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पर्सनल लोन लेने के बाद अकाउंट हो गया साफ.. साइबर लुटेरों ने उड़ाए 8.25 लाख रुपए

साइबर लुटेरों ने एक शिक्षक के अकाउंट को खाली कर दिया. उनके अकाउंट में जमा 8.25 लाख रुपए उड़ा दिए. पीड़ित शिक्षक ने पुलिस में शिकायत दर्ज कराई है. गाढ़ी कमा

पर्सनल लोन लेने के बाद अकाउंट हो गया साफ
पर्सनल लोन लेने के बाद अकाउंट हो गया साफ
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Published : Oct 8, 2021, 3:43 PM IST

सारण: बिहार के छपरा में साइबर लुटेरों (Cyber Crime) ने एक शिक्षक के अकाउंट से 8.25 लाख रुपए उड़ा लिये. पीड़ित शिक्षक खरीदहा प्राथमिक विद्यालय में सहायक शिक्षक के रूप में कार्य करते हैं. उन्होंने हाल ही में किसी जरूरी काम के लिए बैंक से 7.5 लाख रुपए पर्सनल लोन लिया हुआ था. इसके अलावा तीन महीने का वेतन और पूर्व की राशि मिलाकर 8.25 लाख रुपए SBI अमनौर ब्रांच के सैलरी अकाउंट में जमा थे. लेकिन जब वो बैंक पहुंचे तो पता चला कि उनके अकाउंट में रकम ही नहीं है. ये सुनते ही उनके पैरों तले की जमीन खिसक गई.

ये भी पढ़ें- हो जाइये सावधान... बिहार में बढ़ रहा 'साइबर क्राइम', 6 सालों में 5 गुना बढ़े मामले

इस मामले में पीड़ित शिक्षक ने थाना में एक लिखित शिकायत भी दर्ज कराई है. पीड़ित शिक्षक अपहर गांव के रहने वाले हैं. उन्होंने बताया कि इसके पहले भी वो अपनी रकम निकालने के लिए बैंक गए हुए थे. तब बैंककर्मी ने बताया कि अकाउंट होल्ड होने की वजह से रकम निकासी नहीं हो सकती. तीन जून 2021 को उन्होंने 7.5 लाख रुपए का पर्सनल लोन लिया था. 3 जून 2021 से ही उनके मोबाइल पर बैंक से मैसेज आने बंद हो गए थे.

उन्होंने बताया कि उनकी ओर से अकाउंट से रकम निकासी नहीं की गई है. जब अकाउंट में रकम नहीं होने की सूचना बैंककर्मी के द्वारा दी गई तो तुरंत शाखा प्रबंधक से इसकी शिकायत दर्ज कराई. ब्रांच मैनेजर ने स्टेटमेंट निकालकर देखा और छानबीन शुरू की.

ईटीवी भारत GFX.
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ये भी पढ़ें- Online क्लास में लड़कियों की न्यूड फोटो करता था शेयर.. बिहार से दिल्ली दबोच ले गई साइबर सेल

इधर पीड़ित शिक्षक के आवेदन पर पुलिस भी सक्रिय हो गई है. खाता से अवैध निकासी हो जाने से शिक्षक के घर लोग सदमे में हैं. पुलिस आवेदन के आधार पर जांच शुरू की गई है.

बिहार में इन दिनों साइबर फ्रॉड द्वारा खाते और मोबाइल फोन को हैक करके रुपए की निकासी की जा रही है. इसके अलावा मंत्री, विधायक, आईएएस, आईपीएस अधिकारियों के फर्जी अकाउंट बनाकर पैसे की मांग की जा रही है. इसके अलावा इनाम, सम्मान सस्ते में देने का दावा या बकाए रकम की वापसी का झांसा भी दिया जाता है. फ्रॉड, लिंक भेजते हैं और लिंक को क्लिक करते ही खाते से रुपए की निकासी होना भी सबसे बड़ा कारण माना जा रहा है.

ईटीवी भारत GFX.
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आपको बता दें कि एनसीईआरबी के आंकड़े के मुताबिक साल 2020 में ऑनलाइन बैंकिंग धोखाधड़ी के 4047 मामले दर्ज किए गए हैं. वहीं ओटीपी धोखाधड़ी के 1093 मामले दर्ज किए गए हैं. क्रेडिट कार्ड, डेबिट कार्ड धोखाधड़ी के 1194 मामले जबकि एटीएम से जुड़े 2160 मामले दर्ज किए गए हैं. सोशल मीडिया पर फर्जी सूचना के 578 मामले दर्ज किए गए हैं. वहीं ऑनलाइन परेशान करने या महिलाओं, बच्चों को साइबर धमकी से जुड़े 972 मामले दर्ज किए गए हैं, जबकि फर्जी प्रोफाइल के 149 और आंकड़ों की चोरी के 98 मामले दर्ज किए गए हैं.

साल 2020 में दर्ज एफआईआर में से 60.2% साइबर अपराध फर्जीवाड़ा से जुड़ा हुआ पाया गया है. साइबर अपराध के सबसे ज्यादा 11097 मामले उत्तर प्रदेश से सामने आए हैं. बिहार सहित पूरे देश में ऑनलाइन फ्रॉड रोकने के लिए केंद्रीय गृह मंत्रालय के द्वारा एक विशेष साइबर सेल बनाया गया है.

