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सारण: मगरमच्छ वाले पंडाल में विराजेंगी मां दुर्गा - भव्य और विराट पंडाल

जलालपुर प्रखंड के फुटानी बाजार गम्हरिया गांव के नवयुवक दुर्गा पूजा समिति का इतिहास बहुत पुराना तो नहीं लेकिन समिति ने पिछले दो वर्षों से पूजा पंडाल निर्माण के प्रति अपने हौसले के कारण जिलेभर में विशिष्ट पहचान बना ली है.

नवयुवक दुर्गा पूजा समिति
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Published : Oct 2, 2019, 3:45 AM IST

सारण: दशहरा के अवसर पर मां दुर्गा की स्थापना के लिए जिले में भव्य और विराट पंडाल बनाने की परंपरा रही है. दशहरा में शहर से गांव तक ऊंचे, भव्य और आकर्षक पंडाल बनाए जाते हैं.

जलालपुर प्रखंड के फुटानी बाजार गम्हरिया गांव के नवयुवक दुर्गा पूजा समिति का इतिहास बहुत पुराना तो नहीं लेकिन समिति ने पिछले दो वर्षों से पूजा पंडाल निर्माण के प्रति अपने हौसले के कारण जिलेभर में विशिष्ट पहचान बना ली है. शायद यही कारण है कि गोपालगंज, सिवान के अलावा दूर-दराज के श्रद्धालुओं की भीड़ फुटानी बाजार स्थित पूजा पंडाल देखने के लिए उमड़ पड़ती है.

saran
मगरमच्छ पंडाल का निर्माण

'विराट मगरमच्छ वाले पंडाल का निर्माण'

नवयुवक दुर्गा पूजा समिति के अध्यक्ष छोटेलाल कुमार सुमन ने बताया कि गम्हरिया कला स्थित फुटानी बाजार पर हर साल की तरह समिति की ओर से विशाल पंडाल का निर्माण किया जा रहा है. पूजा समिति ने पंडाल को आकर्षक बनाने की योजना बनाई है. इस बार विराट मगरमच्छ वाले पंडाल का निर्माण भक्तगण कर रहे हैं. इस वर्ष मां मगरमच्छ वाले पंडाल में स्थापित होंगी.

मगरमच्छ वाले पंडाल में विराजेंगी मां दुर्गा

चार महीने से हो रहा है निर्माण

पंडाल को बनाने में बंगाल से मंगाये गए जुट, सीमेंट, हजारों की संख्या में बांस, पुआल, रस्सी के साथ ही 25 मजदूर लगभग चार महीनों से निर्माण कार्य में लगे हुए हैं. तालाब के समीप बन रहे मगरमच्छ की लंबाई 260 फीट, ऊंचाई 80 से 120 फीट और चौड़ाई 40 से 60 फीट है. बता दें कि पिछले साल भी दुर्गापूजा के अवसर पर भव्य पूजा पंडाल का निर्माण किया गया था. जिसे देखने के लिए दूर-दराज के श्रद्धालुओं की भारी भीड़ लगी हुई थी.

Pandal maker
पंडाल बनाने वाले कारीगर

सारण: दशहरा के अवसर पर मां दुर्गा की स्थापना के लिए जिले में भव्य और विराट पंडाल बनाने की परंपरा रही है. दशहरा में शहर से गांव तक ऊंचे, भव्य और आकर्षक पंडाल बनाए जाते हैं.

जलालपुर प्रखंड के फुटानी बाजार गम्हरिया गांव के नवयुवक दुर्गा पूजा समिति का इतिहास बहुत पुराना तो नहीं लेकिन समिति ने पिछले दो वर्षों से पूजा पंडाल निर्माण के प्रति अपने हौसले के कारण जिलेभर में विशिष्ट पहचान बना ली है. शायद यही कारण है कि गोपालगंज, सिवान के अलावा दूर-दराज के श्रद्धालुओं की भीड़ फुटानी बाजार स्थित पूजा पंडाल देखने के लिए उमड़ पड़ती है.

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मगरमच्छ पंडाल का निर्माण

'विराट मगरमच्छ वाले पंडाल का निर्माण'

नवयुवक दुर्गा पूजा समिति के अध्यक्ष छोटेलाल कुमार सुमन ने बताया कि गम्हरिया कला स्थित फुटानी बाजार पर हर साल की तरह समिति की ओर से विशाल पंडाल का निर्माण किया जा रहा है. पूजा समिति ने पंडाल को आकर्षक बनाने की योजना बनाई है. इस बार विराट मगरमच्छ वाले पंडाल का निर्माण भक्तगण कर रहे हैं. इस वर्ष मां मगरमच्छ वाले पंडाल में स्थापित होंगी.

