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लेटलतीफी की हद: 12 के पहले लेट नहीं.. 3 बजे के बाद भेंट नहीं, सारण में अधिकारियों की यही है कहानी

सारण में अधिकारी समय पर कार्यालय नहीं आते (Officers donot Come to Office on Time in Saran) हैं. गरखा प्रखंड के विभिन्न कार्यालयों में दिन के 11 बजे तक ताला लटका रहता है. कर्मचारी भी ऑफिस से नदारद रहते हैं. ऐसे में कोई सरकारी काम कराने के लिए आता है तो उसको भारी परेशानियों का सामना करना पड़ता है. पढ़ें पूरी खबर...

सरकारी ऑफिस में नहीं होता है काम
सरकारी ऑफिस में नहीं होता है काम
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Published : May 21, 2022, 4:59 PM IST

Updated : May 21, 2022, 5:33 PM IST

सारण: बिहार के सारण में अधिकारियों के मनमाने रवैये (Arbitrary Attitude of officers in Saran) से लोगों में नाराजगी है. जिले के गरखा प्रखंड मुख्यालय के कई कार्यालयों में दिन के 11 बजे तक ताला लटका रहता है. ऑफिस में कर्मचारी नहीं दिखते हैं. प्रखंड के विभिन्न पंचायत से ग्रामीण अपने कार्य को लेकर गरखा प्रखंड मुख्यालय पहुंचे हुए थे. लेकिन ग्यारह बजे तक कार्यालय से कर्मचारी नदारद थे. सभी काउंटर जैसे- राशन कार्ड, वृद्धा पेंशन, सामाजिक सुरक्षा, सामाजिक सुरक्षा कोषांग, जैसे अन्य महत्वपूर्ण काउंटर बंद थे.

ये भी पढ़ें- नरकटियागंज निबंधन कार्यालय में कोरोना गाइडलाइन का मखौल, दहशत में स्थानीय रहवासी

अधिकारी कार्यालय में देर से आते हैं: अंचल कार्यालय में कई कार्यालय बंद मिले. अंचल कार्यालय में लगे बेसिन में भी कर्मचारी पान, गुटखा और तंबाकू खाकर थूक दिए थे. देखने में लग रहा था कि उसे कभी भी साफ-सफाई नहीं कराया जाता है. समेकित बाल विकास परियोजना कार्यालय में भी कर्मचारी नदारद थे, हालांकि यह कार्यालय ससमय खुल चुका था लेकिन कार्यालय में सीडीपीओ अनुप्रिया सिंह (CDPO Anupriya Singh) मौजूद नहीं थीं.

'मैने निरीक्षण किया मुझे हर जगह अराजकता की स्थिति मिली, धूल-धक्कड़ मिला. प्रखंड विकास पदाधिकारी, अंचल पदाधिकारी दोनों गायब थे. सीडीपोओ भी गायब थीं और CMO साहब भी गायब थे. चारों तरफ खिड़की दरवाजे बंद मिले. कार्य संस्कृति इतनी खराब है कि हम चर्चा क्या करें. देखिए बूढ़े व्यक्ति चार महीने से दौड़ रहे हैं. राशन कार्ड नहीं बन रहा है. गरीबों की सुनने वाला कोई नहीं है.' - डॉ सुरेंद्र प्रसाद सिंह ज्ञानेश्वर, स्थानीय

सरकारी काम कराने में लोगों को होती है दिक्कत: इस दौरान गरखा वीडियो अंशुमन, सीओ मोहम्मद जौवाद आलम अपने कार्यालय में नहीं आए थे जिसके कारण कार्यालय बंद था. आक्रोशित ग्रामीण गरखा प्रखंड मुख्यालय पर विरोध प्रदर्शन करने लगे. स्थानीय लोगों का कहना था कि पदाधिकारी कहीं जांच में या मीटिंग में गए होंगे तो कर्मचारी क्यों नहीं मौजूद हैं और सभी काउंटर क्यों नहीं खुला है. जिसको लेकर ग्रामीण काफी नाराज थे. ग्रामीणों ने चेतावनी दी है कि 1 सप्ताह के अंदर अधिकारी अगर समय पर कार्यालय आना नहीं शुरू करेंगे, और उनके व्यवहार में सुधार नहीं हुआ तो हम लोग उग्र आंदोलन करेंगे.

ये भी पढ़ें- सीतामढ़ी: सरकार और प्रशासन के निर्देश के बाद भी बंद पड़ा है भूतही सब-रजिस्ट्री ऑफिस

ये भी पढ़ें- पटना: राजस्व एवं भूमि सुधार कार्यालय हुआ बंद, सचिव समेत कई कर्मचारी कोरोना से हैं संक्रमित

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सारण: बिहार के सारण में अधिकारियों के मनमाने रवैये (Arbitrary Attitude of officers in Saran) से लोगों में नाराजगी है. जिले के गरखा प्रखंड मुख्यालय के कई कार्यालयों में दिन के 11 बजे तक ताला लटका रहता है. ऑफिस में कर्मचारी नहीं दिखते हैं. प्रखंड के विभिन्न पंचायत से ग्रामीण अपने कार्य को लेकर गरखा प्रखंड मुख्यालय पहुंचे हुए थे. लेकिन ग्यारह बजे तक कार्यालय से कर्मचारी नदारद थे. सभी काउंटर जैसे- राशन कार्ड, वृद्धा पेंशन, सामाजिक सुरक्षा, सामाजिक सुरक्षा कोषांग, जैसे अन्य महत्वपूर्ण काउंटर बंद थे.

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'मैने निरीक्षण किया मुझे हर जगह अराजकता की स्थिति मिली, धूल-धक्कड़ मिला. प्रखंड विकास पदाधिकारी, अंचल पदाधिकारी दोनों गायब थे. सीडीपोओ भी गायब थीं और CMO साहब भी गायब थे. चारों तरफ खिड़की दरवाजे बंद मिले. कार्य संस्कृति इतनी खराब है कि हम चर्चा क्या करें. देखिए बूढ़े व्यक्ति चार महीने से दौड़ रहे हैं. राशन कार्ड नहीं बन रहा है. गरीबों की सुनने वाला कोई नहीं है.' - डॉ सुरेंद्र प्रसाद सिंह ज्ञानेश्वर, स्थानीय

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Last Updated : May 21, 2022, 5:33 PM IST
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