपसी सहयोग के साथ सभी पर्व-त्योहार मनाते आ रहे है.

तैयार ताजिया
तैयार ताजिया

गौरतलब है कि कौमी एकता के प्रतीक माने जाने वाले सारण के लाल देशरत्न डॉ.राजेन्द्र प्रसाद और मौलाना मजहरूल हक की यह धरती आपसी सौहार्द और भाईचारे की मिसाल है. यह धरती लोकनायक जयप्रकाश नारायण, नमक आंदोलन में अग्रणी भूमिका निभाने वाले जैसे दर्जनों वीर महापुरुषों की गाथा अपने अंदर समेटे हुए है.

सारण: 'मजहब नहीं सिखाता, आपस में बैर रखना....' यह लाइनें जिले के गुदरी बाजार सलापतगंज के लोगों पर बिल्कुल फिट बैठती है. यहां को लोगों में गंगा-जमुनी तहजीब की शानदार मिलास देखने को मिलती है. यहां दो समुदाय के लोग आपस में मिल जुलकर सुख-शांति के साथ पर्व-त्योहार मनाते हैं.

हिन्दू करते हैं ताजिया का निर्माण

हिन्दू करते हैं ताजिया का निर्माण
कौमी एकता के उदाहरण को चरितार्थ करते प्रखंड के हिंदू परिवार मुहर्रम के त्योहार पर मुस्लिम भाइयों के साथ मिलकर ताजिया का निर्माण करते हैं. इस बबात जिले के युवा लोक कलाकार अरुण कुमार ने इटीवी भारत से खास बातचीत में कहा कि हिन्दू होते हुए भी मुस्लिम समुदाय के पर्व में शामिल होकर मैं विगत दस वर्षों से ताजिया के निर्माण में आपना सहयोग देता आ रहा हूं. इस मोहल्ले में मेरा घर भी है और हमलोग आपसी सहयोग से सौहार्दपूर्ण तरीके से एक साथ दुख और सुख बांटते आ रहे हैं.

गांव में  मंदिर और मस्जीद
गांव में मंदिर और मस्जीद

आपसी सहयोग और भाईचारे की मिसाल
इस बाबत ताजिया निर्माण कमिटी के सद्स्य मो. अरशद कहते है कि यहां के युवा पिछले 14 साल से आपसी सहयोग से ताजिया का निर्माण करते हैं. हिंदू और मुस्लिम वर्ग के लोग एक-दूसरे के त्योहारों में बढ़ चढ़कर हिस्सा लेते हैं. मो. अरशद का कहना है कि आर्थिक स्थिति ठीक नहीं होने के कारण मोहल्ले के युवक रोजगार के तलाश में दूसरे प्रदेशों में रहते है. लेकिन फिर भी इलाके को लोग आपसी सहयोग के साथ सभी पर्व-त्योहार मनाते आ रहे है.

तैयार ताजिया
तैयार ताजिया

गौरतलब है कि कौमी एकता के प्रतीक माने जाने वाले सारण के लाल देशरत्न डॉ.राजेन्द्र प्रसाद और मौलाना मजहरूल हक की यह धरती आपसी सौहार्द और भाईचारे की मिसाल है. यह धरती लोकनायक जयप्रकाश नारायण, नमक आंदोलन में अग्रणी भूमिका निभाने वाले जैसे दर्जनों वीर महापुरुषों की गाथा अपने अंदर समेटे हुए है.

Intro:डे प्लान वाली ख़बर हैं
SLUG:-TAJIYA
ETV BHARAT NEWS DESK
F.M:-DHARMENDRA KUMAR RASTOGI/ SARAN/BIHAR

Anchor:-कौमी एकता के प्रतीक मौलाना मजहरूल हक की धरती व इनकी कर्मस्थली के रूप में विश्वविख्यात सारण की धरती है जिसकी पहचान सदियों से है कायम है मौलाना साहब के सहयोगी रहे आजादी के प्रणेता व सारण के लाल देशरत्न डॉ राजेन्द्र प्रसाद , लोकनायक जयप्रकाश नारायण, नमक आंदोलन में अग्रणी भूमिका निभाने वाले पंडित गिरीश तिवारी जैसे दर्जनों वीर महापुरुषों की ऐतिहासिक धरती है जिसकी चर्चा इतिहास के पन्नों में समेटे हुए हैं।

Body:सारण जिला मुख्यालय के गुदरी बाजार सलापतगंज मुहल्ला स्थित मोहम्मद अरशद के नेतृत्व में दर्जनों युवाओं द्वारा मुस्लिम समुदाय के मोहर्रम त्योहार के अवसर पर ताज़िया का निर्माण किया जा रहा है। ताज़िया निर्माण कमिटी के मोहम्मद अरशद ने बताया कि हम युवा वर्ग बिगत चौदह वर्षो से आपसी सहयोग से यथा शक्ति सहयोग राशि लेकर ताज़िया का निर्माण कराया जाता है जबकि वर्ष 2005 से पहले मुहल्ले के बुजुर्गों द्वारा ताज़िया का निर्माण करा मोहर्रम पर्व मनाया जाता था लेकिन स्थानीय मुहल्ले वासियों के आर्थिक स्थिति ठीक नहीं होने के कारण रोजी रोजगार की तलाश में दूसरे प्रदेशों या विदेशों में जाकर घर परिवार का भरण पोषण कर रहे हैं हालांकि पर्व त्योहार के मौके पर छुट्टियां लेकर घर आने का प्रयास करते हैं ।

Byte:-मोहम्मद अरशद, स्थानीय युवक
Conclusion:कौमी एकता के उदाहरण को चरितार्थ कर रहे सारण के युवा कलाकार अरुण कुमार ने इटीवी भारत से खास बातचीत में कहा कि हिन्दू होते हुए भी मुस्लिम समुदाय के पर्व में शामिल होकर ताज़िया का निर्माण कार्य विगत दस वर्षों से करते आ रहे है लेकिन मुझें नही लगता हैं कि मेरे साथ इनलोगों द्वारा कोई भेदभाव किया गया होगा. सबसे खास बात यह है कि इसी मुहल्ले में मेरा मकान भी है और आपसी सहयोग से सौहार्दपूर्ण तरीके से हिन्दू के पर्व त्योहार हो या मुसलमान भाइयों का कोई भी पर्व हो हम सब मिलकर खुशियों को बांटने का काम करते हैं.

Byte:-वॉक थ्रू
अरुण कुमार, ताज़िया कारीगर
धर्मेन्द्र कुमार रस्तोगी
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