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छपरा: पीड़ित परिवार को न मिली सरकारी सहायता, दलित बस्ती में लगी आग से हुई थी बच्चे की मौत

1 दिसंबर को तरैया थाना क्षेत्र के पचभिंडा गांव के दलित बस्ती आग लग गई थी. इससे 7 साल के एक बच्चे की मौत हो गई थी. पीड़ित रिंटू राम का घर जलकर राख हो गया था. आज रिंटू राम का परिवार भूखे मरने को विवश है.

There was fire in dalit colony
दलित बस्ती में लगी थी आग
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Published : Dec 7, 2020, 8:36 PM IST

छपरा: सारण जिले के तरैया प्रखंड में अगलगी की घटना के शिकार परिवार को अभी तक सरकारी सहायता राशि नहीं मिली है. इससे पीड़ितों में रोष है.

गौरतलब है कि 1 दिसंबर को तरैया थाना क्षेत्र के पचभिंडा गांव के दलित बस्ती में आग लग गई थी. इससे 7 साल के एक बच्चे की मौत हो गई थी. पीड़ित रिंटू राम का घर जलकर राख हो गया था. आज रिंटू राम का परिवार भूखे मरने को विवश है.

रिंटू राम की फूस की झोपड़ी में खाना बनाने के क्रम में चूल्हे की चिंगारी से आग लग गई थी. हादसे में रिंटू का बेटा आलोक कुमार जिंदा झुलस गया था. घटनास्थल पर ही उसकी दर्दनाक मौत हो गई थी. स्थानीय जनप्रतिनिधि और कई संगठनों के लोगों ने रिंटू को आर्थिक सहायता और इंदिरा आवास देने की मांग की थी, लेकिन अभी तक रिंटू को इस संबंध में जिला प्रशासन द्वारा कुछ भी उपलब्ध नहीं कराया गया है. नियमानुसार सहायता राशि देने का प्रावधान है. वहीं, सूत्रों के अनुसार अभी तक सहायता के नाम पर मात्र 9800 रुपए मिल पाए हैं.

इस दलित बस्ती के लोगों को अभी तक प्रधानमंत्री आवास योजना या इंदिरा आवास योजना का लाभ नहीं मिल पाया है. अगर इन लोगों के पास इंदिरा आवास योजना में मिला आवास होता तो शायद रिंटू राम का 7 वर्षीय बेटा आलोक आज जिंदा होता.

छपरा: सारण जिले के तरैया प्रखंड में अगलगी की घटना के शिकार परिवार को अभी तक सरकारी सहायता राशि नहीं मिली है. इससे पीड़ितों में रोष है.

गौरतलब है कि 1 दिसंबर को तरैया थाना क्षेत्र के पचभिंडा गांव के दलित बस्ती में आग लग गई थी. इससे 7 साल के एक बच्चे की मौत हो गई थी. पीड़ित रिंटू राम का घर जलकर राख हो गया था. आज रिंटू राम का परिवार भूखे मरने को विवश है.

रिंटू राम की फूस की झोपड़ी में खाना बनाने के क्रम में चूल्हे की चिंगारी से आग लग गई थी. हादसे में रिंटू का बेटा आलोक कुमार जिंदा झुलस गया था. घटनास्थल पर ही उसकी दर्दनाक मौत हो गई थी. स्थानीय जनप्रतिनिधि और कई संगठनों के लोगों ने रिंटू को आर्थिक सहायता और इंदिरा आवास देने की मांग की थी, लेकिन अभी तक रिंटू को इस संबंध में जिला प्रशासन द्वारा कुछ भी उपलब्ध नहीं कराया गया है. नियमानुसार सहायता राशि देने का प्रावधान है. वहीं, सूत्रों के अनुसार अभी तक सहायता के नाम पर मात्र 9800 रुपए मिल पाए हैं.

इस दलित बस्ती के लोगों को अभी तक प्रधानमंत्री आवास योजना या इंदिरा आवास योजना का लाभ नहीं मिल पाया है. अगर इन लोगों के पास इंदिरा आवास योजना में मिला आवास होता तो शायद रिंटू राम का 7 वर्षीय बेटा आलोक आज जिंदा होता.

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