मगरमच्छ वाले पंडाल में विराजेंगी मां दुर्गा

चार महीने से हो रहा है निर्माण

पंडाल को बनाने में बंगाल से मंगाये गए जुट, सीमेंट, हजारों की संख्या में बांस, पुआल, रस्सी के साथ ही 25 मजदूर लगभग चार महीनों से निर्माण कार्य में लगे हुए हैं. तालाब के समीप बन रहे मगरमच्छ की लंबाई 260 फीट, ऊंचाई 80 से 120 फीट और चौड़ाई 40 से 60 फीट है. बता दें कि पिछले साल भी दुर्गापूजा के अवसर पर भव्य पूजा पंडाल का निर्माण किया गया था. जिसे देखने के लिए दूर-दराज के श्रद्धालुओं की भारी भीड़ लगी हुई थी.

Pandal maker
पंडाल बनाने वाले कारीगर
Intro:For Exclusive
डे प्लान वाली ख़बर हैं
SLUG:-PUJA PANDAL MADE OF CROCODILE SHAPE
ETV BHARAT NEWS DESK
F.M:-DHARMENDRA KUMAR RASTOGI/ SARAN/BIHAR

Anchor:-पश्चिम बंगाल सहित पूरे देश में दशहरा के अवसर पर मां दुर्गा की स्थापना के लिए भव्य और विराट पंडाल बनाने के लिए पूजा समितियों के अलावे कारीगर दिन रात एक किये हुए है वही सारण ज़िले में भी ऐतिहासिक मंदिरों के आकार का भव्य पूजा पंडाल बनाने की परंपरा रही है जिसे देखने के लिए ग्रामीण क्षेत्रों से काफ़ी संख्या में श्रद्धालुओं की भीड़ शहरों में देखी जाती हैं लेकिन इस बार शहरों की भीड़ ग्रामीण क्षेत्रों में जाती हुई दिखेगी. विलुप्त हो रहे वन्यजीव व जलजीव को बचाने व संरक्षित करने के उद्देश्य से मगरमच्छ के आकार का पूजा पंडाल का निर्माण किया जा रहा हैं क्योंकि अब इस तरह के जलजीव या वन्यजीव देखने को नही मिल रहा हैं.


Body:नव युवक पूजा समिति के अध्यक्ष छोटेलाल कुमार सुमन ने ईटीवी भारत के साथ खास बातचीत में बताया कि मगरमच्छ के आकृति वाले पंडाल के बीच में माँ की प्रतिमा को स्थापित किया गया हैं, श्रद्धालुगण मगरमच्छ के मुंह में प्रवेश करेंगे तो उन्हें मां दुर्गा के साथ ही अन्य देवी-देवताओं के भी दर्शन कर सकेंगे, वही मगरमच्छ के पेट के रास्ते गुजरते हुए भक्तगण पूंछ से होकर बाहर निकलेंगे जहां के तालाब में थर्मोकोल से बने रंग बिरंगे मछली, मेढ़क, कछुआ, हंस, केंकड़ा सहित अन्य जल जीव देखने को मिलेगा.

Byte:-वॉक थ्रू
छोटेलाल कुमार सुमन, अध्यक्ष, नवयुवक पूजा समिति, फुटानी बाजार, गम्हरिया, जलालपुर, सारण

पंकज कुमार, कारीगर

धर्मेन्द्र कुमार रस्तोगी, ईटीवी भारत, सारण

जलालपुर प्रखंड के फुटानी बाज़ार गम्हरिया गांव के नवयुवक दुर्गा पूजा समिति का इतिहास बहुत पुराना तो नही है लेकिन इस समिति के द्वारा विगत दो वर्षों से पूजा पंडाल निर्माण के प्रति जो हौसला दिखाया जा रहा हैं शायद बिहार में इस तरह का जुनून देखने को नही मिला होगा. शायद यही कारण हैं कि गोपालगंज, सिवान के अलावे दूर दराज के श्रद्धालुओं की भीड़ फुटानी बाजार स्थित पूजा पंडाल देखने के लिए उमड़ जाती हैं जो जिले ही नही बल्कि पूरे बिहार में अपनी एक अलग विशिष्ट पहचान बना ली है.

Conclusion:नवयुवक दुर्गा पूजा समिति के अध्यक्ष छोटेलाल कुमार सुमन ने बताया कि हर साल की तरह इस वर्ष भी समिति की ओर से विशाल पंडाल का निर्माण किया जा रहा हैं जो पिछले 6 सालों से हमारी परंपरा जारी है, इस पंडाल को बनाने में बंगाल से मंगाये गए जुट, सीमेंट, हज़ारों की संख्या में बांस, पुआल, रस्सी के अलावे 25 मजदूर लगभग चार महीनों से निर्माण कार्य में लगे हुए है. तालाब के समीप बन रहे मगरमच्छ की लंबाई 260 फीट है तो इसकी ऊंचाई 80 से 120 फ़ीट हैं जबकि इसकी चौड़ाई 40 से 60 फीट की है. मालूम हो कि विगत वर्ष भी दुर्गापूजा के अवसर पर भगवान भोले शंकर का भव्य पूजा पंडाल का निर्माण किया गया था जिसे देखने के लिए दूर दराज के श्रद्धालुओं की भारी भीड़ लगी हुई थी.

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