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गंडक नदी फिर उफान पर, सारण तटबंध से सटे माधोपुर पंचायत में चौथी बार घुसा बाढ़ का पानी

बिहार में लगातार बारिश और वाल्मीकिनगर गंडक बराज से छोड़े गये पानी से गंडक नदी उफान पर है. जिससे सारण जिले के तटबंध के निचले इलाकों में चौथी बार बाढ़ का पानी घुस गया है. पढ़ें पूरी खबर

सारण में बाढ़
सारण में बाढ़
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Published : Aug 30, 2021, 10:09 PM IST

सारण: बिहार में नेपाल के जलग्रहण क्षेत्र में लगातार हो रहे बारिश व वाल्मीकी नगर गंडक बराज से छोड़े गये पानी से गंडक नदी उफान पर है. जिससे सारण (Saran) जिले के तटबंध के निचले इलाकों में बसे लोगों के घरों में गंडक का (Flood In Saran) पानी घुस गया है. भारी तबाही मचाये हुए हैं. जिससे माधोपुर पंचायत के सगुनी, शामपुर, अरदेवा, जिमदाहा, माधोपुर बड़ा, बनिया हसनपुर, डुमरी पंचायत के शीतलपुर, हरपुर फरीदन, चंचलिया पंचायत के चंचलिया दियारा, बिंद टोली गांव में बसे लोग सबसे अधिक प्रभावित हैं.

ये भी पढ़ें : बिहार में बाढ़ से अब तक 43 लोगों की गई जान, 31.97 लाख लोग प्रभावित

वहीं फरीदनपुर निषाद बस्ती बाढ़ के पानी से चारों तरफ से घिर चुका है. बस्ती के लोग अपने घरों से जरूरी सामानों को लेकर नाव के सहारे पानी से निकलकर बांध पर आ रहे हैं. लोग अपने सामा और मवेशियों के साथ सारण तटबंध पर शरण लिए हुए हैं. चंचलिया दियारा स्थित बिंद टोली में स्थित काफी दयनीय बनी हुई है. जगदीश राउत, विश्वनाथ राउत, प्यारचन्द्र राउत समेत दर्जनभर से ज्यादा लोगों के घरों में पानी में घुस गया है.

लोग ऊंचे स्थानों पर शरण लिए हुए हैं. सबसे अधिक परेशानी मवेशियों के चारे को लेकर हो गई है. जहां पहले चारों ओर हरी-भरी घास दिखाई देती थी. वहां अब पानी ही पानी दिख रहा है. पशुपालक महंगे दामों पर पशुओं के लिए चारे खरीदने को मजबूर हैं. लोग अपने पशुओं को सारण तटबंध पर बांध कर खुले आसमान के नीचे रहने को विवश हैं. अबतक सरकारी स्तर पर कोई व्यवस्था नहीं की गई है

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वहीं सरकारी सहायता नहीं मिलने से स्थानीय प्रशासन के खिलाफ लोगों में काफी आक्रोश है. बाढ़ पीड़ितों ने बताया कि कि वे लोग दो माह के अंदर लगातार चार- बार बाढ़ की विभीषिका झेल चुके हैं. इधर पुनः शुक्रवार से ही लोगों के घरों में बाढ़ का पानी घुसा गया है. कोई पदाधिकारी या कर्मचारी उन्हें देखने तक नहीं आया और ना ही उन्हें सरकारी स्तर कोई सहायता मिल पायी है. सरकारी स्तर पर नाव तक की व्यवस्था नहीं की गई है. लोग प्राइवेट नाव के सहारे आवागमन कर रहे हैं.

बता दें कि राज्य के 17 जिले बाढ़ (Flood in Bihar) से प्रभावित हैं. बिहार सरकार के आपदा प्रबंधन विभाग (Disaster Management Department) की ओर से दैनिक प्रतिवेदन के माध्यम से मिल रही जानकारी के अनुसार मुजफ्फरपुर, दरभंगा, खगड़िया, सहरसा, पटना, वैशाली, भागलपुर, सारण, बेगूसराय, कटिहार, मुंगेर, समस्तीपुर, पूर्णिया, सीतामढ़ी, पश्चिम चंपारण, पूर्वी चंपारण, गोपालगंज, मधेपुरा के 86 प्रखंडों के अंतर्गत 525 पंचायत आंशिक अथवा पूर्ण रूप से प्रभावित हैं. 17 जिलों के 2202 गांव प्रभावित हैं, जिसमें लगभग 31.97 लाख की जनसंख्या प्रभावित है. बिहार में अब तक 43 लोगों की मौत बाढ़ की वजह से हुई है.

