छपरा: विश्व प्रसिद्ध हरिहर क्षेत्र सोनपुर मेला से करीब 2 किलोमीटर उत्तर बैजलपुर गांव में स्थित प्राचीन जड़ भरत ऋषि का आश्रम भक्तों और दर्शकों के अभाव में उदास पड़ा है. सोनपुर मेला के समय में भी यह आश्रम सुनसान रहता है. सरकारी उपेक्षा का शिकार इस आश्रम को बिहार हेरिटेज में शामिल करने की मांग की गई है.
बताया जाता है कि जड़भरत की कहानी विष्णु पुराण के दूसरे भाग में और भागवत पुराण के पंचम काण्ड में है. इसके अलावा जड़ भरत की कथा आदि पुराण नामक जैन ग्रन्थ में भी लिखी हुई है. लेकिन दुर्भाग्य है कि इस महान ऋषि के आश्रम तक पहुंचने के लिए ना तो यातायात की सुविधा है और ना वहां कोई गाइड की व्यवस्था है. जो यहां पहुंचने वालों श्रद्धालुओं को बाबा जड़भरत के बारे में कुछ बता सके.
सरकारी उपेक्षा का शिकार है ये आश्रम
बता दें कि शायद ही कोई भूले भटके लोग या श्रद्धालु यहां पहुंच पाते हैं. सरकारी उपेक्षा के कारण जड़भरत ऋषि का आश्रम अब तक पर्यटन स्थल नहीं बन सका. जबकि बाबा जड़ भरत का वर्णन ग्रंथों में वर्णित है. साथ ही बता दें कि सोनपुर के रेलवे प्लेटफार्म पर एक बोर्ड लगा है जिस पर स्पष्ट लिखा है कि हरिहरनाथ मंदिर यहां से 2 किलोमीटर पूर्व है की ओर और पुराणों में वर्णित जड़भरत ऋषि का आश्रम 2 किलोमीटर उत्तर स्थित है. लेकिन इतने प्रसिद्ध स्थल तक श्रद्धालुओं और देशी-विदेशी पर्यटकों को ले जाने का कोई भी प्रयास आजादी के इतने सालों बाद तक ना तो रेल प्रशासन कर सका है ओर ना ही राज्य सरकार ने की.
पर्यटक स्थल के रूप में नहीं किया जा रहा विकसित
इसके अलावे बता दें कि इस आश्रम में चुनाव के समय वर्तमान सांसद राजीव प्रताप रूडी, विधायक रामानुज राय और पूर्व विधायक विनय सिंह सहित कई नेता मत्था टेकने जरूर आते हैं. वहीं, मंदिर न्यास समिति के अध्यक्ष रहते कई बार खुद डीजीपी गुप्तेश्वर पांडेय ने भी बाबा जड़भरत का दर्शन किया है. लेकिन इसे पर्यटक स्थल के रूप में विकसित करने का प्रयास कभी नहीं किया गया. जिससे इस आश्रम की ख्याति हर रोज समाप्त होती जा रही है.
आश्रम को बिहार हेरिटेज में शामिल करने की मांग
इसी कारण से गरीब रक्षक आर्मी के संयोजक प्रभात रंजन, अहीप बजरंग दल उपाध्यक्ष राकेश सिंह, शुभम सत्यार्थी, जिला मंत्री निशु सिंह, जनता पार्टी के जिला प्रभारी मुकेश सिंह, अभाविप के राज्य कार्यकारिणी सदस्य यशवंत कुमार, नगर मंत्री घनश्याम, सड़क संघर्ष दल के राणा राजेश सिंह और घनश्याम तिवारी सहित दर्जनों युवकों ने बैठक कर इस आश्रम को बिहार हेरिटेज में शामिल करने की मांग की. साथ ही इन लोगों ने मांग पूरी नहीं होने पर आंदोलन करने की भी चेतावनी दी.