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बिहार के 10वें मुख्यमंत्री दारोगा प्रसाद राय की मनाई गई 97वीं जयंती, कई बड़े नेता रहे मौजूद - Saran News

छपरा के दारोगा राय चौक पर लगी प्रतिमा माल्यार्पण मुख्यमंत्री दारोगा प्रसाद राय की जयंती समारोह मनाई गई. इस मौके पर कई राजीतिक दिग्गज और अधिकारियों ने श्रद्धा सुमन अर्पित की.

सारण
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Published : Sep 3, 2019, 12:05 AM IST

सारण: जिले में बिहार के दसवें मुख्यमंत्री दारोगा प्रसाद राय की 97वीं जयंती समारोह मनाई गई. स्वास्थ्य मंत्री मंगल पाण्डेय सहित कई दिग्गजों ने श्रद्धा सुमन अर्पित की. विधान पार्षद डॉ विरेन्द्र नारायण यादव ने कहा कि दारोगा प्रसाद राय मुख्यमंत्री के तौर पर बिहार की विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई.

डॉ विरेन्द्र नारायण यादव ने कहा कि दारोगा बाबू आजादी की लड़ाई में बढ़-चढ़ कर हिस्सा लिया. सारण क्षेत्र की ओर से महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी. उनका भाषण बिहार के लोगों को काफी पसंद था. मुख्यमंत्री के तौर पर उन्होंने बिहार के शैक्षणिक, सामाजिक और अर्थव्यवस्था को सुदृढ किया. युवा पीढ़ी को उनसे सीख लेने की जरूरत है.

सारण
स्वास्थ्य मंत्री मंगल पाण्डेय सहित जिला प्रशासन

कई मंत्री और अधिकारी थे मौजूद
छपरा के दारोगा राय चौक पर लगी प्रतिमा पर माल्यार्पण मुख्यमंत्री दारोगा प्रसाद राय की जयंती समारोह मनाई गई. कई लोगों ने इस मौके पर श्रद्धा सुमन अर्पित की. इस मौके पर जिले के तमाम पदाधिकारी सहित कई राजनीतिक दिग्गज मौजद थे. वहां लोगों की काफी भीड़ थी.

विधान पार्षद डॉ विरेन्द्र नारायण यादव का बयान

दारोगा प्रसाद राय थे काफी प्रसिद्ध
बता दें कि बिहार में दारोगा प्रसाद राय के मुख्यमंत्री बनने से समाज के वंचित लोगों को पहली बार प्रतिनिधित्व मिला था. 16 फरवरी 1970 से 22 दिसम्बर 1970 तक बिहार के मुख्यमंत्री रहे. इस दौरान बिहार के विकास में कई महत्वपूर्ण काम किए. उन्होंने बिहार में भूमि सुधार लागू करने के लिए एक कमेटी बनाई थी. इस मुद्दे को लेकर तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी से रिश्तों में तल्खी आ गई थी. लेकिन इनकी बिहार में लोकप्रियता के प्रभाव से ही आज तक बिहार में फिर कोई सवर्ण मुख्यमंत्री नहीं बन सका.

सारण: जिले में बिहार के दसवें मुख्यमंत्री दारोगा प्रसाद राय की 97वीं जयंती समारोह मनाई गई. स्वास्थ्य मंत्री मंगल पाण्डेय सहित कई दिग्गजों ने श्रद्धा सुमन अर्पित की. विधान पार्षद डॉ विरेन्द्र नारायण यादव ने कहा कि दारोगा प्रसाद राय मुख्यमंत्री के तौर पर बिहार की विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई.

डॉ विरेन्द्र नारायण यादव ने कहा कि दारोगा बाबू आजादी की लड़ाई में बढ़-चढ़ कर हिस्सा लिया. सारण क्षेत्र की ओर से महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी. उनका भाषण बिहार के लोगों को काफी पसंद था. मुख्यमंत्री के तौर पर उन्होंने बिहार के शैक्षणिक, सामाजिक और अर्थव्यवस्था को सुदृढ किया. युवा पीढ़ी को उनसे सीख लेने की जरूरत है.

सारण
स्वास्थ्य मंत्री मंगल पाण्डेय सहित जिला प्रशासन

कई मंत्री और अधिकारी थे मौजूद
छपरा के दारोगा राय चौक पर लगी प्रतिमा पर माल्यार्पण मुख्यमंत्री दारोगा प्रसाद राय की जयंती समारोह मनाई गई. कई लोगों ने इस मौके पर श्रद्धा सुमन अर्पित की. इस मौके पर जिले के तमाम पदाधिकारी सहित कई राजनीतिक दिग्गज मौजद थे. वहां लोगों की काफी भीड़ थी.

