छपरा (सारण) : जिले के दिघवारा प्रखंड के मुख्य बाजार में बुधवार का दिन काफी गहमा-गहमी भरा रहा. बुधवार को जिला परिषद के अधीन बाजार (Market under Zilla Parishad) के 67 दुकानों में से अवैध कब्जा को हटाकर दुकान के मूल आवंटियों को काबिज कराया गया. जिला परिषद ने दो दिन पहले ही इसकी मुनादी कराई थी.हाईकोर्ट के आदेश (High court order) के आलोक में दुकानों पर कब्जा किए लोगों को 48 घंटे में दुकानों को खाली कर देने के लिए बाजार में जगह-जगह नोटिस चिपकाया गया था. साथ ही रविवार और सोमवार को लाउडस्पीकर से मुनादी करते हुए उन्हें जिला परिषद की ओर से चेतावनी दी गई थी.
19 वर्ष बाद मिली दुकान : जिला परिषद के अधीन इन दुकानों की निविदा निकलने के करीब 19 वर्ष बाद इन दुकानों के आवंटियों को अपनी दुकान पर अधिकार मिला. इन दुकानों के अधिकार के लिए उन्हें लंबी लड़ाई लड़नी पड़ी. बजार की दुकानों को खाली करवाने के दौरान विरोध की आशंका को लेकर जिला परिषद और सोनपुर अनुमंडल प्रशासन पूरी तरह मुस्तैद था. बजार में सैकड़ों की संख्या में पुलिस बल, क्विक रिस्पॉन्स टीम के सदस्यों और महिला पुलिसकर्मी की तैनाती थी.
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मौजूद रहे सारे बड़े अधिकारी : सोनपुर के अनुमंडल अधिकारी सुनील कुमार और एएसपी अंजनी कुमार, जिला परिषद सहायक अभियंता दीना नाथ दत्त, दिघवारा के अंचल अधिकारी प्रवीन कुमार, बीडीओ अजीत कुमार, दिघवारा के थाना प्रभारी राजेश कुमार, दरियापुर के थाना प्रभारी किशोरी चौधरी के साथ दिघवारा नगर पंचायत के कार्यपालक पदाधिकारी और कनीय अभियंता आदि उपस्थित थे. दुकान से कब्जा हटाने के दौरान शंकर पूर रोड के सामने स्थित दुकान पर बैठी महिला इसका विरोध करने लगी, जिसके बाद महिला पुलिस बल ने पहले उसे शांत कराने का प्रयास किया. बाद में उसे दुकान से कुछ दूर हटा दिया.
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