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सारणः भिखारी ठाकुर की 132वी जयंती पर परिचर्चा का आयोजन - बिहार

बिहार के कई जिलों में बुधवार को भिखारी ठाकुर की 132वी जयंती मनाई गई. इसको लेकर जगह-जगह जयंती समारोह और परिचर्चा जैसे कार्यक्रमों का आयोजन किया गया.

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भिखारी ठाकुर
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Published : Dec 18, 2019, 11:42 PM IST

सारणः जिले के रामजय पाल सिंह कॉलेज में राय साहब भिखारी ठाकुर की 132वी जयंती मनाई गई. इस अवसर पर उनके गांव कुतुबपुर में कार्यक्रम का आयोजन किया गया. कार्यक्रम में उपस्थित लोगों ने भिखारी ठाकुर के चित्र पर माल्यार्पण कर उन्हें श्रद्धा सुमन अर्पित किया.


अंग्रेजों ने दी राय साहब की उपाधि
कार्यक्रम में उनके जीवन से जुड़े कई पहलुओं पर चर्चा की गई. बता दें कि भिखारी ठाकुर को भोजपुरी का शेक्सपियर कहा जाता है. इसके अलावा अंग्रेजों ने उन्हें राय साहब की उपाधि से नवाजा था.

भोजपुर में परिचर्चा

लालू ने लगवाई थी प्रतिमा

कार्यक्रम में भिखारी ठाकुर के जीवन पर शोध कार्य करने वाले जैनेंद्र दोस्त ने उनके जीवन से जुड़ी बातों को नाटक और कविता के माध्यम से लोगों के सामने रखा. उन्होंने बताया कि वह बेहद गरीबी में पले बढ़े. वहीं, विद्यालय के राजनीति शास्त्र के पूर्व विभागाध्यक्ष ने कहा कि सारण उनकी जन्म भूमि होने बाद भी कई सालों तक यहां उनकी प्रतिमा नहीं लगाई गई. 1990 में त्तकालिन मुख्यमंत्री लालू प्रसाद यादव ने बाईपास चौंक पर उनकी प्रतिमा लगवाई.

saran
भोजपुर आयोजन का शुभारंभ करते विवि के कुलपित साथ में अन्य

भोजपुर में परिचर्चा

जिले में भिखारी ठाकुर के 132वी जयंती के मौके पर परिचर्चा सह सांस्कृतिक कार्यक्रम का आयोजन किया गया. कार्यक्रम का उद्घाटन भोजपुर विवि के वाइस चांसलर और अमेरिका से आई कायिका स्वास्ती पांडेय ने किया. इस मौके पर उनके जीवन से जुड़ी बातों को सभी के सामने रखा गया. भारी संख्या में लोगों ने परिचर्चा में हिस्सा लिया.

सारणः जिले के रामजय पाल सिंह कॉलेज में राय साहब भिखारी ठाकुर की 132वी जयंती मनाई गई. इस अवसर पर उनके गांव कुतुबपुर में कार्यक्रम का आयोजन किया गया. कार्यक्रम में उपस्थित लोगों ने भिखारी ठाकुर के चित्र पर माल्यार्पण कर उन्हें श्रद्धा सुमन अर्पित किया.


अंग्रेजों ने दी राय साहब की उपाधि
कार्यक्रम में उनके जीवन से जुड़े कई पहलुओं पर चर्चा की गई. बता दें कि भिखारी ठाकुर को भोजपुरी का शेक्सपियर कहा जाता है. इसके अलावा अंग्रेजों ने उन्हें राय साहब की उपाधि से नवाजा था.

भोजपुर में परिचर्चा

लालू ने लगवाई थी प्रतिमा

कार्यक्रम में भिखारी ठाकुर के जीवन पर शोध कार्य करने वाले जैनेंद्र दोस्त ने उनके जीवन से जुड़ी बातों को नाटक और कविता के माध्यम से लोगों के सामने रखा. उन्होंने बताया कि वह बेहद गरीबी में पले बढ़े. वहीं, विद्यालय के राजनीति शास्त्र के पूर्व विभागाध्यक्ष ने कहा कि सारण उनकी जन्म भूमि होने बाद भी कई सालों तक यहां उनकी प्रतिमा नहीं लगाई गई. 1990 में त्तकालिन मुख्यमंत्री लालू प्रसाद यादव ने बाईपास चौंक पर उनकी प्रतिमा लगवाई.

