सारणः बिहार में लगातार हो रही बारिश के कारण नदियों के जलस्तर में बढ़ोतरी हो रही है. वहीं, जिले में बूढ़ी गंडक और बागमती नदी उफान पर है. इस समय बूढ़ी गंडक और बागमती नदी खतरे के निशान से ऊपर बह रही है, जिसके चलते नदी का पानी लोगों की घरों में घुस चुका है. पानी के घुसने के कारण हजारों लोग अपने घरों को छोड़कर जा चुके हैं.
8 प्रखंड बाढ़ के पानी से घिरे
सारण जिले के लगभग 8 प्रखंड बाढ़ के पानी से घिरे हुए हैं. जिसके कारण लोग पलायन कर उंचे स्थान पर शरण लिए हुए हैं. पर अब बाढ़ का पानी मशरख, तरैया, पानापुर, मकेर, अमनौर और परसा में स्थिर हो गया है. कुछ इलाकों में 2 फिट तक पानी कम हुआ है. लेकिन अब बाढ़ का पानी दरियापुर प्रखंड के दर्जनों गांव तक पहुंच गया है. जिससे दर्जनों गांव जलमग्न हो गए हैं.
- ग्रामीण नवल राय ने कहा कि काफी दिक्कत हो रही है. सरकार की ओर से कोई भी सुविधा नहीं मिल रही है.
- स्थानीय रामदयाल राय ने कहा कि एक वक्त खाते हैं. दूसरे वक्त भूखे ही सो जाते हैं. क्या करें काफी समस्या है.
- बिधान कुमार ने कहा कि दो दिनों से खाना नहीं मिला है. आखिर अपनी समस्या हमलोग किसे बताएं.
- मतीझरी देवी ने कहा कि पूरे घर में पानी घुस गया है. अगर और पानी बढ़ा तो डूब जाएंगे.
दरियापुर प्रखंड में घुसा बाढ़ का पानी
वहीं, बाढ़ का पानी दरियापुर प्रखंड के नाथा छपरा, सुंदरपुर, केवटिया और नवादा के कई गांव में घुस गया है. जिससे दरियापुर बाजार के सड़क के ऊपर से पानी का बहाव शुरू हो गया हैं. वहीं ईटीवी भारत की टीम जब सुंदरपुर गांव पहुंची, तो वहां की स्थिति भयावह थी. लोग घर को छोड़ सड़क किनारे अपने मवेशियों के साथ रह रहे हैं. दरियापुर प्रखंड में परसा और गरखा के तरफ से पानी आकर लोगों को जीना मुश्किल कर दिया है.
लोगों को हो रही परेशानी
ग्रामीणों का कहना है कि बाढ़ के पानी घर में घुस गया है. जिसके चलते हमलोग मजबूरन उंचे स्थान पर शरण लिए हुए हैं. फसल भी बर्बाद हो गया है. मवेशियों को खिलाने के लिये चारा भुसा सब भींग गया है. ग्रामीणों का कहना है कि घर के साथ-साथ चापाकल भी बाढ़ के पानी मे डूब गया है. जिसके कारण पीने का साफ पानी भी नहीं मिल पा रहा है. लेकिन सरकार मदद के नाम पर कुछ नहीं कर रही है.