छपरा: बिहार के सारण में जहरील शराबकांड में शामिल मुख्य आरोपी को पुलिस ने गिरफ्तार कर (Main Accused Of Saran Poisonous Liquor Case Arrested) लिया है. गौरतलब है कि विगत 3 अगस्त को मकेर प्रखंड के फुलवरिया भाथा गांव के नोनिया टोली में जहरीली शराब पीने से 11 लोगों की मौत हो गई थी और लगभग 16 लोग गंभीर रूप से बीमार पड़ गए थे. जिनमें से कई की आंखों की रोशनी भी चली गई थी. इस बात को लेकर प्रशासन ने अभियुक्तों की गिरफ्तारी के लिए लगातार प्रयास शुरू किया, शराब माफियाओं के खिलाफ छापेमारी शुरू की. इस दौरान लगभग 5 लोग पहले ही गिरफ्तार किए जा चुके हैं.
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सारण जहरीली शराबकांड का मुख्य आरोपी गिरफ्तार : इस कांड के मुख्य अभियुक्त रामानंद माझी और उनके सप्लायर तथा अन्य अभियुक्तों को सारण पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है. पुलिस कप्तान संतोष कुमार ने कहा कि- 'इस काम के लिए एसआईटी की टीम गठित की गई थी जो लगातार छापेमारी का कार्य कर रही थी और पहले 5 लोगों को एसआईटी की टीम ने गिरफ्तार किया और उसके बाद अब मुख्य अभियुक्त सहित अन्य लोगों की गिरफ्तारी हुई है.'
सारण जहरीली शराबकांड में 11 लोगों की हुई थी मौत : गौरतलब है कि सारण जिले में कई अलग-अलग जगहों पर पिछले 6 महीने के अंदर लगभग दो दर्जन से ज्यादा व्यक्तियों कि जहरीली शराब से मौत हो चुकी है. लगभग दर्जनों लोग इस जहरीली शराब पीकर बीमार पड़े हैं और कई लोगों की आंखों की रोशनी भी जा चुकी है. जहरीली शराबकांड के मुख्य अभियुक्त रामानंद माझी और सप्लायर धर्मेंद्र राय, मोहन राय और प्रताप सिंह की गिरफ्तारी इस कांड में की गई है. रामानंद मांझी जिले के भेलदी का रहने वाला है जबकि अन्य अन्य अभियुक्त भी निकटवर्ती गड़खा और परसा के रहने वाले है.
90 से अधिक लोगों को हिरासत में लिया गया था : गौरतलब है कि बिहार में छपरा के मकेर और भेल्दी में जहरीली शराब पीने से 11 लोगों की मौत मामले में बड़ी कार्रवाई की गई थी. सारण एसपी संतोष कुमार (Saran SP Santosh Kumar) ने बताया था कि मकेर थानेदार नीरज कुमार मिश्रा और चौकीदार को तत्काल प्रभाव से निलंबित (SHO and Chowkidaar suspended in Chapra) कर दिया है और किशोरी चौधरी को मकेर का नया थानेदार बनाया गया है. वहीं, पुलिस ने शराबबंदी कानून का उल्लंघन करने के आरोप में 90 से अधिक लोगों को हिरासत में लिया.
बिहार में शराबबंदी कानून लागू : बता दें कि 5 अप्रैल 2016 से बिहार में पूर्ण शराबबंदी (Liquor Ban In Bihar) के बावजूद भी बिहार में शराबबंदी कानून पूर्ण रूप से लागू नहीं हो पा रहा है. इस कारण से जहरीली शराब से लगातार बिहार के विभिन्न जिलों में लोगों की मौत हो रही है. सवाल यह उठ रहा है कि आखिर जहरीली शराब से हो रही मौत का जिम्मेदार कौन है. गौरतलब है कि 2015 के बिहार विधानसभा चुनाव में जीत के बाद नीतीश कुमार ने अप्रैल 2016 में शराबबंदी कानून लागू किया था. कानून के तहत शराब की बिक्री, पीने और इसे बनाने पर प्रतिबंध है. शुरुआत में इस कानून के तहत संपत्ति कुर्क करने और उम्र कैद की सजा तक का प्रावधान था, लेकिन 2018 में संशोधन के बाद सजा में थोड़ी छूट दी गई थी.
मद्य निषेध और उत्पाद संशोधन विधेयक 2022 : इतना ही नहीं बिहार विधानसभा में शराबबंदी कानून में संशोधन (Amendment in Prohibition Law) विधेयक पास किया गया था. आबकारी मंत्री सुनील कुमार ने सदन में मद्य निषेध और उत्पाद संशोधन विधेयक 2022 (Liquor Prohibition Amendment Bill 2022) पेश किया था. इस विधेयक में एक तरफ जहां लोगों को राहत दी गई है, वहीं तरफ सख्ती भी बरती गई है. जुर्माना देकर शराब पीने वालों को छोड़ने का प्रावधान है तो कड़ी कार्रवाई के साथ-साथ बुलडोजर भी चलेगा.