सारण (छपरा): बिहार के सारण जिले में गंडक नदी (Gandak River) अपना रौद्र रूप दिखाने लगी है. नदी किनारे गुजर बसेरा करने वाले लोगों के ऊपर आफत का बादल मडरा रहा है. वहीं रातों-रात गंडक नदी के जलस्तर में वृद्धि होने से एक दूल्हा-दुल्हन को नाव से विदा करना पड़ा है.
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एकाएक बाढ़ का पानी किया प्रवेश
गंडक के बढ़ते जलस्तर से सारण तटबंध के तरैया और पानापुर प्रखंड के इलाकों में रातों-रात एकाएक बाढ़ का पानी प्रवेश कर गया. जिस कारण तरैया के सगुनी और पानापुर के रामपुररुद्र-61 समेत कई इलाकों में बाढ़ का पानी प्रवेश कर गया है. इसी बीच सगुनी गांव में एक युवक की शादी के बाद दूल्हा-दुल्हन को नाव से विदा करना पड़ा. बता दें कि दूल्हा गाड़ी से दुल्हन को ले जाने आया था, लेकिन उसे अपनी दुल्हन को नाव से ही ले जाना पड़ा.
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कुछ बाराती लौट गए थे वापस
सगुनी-रामपुररुद्र-61 के रहने वाले दिलीप सहनी की पुत्री शिला कुमारी की शादी गुरुवार की रात्रि में हो रही थी. शादी के लिए बाराती गाड़ियों पर बैठकर आए. लड़की पक्ष के लोगों ने बरातियों का खूब स्वागत भी किया. वहीं रात में खाना खाने के बाद कुछ बराती गाड़ी से वापस चले गए और कुछ रुक गए.
नाव से की गई विदाई
रात में शादी की रस्म शुरू हो गई. लेकिन इसी बीच गंडक के बढ़ते जलस्तर से एकाएक उक्त गांव में बाढ़ का पानी घुस गया और वहां बाढ़ जैसे हालात (Flood Situation in Saran) हो गए. जिससे दूल्हा-दुल्हन संग बराती भी बाढ़ के पानी से घिर गए. आलम यह हुआ कि सुबह में नाव पर बैठाकर दूल्हा-दुल्हन और बरातियों को विदा करना पड़ा.
निरीक्षण करने पहुंचा प्रशासन
फिलहाल गांव समेत आसपास के इलाकों में बाढ़ जैसे हालात बन गए हैं. लोग उच्चे स्थानों पर पलायन करने का सोच रहे हैं. वहीं स्थानीय प्रशासन ने भी बाढ़ की सूचना पर निरीक्षण करने पहुंचे. बता दें कि निरीक्षण के दौरान सीओ अंकु गुप्ता और थानाध्यक्ष राजीव रंजन कुमार सिंह भी उपस्थित रहे.
नाव पर सवार होकर पहुंचा दूल्हा
बता दें कि कुछ ऐसा ही नजारा बिहार के पश्चिम चंपारण जिले के सिकटा प्रखंड के सरगटिया पंचायत में देखने को मिला. सुंदरगांव से दूल्हा ब्याह करने पहाड़पुर नाव पर सवार होकर पहुंचा. सिकटा प्रखंड से बारात पूर्वी चंपारण जिले के पहाड़पुर जाने वाली थी. लेकिन लगातार हो रही जिले में बारिश के कारण सिकटा प्रखंड के कई गांव बाढ़ की चपेट में हैं. गांव से आने जाने का कोई रास्ता नहीं है. अगर गांव से निकलना है तो नाव ही एकमात्र सहारा है. ऐसे में इस दूल्हे का सहारा भी नाव ही बना और आज दूल्हा नाव के सहारे बारात लेकर शादी करने जा रहा है.