सारण: बिहार में नेपाल के जलग्रहण क्षेत्र में लगातार हो रहे बारिश व वाल्मीकी नगर गंडक बराज से छोड़े गये पानी से गंडक नदी उफान पर है. जिससे सारण (Saran) जिले के तटबंध के निचले इलाकों में बसे लोगों के घरों में गंडक का (Flood In Saran) पानी घुस गया है. भारी तबाही मचाये हुए हैं. जिससे माधोपुर पंचायत के सगुनी, शामपुर, अरदेवा, जिमदाहा, माधोपुर बड़ा, बनिया हसनपुर, डुमरी पंचायत के शीतलपुर, हरपुर फरीदन, चंचलिया पंचायत के चंचलिया दियारा, बिंद टोली गांव में बसे लोग सबसे अधिक प्रभावित हैं.

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वहीं फरीदनपुर निषाद बस्ती बाढ़ के पानी से चारों तरफ से घिर चुका है. बस्ती के लोग अपने घरों से जरूरी सामानों को लेकर नाव के सहारे पानी से निकलकर बांध पर आ रहे हैं. लोग अपने सामा और मवेशियों के साथ सारण तटबंध पर शरण लिए हुए हैं. चंचलिया दियारा स्थित बिंद टोली में स्थित काफी दयनीय बनी हुई है. जगदीश राउत, विश्वनाथ राउत, प्यारचन्द्र राउत समेत दर्जनभर से ज्यादा लोगों के घरों में पानी में घुस गया है.

लोग ऊंचे स्थानों पर शरण लिए हुए हैं. सबसे अधिक परेशानी मवेशियों के चारे को लेकर हो गई है. जहां पहले चारों ओर हरी-भरी घास दिखाई देती थी. वहां अब पानी ही पानी दिख रहा है. पशुपालक महंगे दामों पर पशुओं के लिए चारे खरीदने को मजबूर हैं. लोग अपने पशुओं को सारण तटबंध पर बांध कर खुले आसमान के नीचे रहने को विवश हैं. अबतक सरकारी स्तर पर कोई व्यवस्था नहीं की गई है

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वहीं सरकारी सहायता नहीं मिलने से स्थानीय प्रशासन के खिलाफ लोगों में काफी आक्रोश है. बाढ़ पीड़ितों ने बताया कि कि वे लोग दो माह के अंदर लगातार चार- बार बाढ़ की विभीषिका झेल चुके हैं. इधर पुनः शुक्रवार से ही लोगों के घरों में बाढ़ का पानी घुसा गया है. कोई पदाधिकारी या कर्मचारी उन्हें देखने तक नहीं आया और ना ही उन्हें सरकारी स्तर कोई सहायता मिल पायी है. सरकारी स्तर पर नाव तक की व्यवस्था नहीं की गई है. लोग प्राइवेट नाव के सहारे आवागमन कर रहे हैं.

बता दें कि राज्य के 17 जिले बाढ़ (Flood in Bihar) से प्रभावित हैं. बिहार सरकार के आपदा प्रबंधन विभाग (Disaster Management Department) की ओर से दैनिक प्रतिवेदन के माध्यम से मिल रही जानकारी के अनुसार मुजफ्फरपुर, दरभंगा, खगड़िया, सहरसा, पटना, वैशाली, भागलपुर, सारण, बेगूसराय, कटिहार, मुंगेर, समस्तीपुर, पूर्णिया, सीतामढ़ी, पश्चिम चंपारण, पूर्वी चंपारण, गोपालगंज, मधेपुरा के 86 प्रखंडों के अंतर्गत 525 पंचायत आंशिक अथवा पूर्ण रूप से प्रभावित हैं. 17 जिलों के 2202 गांव प्रभावित हैं, जिसमें लगभग 31.97 लाख की जनसंख्या प्रभावित है. बिहार में अब तक 43 लोगों की मौत बाढ़ की वजह से हुई है.

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