सारण : छपरा-सारण के रिविलगंज गोधना में स्थित महर्षि गौतम का आश्रम अहिल्या उद्धार के लिए विख्यात है. आस्था का प्रतीक और गौतम ऋषि का आश्रम का पौराणिक कथाओं में अपना विशेष स्थान रखता है. ऐसे में यहां के लोगों ने रामायण सर्किट में इसे जोड़ने की मांग की है.
आश्रम से जुड़ी ऐतिहासिकता को स्थानीय लोगों ने आज भी प्रासंगिक बना कर रखा है. यही कारण है कि आज इस क्षेत्र को रामायण सर्किट से जोड़ने की उम्मीद लोगों में बढ़ने लगी है. लेकिन केंद्र सरकार फिलहाल इसे रामायण सर्किट से जोड़ने और आश्रम को जुड़े तथ्य को समझने और स्वीकार करने की दिशा में गंभीर नहीं दिख रही है. सारण वासियों के साथ-साथ स्थानीय साहित्यकार, इतिहासकार, बुद्धिजीवी और सोशल या सार्वजनिक मंचों से रामायण सर्किट से जोड़ने की मांग उठाने लगी है.
गुरु विश्वामित्र के साथ आए थे राम-लक्ष्मण
सारण जिला मुख्यालय से मात्र 6 किलोमीटर दूर पौराणिक गोदना सिमरिया वर्तमान में रिविलगंज में स्थित है. सारण के जानकार बताते हैं कि मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान श्री राम सहित कई महान ऋषि मुनियों से जुड़ी यहां की कथा का वाल्मीकि रामायण में संपूर्ण वर्णन उपलब्ध है. ऐसा कहा जाता है कि इसी स्थान पर महर्षि गौतम के श्राप से पत्थर बनी उनकी पत्नी अहिल्या का उद्धार भगवान श्रीराम ने किया था.
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कहानी अहिल्या उद्धार की
भगवान श्री राम अपने अनुज लक्ष्मण गुरु विश्वामित्र के साथ अयोध्या से धनुष यज्ञ में भाग लेने के लिए जनकपुर जा रहे थे. उसी क्रम में बक्सर के जंगल में तारकासुर का वध कर इसी रास्ते से सरयू नदी घाट से जाने के दौरान भगवान श्री राम का पैर अचानक एक पत्थर से लग गया. उस पत्थर ने देखते ही देखते नारी का रूप ले लिया. वह नारी कोई और नहीं बल्कि महर्षि गौतम की पत्नी अहिल्या थीं. अहिल्या का उद्धार कार्तिक पूर्णिमा के दिन हुआ था. कार्तिक पूर्णिमा के दिन हर साल यहां हजारों की संख्या में श्रद्धालु आते हैं और पाप और श्राप से मुक्त होने के लिए नदी में स्नान करते हैं.

आश्रम के महंत रामदयालु दास ने बताया कि नीतीश कुमार विकास नहीं विनाश का काम कर रहे हैं. यहां से मिट्टी अयोध्या राम मंदिर निर्माण में भेजी गई है. लेकिन दुर्भाग्य की बात यह है कि जहां प्रभु श्री राम ने अहिल्या का उद्धार किया आज उसकी दुर्दशा हो गई है. किसी की नजर गौतम ऋषि आश्रम और अहिल्या उद्धार मंदिर पर नहीं पड़ती है.
चुनावी मुद्दा बनेगा अहिल्या उद्धार
सारण के वरिष्ठ पत्रकार चंद्र प्रकाश राज ने बताया कि गौतम ऋषि आश्रम और अहिल्या का उद्धार रामायण में विस्तृत चर्चा है. लेकिन दुर्भाग्य है कि वर्तमान में केंद्र सरकार ने जो रामायण सर्किट की रचना की है, उसमें गौतम ऋषि आश्रम का जिक्र ही नहीं है. वर्तमान राजनेता दोनों सांसद बीजेपी के है. मगर किसी की नजर अहिल्या उद्धार पर नहीं पड़ती है. यहां श्रद्धालुओं के साथ-साथ पर्यटक भी आते हैं. ऐसे में यहां उनके रहने की कोई व्यवस्था नहीं है. यहां की जनता आंदोलन करने की तैयारी में है. क्योंकि इस चुनाव अहिल्या उद्धार चुनावी मुद्दा जरूर बनेगा.
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क्या है रामायण सर्किट योजना
दो साल पहले मोदी सरकार ने महत्वाकांक्षी रामायण सर्किट योजना को शुरू करने का ऐलान किया था. इस प्रोजेक्ट का उद्देश्य देश में उन सभी स्थानों को जोड़ना था, जहां-जहां भगवान राम गए थे या जो रामायण से जुड़ी पौराणिक कथाओं की वजह से प्रसिद्ध हैं. स्वदेश दर्शन योजना के तहत पर्यटन मंत्रालय की ओर से जो 13 थीम आधारित पर्यटन सर्किट्स विकसित किए जाने हैं, उनमें से रामायण सर्किट एक है.
ऐसे में सारण स्थित अहिल्या उद्धार को इसमें शामिल नहीं किया गया है.
एक नजर उन जिलों पर जिन्हें रामायण सर्किट में रखा गया है
रामायण सर्किट प्रोजेक्ट में देश के 9 राज्यों के 15 स्थान रखे गये हैं.
- अयोध्या, श्रृंगवेरपुर और चित्रकूट (उत्तर प्रदेश)
- सीतामढ़ी, बक्सर और दरभंगा (बिहार)
- चित्रकूट (मध्य प्रदेश)
- जगदलपुर (छत्तीसगढ़)
- नंदीग्राम (पश्चिम बंगाल)
- महेंद्रगिरी (ओडिशा)
- भद्राचलम (तेलंगाना)
- रामेश्वरम (तमिलनाडु)
- हम्पी (कर्नाटक)
- नासिक और नागपुर (महाराष्ट्र)
क्यों हो रही मांग
रामायण सर्किट योजना में रखे गये सभी शहरों को रेल, सड़क और हवाई यात्रा तीनों तरह के संपर्क से आपस में जोड़ा जाएगा. यहां रेलवे कनेक्टिविटी को और बेहतर किया जाएगा. अगर इन शहरों में एयरपोर्ट नहीं हैं, तो नए बनाए जाएंगे. इनमें से जो भी शहर राष्ट्रीय राजमार्गों से नहीं जुड़े हैं, उनसे जोड़ा जाएगा. पूरा प्रयास है कि इस सर्किट की यात्रा करने वाले पर्यटकों को विश्व स्तरीय सुविधाएं मिलें और उनका सफर सुगम बनाया जा सके. प्रोजेक्ट को जल्दी से जल्दी पूरा किए जाने पर सरकार का जोर है. रामायण सर्किट के तहत आने वाले सभी शहरों में होटल, आवास की उन्नत सुविधाओं वाला स्तरीय इंफ्रास्ट्रक्चर खड़ा किया जाएगा. यही वजह है कि सारण के लोग अहिल्या उद्धार के लिए रामायण सर्किट में रखने की बात कर रहे हैं.