सारण: गंडक बराज से लगातार पानी डिस्चार्ज होने के कारण सारण में बाढ़ की तबाही बदस्तूर जारी है. जिसमें मुख्य रूप से पानापुर, तरैया मशरख, अमनौर, मकेर, परसा मढौरा पहले से ही जलमग्न हैं. अब इसमें कुछ नए इलाके गरखा, दरियापुर और भी बाढ़ की चपेट में आ गए हैं. वहीं आए दिन दिघवारा के नये-नये इलाके जलमग्न हो रहे हैं. जिस कारण ग्रामीणों में भय का माहौल कायम है.
वहीं घर के आसपास पानी इकट्ठा होने से आमजन के साथ मवेशियों की भी परेशानी बढ़ गई है. बाढ़ का आलम यह है कि दरियापुर रेलपहिया कारखाना के पास स्थित पूरा इलाका नदी में तब्दील हो गया है. यही नहीं दरियापुर रेलपहिया के आसपास के लगभग दर्जनों गांव नदी में तब्दील हो गए हैं.
प्रशासन द्वारा छोटी नाव का बंदोबस्त
साथ ही नयागांव स्थित दलित बस्ती निजामचक अम्बेडकर नगर चारो तरफ से पानी में घिर गया है. इस गांव में लगभग 35 घर मौजूद है. यहां के सभी लोग रेलवे लाइन सड़क के किनारे अपना गुजर बसर कर रहे हैं. स्थानीय लोगों ने बताया कि प्रशासन द्वारा सिर्फ एक छोटी नाव की व्यवस्था की गई है. वो भी दो बार पलट गया है. इसमें बमुश्किल तीन से 4 लोग ही बैठ पाते हैं.
सत्तू खाकर काट रहे जिंदगी
स्थानीय लोगों ने बताया कि चारो तरफ पानी से घिर जाने के कारण हम लोगों को अत्यधिक समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है. घर का समान लाने और मरीजों को आवागमन में काफी समस्याओं हो रहा है. सड़क किनारे बेबसी में गुजर बसर कर रहे लोगों के खाने-पीने की व्यवस्था तक नहीं की गई है. ऐसे में लोग किसी तरह चुड़ा, सत्तू खाकर जिंदगी काट रहे हैं.
'भगवान के भरोसे चल रही जिंदगी'
स्थानीय सोहन माझी ने बताया कि जब से लॉकडाउन लागू होने के समय से ही काम-धंधा ठप है. इसके बाद अब बाढ़ में मरने की नौबत आ गई है. ऐसे मुश्किल घड़ी में सरकार तो नहीं भगवान का ही भरोसा है.