सारण: वाल्मीकि नगर बैराज से लाखों क्यूसेक पानी छोड़े जाने के बाद निचले इलाके के लोगों में दहशत का माहौल है. लोग अपने मवेशियों और जान-माल समेटे ऊंची जगहों पर पलायन कर रहे हैं. लेकिन सरकार की ओर से अब तक कोई भी मदद नहीं पहुंच सकी है. लोग सड़क किनारे रहने को मजबूर हैं.
वहीं जिले में गरखा प्रखंड के मैकी, रज्जुपुर और रायपुरा मे अभी भी बाढ़ का पानी लगा हुआ है. जिससे एक बड़ी आबादी इस बाढ़ से प्रभावित है.
बाढ़ में डूबने से हुई कई लोगों की मौत
छपरा के आधे से ज्यादा प्रखंडो में बाढ़ का प्रकोप अभी भी बना हुआ है. इस स्थिति में बाढ़ ग्रस्त क्षेत्रों में विद्युत आपूर्ति नहीं हो रही है. जिसके कारण रात में बाढ़ ग्रस्त इलाको में सांप और बिच्छू का लोगों में डर बना हुआ है. वहीं बाढ़ के पानी में गहराई का अंदाजा नहीं मिलने से कई लोगों का डूबने से भी मौत हो चुकी है.
सहायता के नाम पर कुछ भी नहीं
बाढ़ प्रभावित इलाकों में आवागमन पूरी तहर से ठप हो गई है, इस स्थिति में नाव ही एकमात्र सहारा है. वहीं सरकार की ओर से अब तक बाढ़ पीड़ितों को कोई मदद नहीं मिलने से लोगों में आक्रोश है. बाढ़ पीड़ितों का कहना है की आज 20 दिन से ऊपर हो गया है लेकिन अभी तक सरकारी सहायता के नाम पर कुछ भी नहीं मिला है. बस कुछ प्लास्टिक शीट और भोजन के लिए थोड़े सुखे राशन उपलब्द कराए गए थे.
सरकार की ओर से कोई मदद नहीं
वहीं जन प्रतिनिधि और स्थानीय प्रशासन के लोगों ने बाढ़ इलाकों का दौरा किया, लेकिन इन बाढ़ पीड़ितों को अभी तक कोई सरकारी सहायता नहीं मिली है. मैकी गांव के रहने वाले करीब तीन सौ परिवार इस बाढ़ के कारण सड़को के किनारे रहने को विवश है.