विधान पार्षद डॉ विरेन्द्र नारायण यादव का बयान

दारोगा प्रसाद राय थे काफी प्रसिद्ध
बता दें कि बिहार में दारोगा प्रसाद राय के मुख्यमंत्री बनने से समाज के वंचित लोगों को पहली बार प्रतिनिधित्व मिला था. 16 फरवरी 1970 से 22 दिसम्बर 1970 तक बिहार के मुख्यमंत्री रहे. इस दौरान बिहार के विकास में कई महत्वपूर्ण काम किए. उन्होंने बिहार में भूमि सुधार लागू करने के लिए एक कमेटी बनाई थी. इस मुद्दे को लेकर तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी से रिश्तों में तल्खी आ गई थी. लेकिन इनकी बिहार में लोकप्रियता के प्रभाव से ही आज तक बिहार में फिर कोई सवर्ण मुख्यमंत्री नहीं बन सका.

Intro:



डे प्लान वाली ख़बर हैं
SLUG:-EX CM DAROGA PRASAD RAY
ETV BHARAT NEWS DESK
F.M:-DHARMENDRA KUMAR RASTOGI/ SARAN/BIHAR

Anchor:- बिहार के दसवें मुख्यमंत्री रहे दारोग़ा प्रसाद राय की 97 वीं जयंती समारोह राजकीय सम्मान के साथ शहर के दारोग़ा राय चौक पर लगी प्रतिमा पर माल्यार्पण कर मनाया गया, इस अवसर पर बिहार सरकार के स्वास्थ्य विभाग के मंत्री सह सारण जिले के प्रभारी मंत्री मंगल पाण्डेय, सारण स्नातक निर्वाचन क्षेत्र के विधान पार्षद डॉ बिरेन्द्र नारायण यादव, छपरा विधायक डॉ सीएन गुप्ता, पूर्व मंत्री उदित राय, सारण के जिलाधिकारी सुब्रत कुमार सेन, पुलिस अधीक्षक हरकिशोर राय, एसडीओं, वरीय अपर समाहर्ता सहित कई अन्य अधिकारी व सामाजिक कार्यकर्ता मौजूद थे.



Body:विधान पार्षद डॉ बिरेन्द्र नारायण यादव ने ईटीवी भारत के साथ बातचीत के दौरन कहा कि दारोग़ा बाबू अजादी की लड़ाई में बढ़ चढ़ कर हिस्सा लेने के साथ ही सारण की ओर से महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी, वे अपने असरदार भाषणों की वजह से पुरे बिहार के जनमानस में अपनी अलग पहचान बनाये थे, 16 फरवरी 1970 से लेकर 22 दिसम्बर 1970 तक बिहार के मुख्यमंत्री के रुप में रहते हुए शैक्षणिक, सामाजिक एवं अर्थव्यवस्था को सुदृढ करने में अपनी अहम भूमिका निभाई थी, वही विधानपार्षद डॉ विरेन्द्र नारायण यादव ने आज की वर्तमान परिपेक्ष्य को लेकर कहा कि दारोगा बाबू अपने अभिभावक व अग्रज तुल्य प्रभुनाथ सिंह के नाम पर अपने विधानसभा क्षेत्र परसा में प्रभुनाथ महाविद्यालय की स्थापना की जबकि वह चाहते तो अपने नाम से भी कॉलेज की स्थापना कर सकते थे लेकिन ऐसा उन्होंने नही किया.


Byte:-डॉ बीरेंद्र नारायण यादव, विधान पार्षद, सारण स्नातक निर्वाचन क्षेत्र, सारण



Conclusion:बिहार की राजनीति में खासकर समाज के वंचित लोगों तथा पिछड़ों को पहली बार सरकार में प्रतिनिधित्व प्राप्त होने का अवसर दारोगा बाबू को ही मिला था, आज़ादी के बाद 50 के दशक में वैसे एक मात्र पिछड़े वर्ग के नेता के रूप में उभरे थे जिन्हें बिहार के पहले मुख्यमंत्री श्री कृष्ण सिंह मंत्रिमंडल में उपमंत्री का पद से नवाजा गया था. दारोगा बाबू बाद में बिहार के मुख्यमंत्री भी बने थे हालांकि उनका कार्यकाल एक वर्ष से भी कम रहा और उन्हें तत्कालीन इंदिरा गांधी की केंद्रीय सरकार में बिहार के सवर्ण कांग्रेसी नेताओं के दबाव से इसलिए हटा दिया गया था क्योंकि उन्होंने बिहार में वास्तविक रूप से भूमि सुधार लागू करने का प्रयास किया था. जिसके लिए कमिटी का भी गठन कर लिया गया था लेकिन तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी को भूमि सुधार कानून रास नही आया तो इनको मुख्यमंत्री के पद से हटाकर केदार पाण्डेय को मुख्यमंत्री पद की शपथ दिलवा दी गई.
लेकिन दारोगा बाबू ने बिहार के अस्सी प्रतिशत से ज्यादा पिछड़े व वंचितों में जो जागृति लाई उसी का परिणाम है कि 1990 से लेकर आज तक पिछड़े वर्ग को छोड़ कर कोई सवर्ण बिहार के मुख्यमंत्री के पद पर काबिज नही हुआ है.


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