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भोजपुर आयोजन का शुभारंभ करते विवि के कुलपित साथ में अन्य

भोजपुर में परिचर्चा

जिले में भिखारी ठाकुर के 132वी जयंती के मौके पर परिचर्चा सह सांस्कृतिक कार्यक्रम का आयोजन किया गया. कार्यक्रम का उद्घाटन भोजपुर विवि के वाइस चांसलर और अमेरिका से आई कायिका स्वास्ती पांडेय ने किया. इस मौके पर उनके जीवन से जुड़ी बातों को सभी के सामने रखा गया. भारी संख्या में लोगों ने परिचर्चा में हिस्सा लिया.

Intro:भिखारी ठाकुर जयंती।छ्परा से पंकज श्रीवास्तव की रिपोर्ट । छ्परा।छ्परा मे आज राय साहब भिखारी ठाकुर की 132वी जयंती मनाई गयी।इस अवसर पर शहर मे कई कार्यक्रम का आयोजन किया गया।वही मुख्य कार्यक्रम भिखारी ठाकुर के गाव कुतुब पुर मे किया जा रहा है।जिसमे उनके जीवन से जुड़े हुए कई पहलुवो पर चर्चा की जायेगी।इसी के साथ भिखारी ठाकुर की कई रचनाओं और नाटकों की प्रस्तुति भी की जायेगी।



Body:वही छ्परा के रामजय पाल सिंह कालेज मे भिखारी ठाकुर की जयंती पर आयोजित कार्यक्रम मे सबसे पहले उपस्थित समुदाय ने भिखारी ठाकुर के चित्र पर माल्यार्पण कर उन्हे श्रधा सुमन अर्पित किया ।वही कई विद्वानों ने भिखारी ठाकुर की जीवन पर प्रकाश डालते हुये कहा की भिखारी ठाकुर को लोग भोजपुरी का शेक्सपीयर भी कहते है।लेकिन भिखारी ठाकुर को एक अन्य नाम उपाधी मे मिली थी।वह अग्रेजो के द्वारा दी गयी उपाधी है राय साहब ।अग्रेजो ने भोजपुरी के शेक्सपियर को राय साहब की उपाधी से नवाजा था।इसे शायद बहुत कम लोग ही जानते है।


Conclusion:वही आज की सभा को संबोधित करते हुए वरीय अधिवक्ता अमित रंजन ने कहा की आज हमे इस बात पर गर्व है की हम भिखारी ठाकुर को धरती सारण जिले से आते है।वही भिखारी ठाकुर के जीवन पर शोध कार्य करने वाले जैनेंद्र दोस्त ने कहा की भिखारी ठाकुर ने उस समय उन सब बातों का जिक्र अपने नाटकों के माध्यम से कीया था।जिसे रोकने के लिये आज केंद्र और राज्य की सरकार काफ़ी प्रयास कर रही है।वही बेहद गरीबी मे पले बढ़े और नाई जाति मे पैदा हुये भिखारी ठाकुर जैसे अनपढ़ व्यक्ति ने इस बात को सिध्द कर दिया की बड़ी सोच रखने वाला ब्यक्ति काफी कुछ कर सकता है। वही जय प्रकाश विश्व विद्यालय छ्परा के राजनीति शास्त्र के पूर्व विभागाध्यक्ष ने कहा की उनकी जन्म स्थली छ्परा मे होने के बाद भी कही पर भिखारी ठाकुर की मुर्ति नही थी।तब 1990मे तत्कालिन मुख्य मंत्री लालू प्रसाद यादव बाइपास चौंक पर उनकी मुर्ति लगवाई। बाईट डा लाल बाबू यादव पुर्व विभागाध्यक्ष राजनितिक शास्त्र जयप्रकाश विश्व विद्यालय छ्परा।
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