सारण: छपरा युवा ब्राह्मण चेतना मंच के तत्वावधान में प्रतिवर्ष आंवला वृक्ष पूजन सह भोज कार्यक्रम का आयोजन किया जाता है. अक्षय नवमी के पावन अवसर पर सभी विप्र बंधु एकत्रित होकर आंवले के पेड़ की पूजा करते हैं. इसके साथ ही सभी पर्यावरण के संरक्षण हेतु वृक्षों के संरक्षण का पवित्र संकल्प लेते हैं.
छपरा युवा ब्राह्मण चेतना मंच के संयोजक सुभाष पांडेय ने कहा कि आंवले के पेड़ को देव वृक्ष कहा गया है. आंवला का पर्याय शब्द होता है धात्र जिसका शाब्दिक अर्थ माता होता है. इसका मतलब आंवला एक माता की तरह हम सब का संरक्षण और संवर्धन करती है. कार्तिक मास में जो खगोलीय स्थिति होती है इस ऋतु परिवर्तन के काल में आंवला अमृत तुल्य माना गया है.
सुभाष पांडेय ने कहा कि हमारे ऋषि मुनियों ने धर्म के साथ इन तथ्यों को समाहित कर समाज के हित में इस महान पर्व की परिकल्पना कर सबके कल्याण का मार्ग प्रशस्त किया है.