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सारणः 'हर घर नल का जल' योजना अधर में, खरीदकर पानी पीने को मजबूर हैं ग्रामीण

गांव के लोग पानी खरीद कर पी रहे हैं. जिसके लिए उन्हें 25 ने 30 रुपए प्रति जार भुगतान करना पड़ता है. वहीं, जो लोग पानी खरीदने में सक्षम नहीं हैं, वो कुएं और चापाकल का पानी पीकर बीमार पड़ रहे हैं.

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Published : Aug 6, 2019, 6:58 AM IST

हर घर नल का जल

सारणः मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की महत्वाकांक्षी योजना 'हर घर नल का जल' में आए दिन अनियमितता के मामले सामने आ रहे हैं. ताजा मामला जिले सोनपुर प्रखंड के भरपुरा पंचायत का है. जहां इस योजना के अधर में लटकने से स्थानीय लोगों को पीने के पानी के लिए संघर्ष करना पड़ रहा है.

'हर घर नल का जल' योजना में अनियमितता


योजना का काम अधर में लटका
भरपुरा पंचायत में 16 वार्ड हैं. जिसमें से महज 3 वार्डों के लोगों को ही 'हर घर नल का जल' योजना के तहत पानी मिल रहा है, बाकी के 13 वार्डों में योजना का काम अधर में लटका है. लोगों ने बताया कि जनप्रतिनिधि शिकायत करने पर वो फंड नहीं होने का हवाला देते हैं. लगभग 15 साल पहले पटवन के लिए लाखों रुपए खर्च कर गांव में जगह-जगह बोरिंग कराया गया था. तब बताया गया था कि इसी बोरिंग से नलकूप के माध्यम से ग्रमीणों को पीने के लिए पानी उपल्बध कराया जाएगा. लेकिन इस बोरिंग से पानी कभी नहीं निकला.


खरीद कर पी रहे हैं पानी
स्थानीय लोगों ने बताया कि इलाके में जल का स्तर नीचे चले जाने से चापाकल का पानी पीने लायक नहीं रह गया है. लिहाजा गांव के लोग पानी खरीद कर पी रहे हैं. इसके लिए उन्हें 25 ने 30 रुपए प्रति जार भुगतान करना पड़ता है. वहीं, जो लोग पानी खरीदने में सक्षम नहीं हैं, वो कुएं और चापाकल का पानी पीकर बीमार पड़ रहे हैं. इर बारे में पूछने पर प्रखंड कृषि पदाधिकारी नवीन कुमार रिपोर्ट मंगाने की बात कह कर सवाल टाल गए.

सारणः मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की महत्वाकांक्षी योजना 'हर घर नल का जल' में आए दिन अनियमितता के मामले सामने आ रहे हैं. ताजा मामला जिले सोनपुर प्रखंड के भरपुरा पंचायत का है. जहां इस योजना के अधर में लटकने से स्थानीय लोगों को पीने के पानी के लिए संघर्ष करना पड़ रहा है.

'हर घर नल का जल' योजना में अनियमितता


योजना का काम अधर में लटका
भरपुरा पंचायत में 16 वार्ड हैं. जिसमें से महज 3 वार्डों के लोगों को ही 'हर घर नल का जल' योजना के तहत पानी मिल रहा है, बाकी के 13 वार्डों में योजना का काम अधर में लटका है. लोगों ने बताया कि जनप्रतिनिधि शिकायत करने पर वो फंड नहीं होने का हवाला देते हैं. लगभग 15 साल पहले पटवन के लिए लाखों रुपए खर्च कर गांव में जगह-जगह बोरिंग कराया गया था. तब बताया गया था कि इसी बोरिंग से नलकूप के माध्यम से ग्रमीणों को पीने के लिए पानी उपल्बध कराया जाएगा. लेकिन इस बोरिंग से पानी कभी नहीं निकला.


खरीद कर पी रहे हैं पानी
स्थानीय लोगों ने बताया कि इलाके में जल का स्तर नीचे चले जाने से चापाकल का पानी पीने लायक नहीं रह गया है. लिहाजा गांव के लोग पानी खरीद कर पी रहे हैं. इसके लिए उन्हें 25 ने 30 रुपए प्रति जार भुगतान करना पड़ता है. वहीं, जो लोग पानी खरीदने में सक्षम नहीं हैं, वो कुएं और चापाकल का पानी पीकर बीमार पड़ रहे हैं. इर बारे में पूछने पर प्रखंड कृषि पदाधिकारी नवीन कुमार रिपोर्ट मंगाने की बात कह कर सवाल टाल गए.

Intro:EXCLUSIVE:
लोकेशन: वैशाली
रिपोर्टर: राजीव कुमार श्रीवास्तवा

प्रदेश में मुख्यमंन्त्री नीतीश कुमार द्वारा अपने सबसे खासम खास योजना में से एक " हर घर मे नल का जल योजना अपने निर्धारित समय में पूरा होने के पहले ही दम तोड़ती नजर आ रही हैं । ताजा मामला सारण जिले के सोनपुर प्रखण्ड क्षेत्र के कई पंचायतों में Etv भारत द्वारा पड़ताल करने पर यह मामला सामने आया हैं । मालूम हो कि क्षेत्र के भरपुरा पंचायत में चयनित 13 वार्ड में इस योजना पूरी नही हो सकी हैं। जबकि सभी वार्डो को राशि कई महीनों पूर्व करा दी गयी थी । क्षेत्र में जनप्रतिनिधियों द्वारा थोड़ा बहुत कार्य करके कार्य को बीच मे अधूरा छोड़ दिया गया हैं। हैरानी की बात तो यह हैं कि अब राशि नही होने के हवाला देकर कार्य को ठप्प कर दिया गया हैं। क्षेत्र की जनता इसमे अनियमितता की आशंका को देखते हुए इसकी जांच की मांग सरकार से की हैं। विदित हो कि यह योजना "2015 से शुभारम्भ किया था और 2020 के पहले तक पूरा होना था ।


