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Chapra news: कोचिंग यार्ड में कोच साफ करने का लगा अत्याधुनिक प्लांट, 12 सौ लीटर पानी की होगी बचत

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By ETV Bharat Bihar Team

Published : Aug 23, 2023, 1:39 PM IST

छपरा जंक्शन पर कोचिंग यार्ड में कोच साफ करने के लिए अत्याधुनिक मशीन लगाई गई है, जो कम समय और कम पानी का खर्च कर चंद मिनटों में ही पूरे कोच को साफ कर सकती है.

छपरा में कोच साफ करने का अत्याधुनिक प्लांट
छपरा में कोच साफ करने का अत्याधुनिक प्लांट

छपराः बिहार के छपरा जंक्शन पर कोचिंग डिपो में ऑटोमेटिक कोचिंग वाशिंग प्लांट की शुरुआत की गई है. इसमें लगी आटोमेटिक मशीन 7 से 8 मिनट में 24 कोच की पूरी ट्रेन को साफ कर देती है. इस प्लांट की वाशिंग क्षमता 70 से 80 कोच प्रतिघंटा एवं 300 से 350 कोच प्रतिदिन है.

ये भी पढे़ंः छपरा जंक्शन क्युमुलेटिव रैंकिंग में सबसे आगे, 98.96 प्रतिशत तक समय से चलती हैं ट्रेनें

कोच साफ करने के लिए लगा अत्याधुनिक प्लांटः ये आटोमेटिक मशीन एक कोच की धुलाई में केवल 300 लीटर पानी का उपयोग करता है. जबकि पारंपरिक जुलाई की व्यवस्था से लगभग 1500 लीटर पानी की खपत होती है. इससे प्रति कोच लगभग 12 सौ लीटर पानी की बचत होती है. प्लांट द्वारा धुलाई हेतु उपयोग किए जाने वाले केमिकल पर्यावरण अनुकूल है और यह केवल 20 पर्सेंट फ्रेश वाटर का इस्तेमाल करता है. शेष 80 पर्सेंट पानी वाटर को रीसाइक्लिंग करके उपयोग करता है.

प्लांट भूजल दोहन को कम करने में सक्षमः पानी के उपयोग और पूरा नवीनीकरण के साथ एक एसीडब्ल्यूपी को धोने में पारंपरिक तरीकों की तुलना में 96 परसेंट कम पानी की खपत होती है. इस प्रकार यह अत्याधुनिक प्लांट भूजल दोहन को कम करने में भी मदद करता है और कोच के पूरे बाहरी हिस्से को साफ करने के लिए वर्टिकल और होरिजेंटल घुमाने वाले नायलॉन एवं कपास युक्त के साथ उच्च दबाव वाले साबुन घोल और पानी के जेट का उपयोग करता है, जो उच्च क्वालिटी सफाई के साथ पानी की बचत भी सुनिश्चित करता है.

नए प्लांट पानी की खपत में आएगी कमीः छपरा कोचिंग डिपो में इस प्लांट को लगाए जाने के बाद पानी की खपत में बचत होगी और ट्रेन के डिब्बे की सफाई बेहतर ढंग से हो पाएगी. साथ ही पूरे ट्रेन की एक जैसी सफाई होगी. नए तरीके से बर्बाद होने वाले पानी को भी संरक्षण किया जा सकेगा और सफाई में लगने वाले पानी की 80 फ़ीसदी मात्रा को रीसाइक्लिंग करके दोबारा इस्तेमाल में लाया जा सकेगा.

छपराः बिहार के छपरा जंक्शन पर कोचिंग डिपो में ऑटोमेटिक कोचिंग वाशिंग प्लांट की शुरुआत की गई है. इसमें लगी आटोमेटिक मशीन 7 से 8 मिनट में 24 कोच की पूरी ट्रेन को साफ कर देती है. इस प्लांट की वाशिंग क्षमता 70 से 80 कोच प्रतिघंटा एवं 300 से 350 कोच प्रतिदिन है.

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कोच साफ करने के लिए लगा अत्याधुनिक प्लांटः ये आटोमेटिक मशीन एक कोच की धुलाई में केवल 300 लीटर पानी का उपयोग करता है. जबकि पारंपरिक जुलाई की व्यवस्था से लगभग 1500 लीटर पानी की खपत होती है. इससे प्रति कोच लगभग 12 सौ लीटर पानी की बचत होती है. प्लांट द्वारा धुलाई हेतु उपयोग किए जाने वाले केमिकल पर्यावरण अनुकूल है और यह केवल 20 पर्सेंट फ्रेश वाटर का इस्तेमाल करता है. शेष 80 पर्सेंट पानी वाटर को रीसाइक्लिंग करके उपयोग करता है.

प्लांट भूजल दोहन को कम करने में सक्षमः पानी के उपयोग और पूरा नवीनीकरण के साथ एक एसीडब्ल्यूपी को धोने में पारंपरिक तरीकों की तुलना में 96 परसेंट कम पानी की खपत होती है. इस प्रकार यह अत्याधुनिक प्लांट भूजल दोहन को कम करने में भी मदद करता है और कोच के पूरे बाहरी हिस्से को साफ करने के लिए वर्टिकल और होरिजेंटल घुमाने वाले नायलॉन एवं कपास युक्त के साथ उच्च दबाव वाले साबुन घोल और पानी के जेट का उपयोग करता है, जो उच्च क्वालिटी सफाई के साथ पानी की बचत भी सुनिश्चित करता है.

नए प्लांट पानी की खपत में आएगी कमीः छपरा कोचिंग डिपो में इस प्लांट को लगाए जाने के बाद पानी की खपत में बचत होगी और ट्रेन के डिब्बे की सफाई बेहतर ढंग से हो पाएगी. साथ ही पूरे ट्रेन की एक जैसी सफाई होगी. नए तरीके से बर्बाद होने वाले पानी को भी संरक्षण किया जा सकेगा और सफाई में लगने वाले पानी की 80 फ़ीसदी मात्रा को रीसाइक्लिंग करके दोबारा इस्तेमाल में लाया जा सकेगा.

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