सारण: भिखारी ठाकुर के नाम पर राजनीति शुरू से होती आ रही है. हर पार्टी या दल के लोग इनके नाम पर जनता से वोट मांगते है. भोजपुरी के सेक्शपियर को अपना बताते हैं. लेकिन भिखारी ठाकुर के गांव की ओर किसी ने नजर उठा कर नहीं देखी. यही वजह है कि यह गांव विकास से कोसों पीछे है.
मुलभूत सुविधाओं का अभाव
भिखारी ठाकुर के गांव के लिए विकास की बात करना भी बेमानी है. यहां तो मुलभुत सुविधाओं के लिए भी लोग जूझ रहे हैं. सड़क, बिजली और पानी भी गांव के लोगों को उपल्बध नहीं है. जिनका नाम विदेशों में भी लोग लेते हैं, जिनकी रचनाओं पर आज भी नाटक किया जाता है, उस भिखारी ठाकुर के गांव का विकास करना जनप्रतिनिधियों की प्राथमिकता में नहीं है.
बारिश के दिनों में होती है परेशानी
लोगों की मानें तो यहां किसी भी प्रकार की सुविधा नहीं होने के कारण लोगों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. उनके अनुसार सड़क नहीं होने के कारण बहुत दिक्कतों का सामना करना पड़ता है. बारिश के दिनों में लोगों का घर से निकलना भी मुश्किल हो जाता है.
शौचालय की नहीं है व्यवस्था
ग्रामीणों ने बताया कि गांव में शौचालय नहीं होने के कारण महिलाओं को काफी परेशानी होती है. उन्होंने बताया कि इस गांव में शिक्षा की बेहतर व्यवस्था नहीं है. बिजली नहीं होने के कारण उन्हें अंधेरे में रहना पड़ता है.