Body: बिहार में 2015 वर्ष में नीतीश सरकार बनने के बाद मुख्यमंन्त्री नीतीश कुमार ने अपने मिशन के तहत" ड्रीम प्रोजेक्ट" योजना" हर घर मे नल का जल योजना " की शुभारंभ बड़े जोश उत्साह के साथ किया था । इस योजना के तहत राज्य के सभी पंचायतो में रहने वाले ग्रामीण जनता के घर मे शुद्ध जल पहुचाने का निश्चय किया था । यही नहीं इसके लिये निर्धारित समय 2020 के पूर्व तक अपने लक्ष्य को पूरा करने की दावा भी किया था ।पर यह योजना अपने लक्ष्य तक पहुँचने के पहले ही हांफने लगा हैं ।

सारण जिले के सोनपुर प्रखण्ड के 23 पंचायतो में से ज्यादातर क्षेत्रों में यह योजना पांच वर्ष में भी पूरा नही हो सका ।ताजा मामला भरपुरा पंचायत और नजरमीरा पंचायत की हैं । यहा Etv भारत द्वारा पड़ताल करने पर भरपुरा पंचायत के 13 चयनित वार्ड में यह योजना के नाम पर सिर्फ खाना पूर्ति करने का कार्य किया गया हैं। मालूम हो कि उपरोक्त सभी वार्डो को इस योजना के तहत करोड़ो की राशि वह भी कई महीनों पूर्व ही दी जा चुकी हैं पर हैरानी की बात यह हैं कि सभी राशि योजना पूरा करने के पहले ही खत्म हो गया हैं। क्षेत्र की जनता की मानें तो जनप्रतिनिधियों ने वार्ड में यह योजना का कार्य को पूरा नही कर राशि गटक गए ।जनता ने इसके लिये सरकार से जांच की मांग की हैं।

भरपुरा पंचायत के ज्यादातर वार्डो में अभी तक इस योजना के तहत पानी टँकी तक नही बना हुआ हैं । क्षेत्र के वार्ड में रहने वाले ज्यादातर जनता अपने जनप्रतिनिधियों के प्रति खासी नाराज दिखाई दिए ।


क्षेत्र के वार्ड संख्या 01 में रहने वाले पति वार्ड सदस्य राजीव की मानें तो क्षेत्र चयनित होकर भी यहा कार्य पूरा नही हुआ ।उंसने बताया कि 2004 में पीएचईडी द्वारा दस लाख रुपये की राशि से बोरिंग लगवाया गया उद्देश्य बताया गया कि इससे किसानों को अपने खेती करने साथ ही फसलों की सिंचाई करने में काफी साहूलियत मिलेंगी और क्षेत्र में गंगा के किनारे सैकड़ो गांव में आरसैनिक जल से निजात मिलेगी ।पर यह योजना भी पूरी नही हो सकी ।बतादें की क्षेत्र के खेतों में बिजली किं पाइप भी दर्जनों कि संख्या में लगाई गई पर हैरानी इस बात की हैं कि 15 वर्ष गुजरने के बाद भी यहा बिजली की तार नही पहुच सकी ।जिसके चलते अब यहा के खेतो में सिर्फ अब बिजली के पोल ही गवाह के तौर पर मौजूद दिखाई दे रहे हैं।

यहा के ग्रामीणों में सरकार के प्रति काफी नाराजगी हैं ।लोगो की माने इस तरह का बोरिंग प्रखण्ड क्षेत्र के गंगाजल, नजरमीरा, भरपुरा जैसे पंचायतो में लगाये गए थे जिसमें उस समय लाखो की राशि खर्च की गई थी जो अभी मृत प्रायः हैं। जिसका आज की तारीख में अनुमानित करोड़ो की राशि होगी ।

लोगो की माने तो पहले की अधूरी योजना को सरकार पूरा करवा देती तो सरकार द्वारा" हर घर मे नल का जल योजना "में करोड़ो की राशि बच जाती ।लोगो ने इस योजना को लूट खसूट का माध्यम बताया हैं।

प्रखण्ड के कृषि पदाधिकारी नवीन कुमार से जब किसानों को खेत मे बिजली आखिर नही पहुँचने की बात पूछी गई तो उन्होंने कुछ भी बोलने से इनकार कर दिया ।


Conclusion:बहरहाल, इस योजना में गड़बड़ी को लेकर आश्वासन जरूर दिया जाता हैं पर उसके बावजूद कुछ खास सकरात्मक कदम नही उठाया जाता। इसके चलते ही जनता में इस योजना के प्रति गलत धारणा बैठ गयी हैं ।

VO:
ओपन पीटीसी संवाददाता , राजीव
बाइट : पीड़ित 4
बाइट: नवीन कुमार, प्रखण्ड कृषि पदाधिकारी, सोनपुर प्रखण्ड
क्लोज पोटीसी संवाददाता, राजीव , वैशाली
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