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चूल्हे से निकली चिंगारी से झोपड़ी जलकर राख, सो रहे 7 वर्षीय मासूम की दर्दनाक मौत - 7 years old child died in hut fire

पचभिंडा गांव की दलित बस्ती की एक झोपड़ी में भयंकर आग लग गई. इस झोपड़ी में सो रहे 7 वर्षीय मासूम की जलकर मौत हो गई.

बिहार की ताजा खबर
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Published : Dec 1, 2020, 10:56 PM IST

छपरा: जिले के तरैया थाना क्षेत्र के पचभिंडा गांव में चूल्हे से निकली चिंगारी से एक झोपड़ी जलकर राख हो गई. इस आगलगी में 7 वर्षीय मासूम की मौत हो गई. घटना के बाद से परिजनों में मातम मचा हुआ है.

मामला पचभिंडा गांव की दलित बस्ती का है, जहां रिंटू राम की झोपड़ी में आग लग गई. देखते ही देखते पूरी झोपड़ी जलकर राख हो गई. वहीं, झोपड़ी में सो रहे रिंटू के 7 वर्षीय मासूम आलोक की मौत हो गई.

सबकुछ छिन गया
ग्रामीणों के मुताबिक, आग इतनी तेजी के साथ फैली कि रिंटू और उसकी पत्नी झोपड़ी के अंदर सो रहे अपने 7 वर्षीय बच्चे को भी नहीं बचा सके. बस्ती के लोगों ने आग बुझाने की कोशिश की. सभी ने आग को फैलने से तो रोक लिया लेकिन मासूम आलोक को नहीं बचा सके. घटना की सूचना पाकर मौके पर पहुंची तरैया थाने की पुलिस ने शव को पोस्टमार्टम के लिए छपरा सदर अस्पताल भेज दिया.

वहीं स्थानीय समाजसेवी और अन्य पंचायत प्रतिनिधियों ने घटनास्थल पहुंचकर पीड़ित परिवार से मिलकर ढांढस बंधाया. ग्रामीणों ने बताया कि पचभिंडा के दलित बस्ती के लोगों को इंदिरा आवास योजना या प्रधानमंत्री आवास योजना का लाभ नहीं मिला है. इस बस्ती के दलित आज भी झोपड़ियों में रहते हैं. गर्मी और ठंड के मौसम में इस बस्ती में अक्सर अगलगी की घटना होती रहती है. जिसमें जान माल की काफी क्षति होती है. लेकिन इस तरफ अभी तक किसी जनप्रतिनिधि का ध्यान नहीं गया है. आज एक बार फिर अगलगी ने एक बच्चे की जान ले ली.

छपरा: जिले के तरैया थाना क्षेत्र के पचभिंडा गांव में चूल्हे से निकली चिंगारी से एक झोपड़ी जलकर राख हो गई. इस आगलगी में 7 वर्षीय मासूम की मौत हो गई. घटना के बाद से परिजनों में मातम मचा हुआ है.

मामला पचभिंडा गांव की दलित बस्ती का है, जहां रिंटू राम की झोपड़ी में आग लग गई. देखते ही देखते पूरी झोपड़ी जलकर राख हो गई. वहीं, झोपड़ी में सो रहे रिंटू के 7 वर्षीय मासूम आलोक की मौत हो गई.

सबकुछ छिन गया
ग्रामीणों के मुताबिक, आग इतनी तेजी के साथ फैली कि रिंटू और उसकी पत्नी झोपड़ी के अंदर सो रहे अपने 7 वर्षीय बच्चे को भी नहीं बचा सके. बस्ती के लोगों ने आग बुझाने की कोशिश की. सभी ने आग को फैलने से तो रोक लिया लेकिन मासूम आलोक को नहीं बचा सके. घटना की सूचना पाकर मौके पर पहुंची तरैया थाने की पुलिस ने शव को पोस्टमार्टम के लिए छपरा सदर अस्पताल भेज दिया.

वहीं स्थानीय समाजसेवी और अन्य पंचायत प्रतिनिधियों ने घटनास्थल पहुंचकर पीड़ित परिवार से मिलकर ढांढस बंधाया. ग्रामीणों ने बताया कि पचभिंडा के दलित बस्ती के लोगों को इंदिरा आवास योजना या प्रधानमंत्री आवास योजना का लाभ नहीं मिला है. इस बस्ती के दलित आज भी झोपड़ियों में रहते हैं. गर्मी और ठंड के मौसम में इस बस्ती में अक्सर अगलगी की घटना होती रहती है. जिसमें जान माल की काफी क्षति होती है. लेकिन इस तरफ अभी तक किसी जनप्रतिनिधि का ध्यान नहीं गया है. आज एक बार फिर अगलगी ने एक बच्चे की जान ले ली.

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