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Saran Flood News: सैकड़ों घरों में घुसा बाढ़ का पानी, लोग पलायन को मजबूर

सारण (Saran) जिले में लगातार हो रही बारिश के कारण गंडक नदी उफान पर है. नदी का जलस्तर लगातार बढ़ने के कारण सारण तटबंध के निचले इलाकों में बसे गावों के सैकड़ों घरों में बाढ़ का पानी घुस जाने से लोग पलायन करने को मजबूर हो गए हैं.

सारण
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Published : Jun 19, 2021, 9:01 AM IST

सारण: गंडक नदी के जलग्रहण क्षेत्रों में पिछले सात दिनों से हो रही लगातार बारिश और नेपाल द्वारा वाल्मीकिनगर बराज से काफी मात्रा में पानी छोड़े जाने से गंडक नदी उफान पर है. नदी का जलस्तर लगातार बढ़ने से सारण (Saran) तटबंध के निचले इलाकों में बसे पृथ्वीपुर, सलेमपुर सोनवर्षा, बसहिया, उभवा सारंगपुर, रामपुररुद्र 161 और अन्य गांवों के सैकड़ों घरों में बाढ़ का पानी प्रवेश कर गया है. जिससे लोग पलायन करने पर मजबूर हो गए हैं. लोग अपने जरूरी सामानों और मवेशियों के साथ सारण तटबंध पर शरण लेने को मजबूर हैं.

ये भी पढ़ें : मुजफ्फरपुर: भारी बारिश से नदियों के जलस्तर में बढ़ोतरी, DM ने गंडक नदी के तटबंध का किया निरीक्षण

सैकड़ों एकड़ में लगी फसल बर्बाद
सारण तटबंध के निचले इलाकों के सैकड़ों एकड़ में लगी फसलें पानी मे डूब गई हैं. सारण तटबंध से रामपुररुद्र 161 गांव को जाने वाली सड़क पर तीन फुट से ज्यादा पानी का बहाव हो रहा है. जिससे इस गांव का सड़क संपर्क टूट गया है. पिछले वर्ष प्रखंड में बाढ़ की विभीषिका झेल चुके लोग फिर सहमे हुए हैं.

ये भी पढ़ें : बेतिया: DM ने किया वाल्मीकिनगर गंडक बराज का निरीक्षण, कहा- 'किसी भी तरह की नहीं बरती जाए लापरवाही'

सारण तटबंध को फिलहाल कोई खतरा नहीं
गंडक नदी की तेज धारा से प्रखंड के सलेमपुर और सोनवर्षा गांव में हो रहे तेज कटाव से लोगों के खेत नदी में विलीन होते जा रहे हैं. ग्रामीणों ने बताया कि अगर इसी तरह कटाव जारी रहा तो सारण तटबंध पर भी खतरा उत्पन्न हो जाएगा.

हालांकि बाढ़ नियंत्रण विभाग के पदाधिकारियों ने बताया कि सारण तटबंध को फिलहाल कोई खतरा नहीं है. इस बीच एसडीओ मढ़ौरा विनोद कुमार तिवारी, बीडीओ मो. सज्जाद, सीओ रणधीर प्रसाद लगातार स्थिति पर नजर बनाए हुए हैं.

केवल गंडक नदी का जलस्तर खतरे के निशान से पार
केंद्रीय जल आयोग के अनुसार गंडक नदी का जलस्तर डुमरिया घाट में खतरे के निशान से 58 सेंटीमीटर ऊपर है. जिसमें 60 सेंटीमीटर की वृद्धि होने की संभावना है लेकिन अन्य स्थानों पर जलस्तर नीचे है.

बता दें कि रीवा घाट पर पानी खतरे के निशान से 96 सेंटीमीटर नीचे है. जिसमें 71 सेंटीमीटर की वृद्धि होने की संभावना है. वहीं बागमती, अधवारा समूह की नदी, कमला बलान, गंगा और अन्य प्रमुख नदियां भी खतरे के निशान से नीचे हैं.

सारण: गंडक नदी के जलग्रहण क्षेत्रों में पिछले सात दिनों से हो रही लगातार बारिश और नेपाल द्वारा वाल्मीकिनगर बराज से काफी मात्रा में पानी छोड़े जाने से गंडक नदी उफान पर है. नदी का जलस्तर लगातार बढ़ने से सारण (Saran) तटबंध के निचले इलाकों में बसे पृथ्वीपुर, सलेमपुर सोनवर्षा, बसहिया, उभवा सारंगपुर, रामपुररुद्र 161 और अन्य गांवों के सैकड़ों घरों में बाढ़ का पानी प्रवेश कर गया है. जिससे लोग पलायन करने पर मजबूर हो गए हैं. लोग अपने जरूरी सामानों और मवेशियों के साथ सारण तटबंध पर शरण लेने को मजबूर हैं.

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सैकड़ों एकड़ में लगी फसल बर्बाद
सारण तटबंध के निचले इलाकों के सैकड़ों एकड़ में लगी फसलें पानी मे डूब गई हैं. सारण तटबंध से रामपुररुद्र 161 गांव को जाने वाली सड़क पर तीन फुट से ज्यादा पानी का बहाव हो रहा है. जिससे इस गांव का सड़क संपर्क टूट गया है. पिछले वर्ष प्रखंड में बाढ़ की विभीषिका झेल चुके लोग फिर सहमे हुए हैं.

ये भी पढ़ें : बेतिया: DM ने किया वाल्मीकिनगर गंडक बराज का निरीक्षण, कहा- 'किसी भी तरह की नहीं बरती जाए लापरवाही'

सारण तटबंध को फिलहाल कोई खतरा नहीं
गंडक नदी की तेज धारा से प्रखंड के सलेमपुर और सोनवर्षा गांव में हो रहे तेज कटाव से लोगों के खेत नदी में विलीन होते जा रहे हैं. ग्रामीणों ने बताया कि अगर इसी तरह कटाव जारी रहा तो सारण तटबंध पर भी खतरा उत्पन्न हो जाएगा.

हालांकि बाढ़ नियंत्रण विभाग के पदाधिकारियों ने बताया कि सारण तटबंध को फिलहाल कोई खतरा नहीं है. इस बीच एसडीओ मढ़ौरा विनोद कुमार तिवारी, बीडीओ मो. सज्जाद, सीओ रणधीर प्रसाद लगातार स्थिति पर नजर बनाए हुए हैं.

केवल गंडक नदी का जलस्तर खतरे के निशान से पार
केंद्रीय जल आयोग के अनुसार गंडक नदी का जलस्तर डुमरिया घाट में खतरे के निशान से 58 सेंटीमीटर ऊपर है. जिसमें 60 सेंटीमीटर की वृद्धि होने की संभावना है लेकिन अन्य स्थानों पर जलस्तर नीचे है.

बता दें कि रीवा घाट पर पानी खतरे के निशान से 96 सेंटीमीटर नीचे है. जिसमें 71 सेंटीमीटर की वृद्धि होने की संभावना है. वहीं बागमती, अधवारा समूह की नदी, कमला बलान, गंगा और अन्य प्रमुख नदियां भी खतरे के निशान से नीचे हैं.

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