छपरा: बिहार के छपरा में शनिवार को अंतरराष्ट्रीय फिल्म फेस्टिवल का आयोजन किया गया. इस आयोजन में 28 देशों के प्रतिनिधि भाग ले रहे हैं और इस दौरान लगभग 200 से ज्यादा फिल्में 2 दिन में दिखाई जाएगी. इस कार्यक्रम का उद्घाटन कला संस्कृति एवं युवा मामलों के मंत्री जीतेंद्र राय और 'चंद्रकांता के क्रूर सिंह' अखिलेंद्र मिश्र ने दीप प्रज्वलित कर किया. अपने चिर परिचित अंदाज में जटा-टवी.. की उद्घोषणा के साथ ही क्रूर सिंह यानी अखिलेंद्र मिश्र ने कहा कि वे इसी छपरा की मिट्टी में जन्में और पले बढ़े हैं.
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बिहार में नाटकों का मंचन खत्मः अखिलेंद्र मिश्र ने कहा कि आज का ज्योति सिनेमा जो कभी महेंद्र चित्रमंदिर हुआ करता था. उसमें भी नाटक किया करते थे. उन्होंने इस बात पर काफी अफसोस जताया कि बिहार में नाटकों का मंचन पूर्ण रूप से बंद हो चुका है. उन्होंने कहा कि मैं चाहता हूं नाटक वह सजीव कला है जो फिल्म का आधार है और यह फिर से चालू होना चाहिए. आज अखिलेंद्र मिश्र की एक पुस्तक का भी विमोचन किया गया.
"आज का ज्योति सिनेमा जो कभी महेंद्र चित्रमंदिर हुआ करता था. उसमें भी नाटक किया करते थे. बिहार में नाटकों का मंचन पूर्ण रूप से बंद हो चुका है. मैं चाहता हूं कि नाटक वह सजीव कला है जो फिल्म का आधार है और यह फिर से चालू होना चाहिए" - अखिलेंद्र मिश्र, कलाकार
सारण में कला-संस्कृति का हो विकास: वही कला संस्कृति एवं युवा मामलों के मंत्री ने कहा कि सारण में पहले इस तरह की सुविधाएं नहीं थी. आज एक अच्छा प्रेक्षागृह सारण में उपलब्ध है और यह मेरा सौभाग्य है कि मैं भी इसी सारण जिले से हूं. मैं चाहता हूं कि सारण जिले में हर क्षेत्र में तरक्की हो, चाहे वह नाटक हो, गीत हो, संगीत हो. जितेंद्र राय ने कहा कि वे चाहते हैं कि बिहार के कलाकारों और कला संस्कृति को हर संभव सहायता दी जाए. इसके साथ ही लोगों ने इस प्रेक्षागृह का नाम भोजपुरी के शेक्सपियर भिखारी ठाकुर के नाम पर रखने की मांग की. इस पर मंत्री जितेंद्र राय ने कहा कि इस प्रस्ताव को मैं आगे भेजूंगा.
"सारण में पहले इस तरह की सुविधाएं नहीं थी. आज एक अच्छा प्रेक्षागृह सारण में उपलब्ध है और यह मेरा सौभाग्य है कि मैं भी इसी सारण जिले से हूं. मैं चाहता हूं कि सारण जिले में हर क्षेत्र में तरक्की हो, चाहे वह नाटक हो, गीत हो, संगीत हो"- जीतेंद्र राय, कला संस्कृति मंत्री