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सारण के अखिलेश्वर पाठक को मिलेगा राष्ट्रीय शिक्षक पुरस्कार, राष्ट्रपति करेंगे सम्मानित

अखिलेश्वर पाठक ने बताया कि राष्ट्रीय शिक्षक पुरस्कार के लिए चयन हुआ तो लगा 26 साल की साधना को सम्मान मिल रहा है.

सारण
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Published : Aug 24, 2020, 6:16 PM IST

Updated : Aug 25, 2020, 12:15 AM IST

सारणः जिले के गरखा स्थित मध्य विद्यालय चैनपुर भैसमार के हेड मास्टर अखिलेश्वर पाठक का चयन राष्ट्रीय शिक्षक पुरस्कार के लिए हुआ है. उन्हें 5 सितंबर को नई दिल्ली में राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद के हाथों सम्मानित किया जाएगा.

मध्य विद्यालय चैनपुर भैसमार परिसर में अखिलेश्वर पाठक
मध्य विद्यालय चैनपुर भैसमार परिसर में अखिलेश्वर पाठक

अखिलेश्वर पाठक ने बताया कि जब उनकी पोस्टिंग पीरौना में हुई थी. तब स्कूल के लिए जमीन का अभाव था. उन्होंने ग्रामीण के साथ बैठक कर 1 एकड़ जमीन विद्यालय के लिए दान करवाया था. यही नहीं गांव वालों से चंदा इकट्ठा कर विद्यालय का निर्माण कराया. इसमें एक शौचालय भी बनवाया गया था. अखिलेश्वर पाठक ने बाद में स्कूल में एक उच्च कोटि का लैब भी बनवाया था. उनके प्रयास से गांव में शिक्षा का माहौल बना था. ग्रामीण उनसे काफी प्रभावित थे.

पेश है रिपोर्ट

26 साल की साधना को सम्मान
हेड मास्टर ने कहा कि 26 साल से इस पेशे में हूं. राष्ट्रीय शिक्षक पुरस्कार के लिए नाम का चयन हुआ तो लगा कि इतने दिनों की साधना को सम्मान मिल रहा है. इस घोषणा से व्यक्तिगत रूप से गौरवान्वित महसूस कर रहा हूं. चारों तरफ से बधाईयां आ रही हैं. उनके परिवार के लोग भी इस सम्मान से काफी उत्साहित हैं.

सारणः जिले के गरखा स्थित मध्य विद्यालय चैनपुर भैसमार के हेड मास्टर अखिलेश्वर पाठक का चयन राष्ट्रीय शिक्षक पुरस्कार के लिए हुआ है. उन्हें 5 सितंबर को नई दिल्ली में राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद के हाथों सम्मानित किया जाएगा.

मध्य विद्यालय चैनपुर भैसमार परिसर में अखिलेश्वर पाठक
मध्य विद्यालय चैनपुर भैसमार परिसर में अखिलेश्वर पाठक

अखिलेश्वर पाठक ने बताया कि जब उनकी पोस्टिंग पीरौना में हुई थी. तब स्कूल के लिए जमीन का अभाव था. उन्होंने ग्रामीण के साथ बैठक कर 1 एकड़ जमीन विद्यालय के लिए दान करवाया था. यही नहीं गांव वालों से चंदा इकट्ठा कर विद्यालय का निर्माण कराया. इसमें एक शौचालय भी बनवाया गया था. अखिलेश्वर पाठक ने बाद में स्कूल में एक उच्च कोटि का लैब भी बनवाया था. उनके प्रयास से गांव में शिक्षा का माहौल बना था. ग्रामीण उनसे काफी प्रभावित थे.

पेश है रिपोर्ट

26 साल की साधना को सम्मान
हेड मास्टर ने कहा कि 26 साल से इस पेशे में हूं. राष्ट्रीय शिक्षक पुरस्कार के लिए नाम का चयन हुआ तो लगा कि इतने दिनों की साधना को सम्मान मिल रहा है. इस घोषणा से व्यक्तिगत रूप से गौरवान्वित महसूस कर रहा हूं. चारों तरफ से बधाईयां आ रही हैं. उनके परिवार के लोग भी इस सम्मान से काफी उत्साहित हैं.

Last Updated : Aug 25, 2020, 12:15 AM IST
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