नोट: ऑनलाइन फ्रॉड की शिकायत के लिए हेल्पलाइन नंबर 155260 पर कॉल कर सकते हैं. इसके अलावा साइबर फ्रॉड की वेबसाइट :https//cybercrime.gov.in पर भी अपनी शिकायत दर्ज करा सकते हैं.

सारण: बिहार के छपरा में साइबर लुटेरों (Cyber Crime) ने एक शिक्षक के अकाउंट से 8.25 लाख रुपए उड़ा लिये. पीड़ित शिक्षक खरीदहा प्राथमिक विद्यालय में सहायक शिक्षक के रूप में कार्य करते हैं. उन्होंने हाल ही में किसी जरूरी काम के लिए बैंक से 7.5 लाख रुपए पर्सनल लोन लिया हुआ था. इसके अलावा तीन महीने का वेतन और पूर्व की राशि मिलाकर 8.25 लाख रुपए SBI अमनौर ब्रांच के सैलरी अकाउंट में जमा थे. लेकिन जब वो बैंक पहुंचे तो पता चला कि उनके अकाउंट में रकम ही नहीं है. ये सुनते ही उनके पैरों तले की जमीन खिसक गई.

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इस मामले में पीड़ित शिक्षक ने थाना में एक लिखित शिकायत भी दर्ज कराई है. पीड़ित शिक्षक अपहर गांव के रहने वाले हैं. उन्होंने बताया कि इसके पहले भी वो अपनी रकम निकालने के लिए बैंक गए हुए थे. तब बैंककर्मी ने बताया कि अकाउंट होल्ड होने की वजह से रकम निकासी नहीं हो सकती. तीन जून 2021 को उन्होंने 7.5 लाख रुपए का पर्सनल लोन लिया था. 3 जून 2021 से ही उनके मोबाइल पर बैंक से मैसेज आने बंद हो गए थे.

उन्होंने बताया कि उनकी ओर से अकाउंट से रकम निकासी नहीं की गई है. जब अकाउंट में रकम नहीं होने की सूचना बैंककर्मी के द्वारा दी गई तो तुरंत शाखा प्रबंधक से इसकी शिकायत दर्ज कराई. ब्रांच मैनेजर ने स्टेटमेंट निकालकर देखा और छानबीन शुरू की.

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इधर पीड़ित शिक्षक के आवेदन पर पुलिस भी सक्रिय हो गई है. खाता से अवैध निकासी हो जाने से शिक्षक के घर लोग सदमे में हैं. पुलिस आवेदन के आधार पर जांच शुरू की गई है.

बिहार में इन दिनों साइबर फ्रॉड द्वारा खाते और मोबाइल फोन को हैक करके रुपए की निकासी की जा रही है. इसके अलावा मंत्री, विधायक, आईएएस, आईपीएस अधिकारियों के फर्जी अकाउंट बनाकर पैसे की मांग की जा रही है. इसके अलावा इनाम, सम्मान सस्ते में देने का दावा या बकाए रकम की वापसी का झांसा भी दिया जाता है. फ्रॉड, लिंक भेजते हैं और लिंक को क्लिक करते ही खाते से रुपए की निकासी होना भी सबसे बड़ा कारण माना जा रहा है.

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आपको बता दें कि एनसीईआरबी के आंकड़े के मुताबिक साल 2020 में ऑनलाइन बैंकिंग धोखाधड़ी के 4047 मामले दर्ज किए गए हैं. वहीं ओटीपी धोखाधड़ी के 1093 मामले दर्ज किए गए हैं. क्रेडिट कार्ड, डेबिट कार्ड धोखाधड़ी के 1194 मामले जबकि एटीएम से जुड़े 2160 मामले दर्ज किए गए हैं. सोशल मीडिया पर फर्जी सूचना के 578 मामले दर्ज किए गए हैं. वहीं ऑनलाइन परेशान करने या महिलाओं, बच्चों को साइबर धमकी से जुड़े 972 मामले दर्ज किए गए हैं, जबकि फर्जी प्रोफाइल के 149 और आंकड़ों की चोरी के 98 मामले दर्ज किए गए हैं.

साल 2020 में दर्ज एफआईआर में से 60.2% साइबर अपराध फर्जीवाड़ा से जुड़ा हुआ पाया गया है. साइबर अपराध के सबसे ज्यादा 11097 मामले उत्तर प्रदेश से सामने आए हैं. बिहार सहित पूरे देश में ऑनलाइन फ्रॉड रोकने के लिए केंद्रीय गृह मंत्रालय के द्वारा एक विशेष साइबर सेल बनाया गया है.

नोट: ऑनलाइन फ्रॉड की शिकायत के लिए हेल्पलाइन नंबर 155260 पर कॉल कर सकते हैं. इसके अलावा साइबर फ्रॉड की वेबसाइट :https//cybercrime.gov.in पर भी अपनी शिकायत दर्ज करा सकते हैं.

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