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समस्तीपुर में ग्रामीणों ने पुलिस टीम को बंधक बनाया, घंटों तक चली वार्ता.. तब जाकर रिहा हुए पुलिसवाले

संजय सिंह के हत्यारों की गिरफ्तारी और गांव के 22 लोगों पर दर्ज की गई एफआईआर (FIR On 22 Villagers In Samastipur) को वापस लेने की मांग को लेकर समस्तीपुर के फतेहपुर में ग्रामीणों ने पुलिस टीम को बंधक (Villagers hostage police team in Fatehpur) बना लिया. देखें वीडियो/पढ़ें पूरी खबर...

पुलिस को घेरे ग्रामीण
पुलिस को घेरे ग्रामीण
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Published : Feb 26, 2022, 8:30 PM IST

समस्तीपुर: बिहार के समस्तीपुर जिले के मुसरीघरारी थाने की पुलिस टीम को शनिवार को ग्रामीणों ने बंधक (Villagers Hostage Police Team In Samastipur) बना लिया. घंटों तक अधिकारी और कांस्टेबल ग्रामीणों के कब्जे में रहे. फिर स्थानीय जन प्रतिनिधियों की मध्यस्थता के बीच ग्रामीणों की मांग पर आश्वासन देने के बाद ग्रामीणों ने उन्हें छोड़ा, तब जाकर पुलिसकर्मी थाने जा सके.

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दरअसल, यह मामला फतेहपुर गांव का है, जहां बीते दिनों संजय सिंह की अपराधियों ने हत्या कर दी थी. इस वारदात के बाद आक्रोशित ग्रामीणों ने एनएच-28 को जाम कर दिया था. जाम की सूचना के बाद मौके पर पहुंची पुलिस टीम ने चार दिनों के भीतर अपराधियों को गिरफ्तार करने का आश्वासन दिया था. लेकिन चार दिन बीत जाने के बाद पुलिस ने अपराधियों को गिरफ्तार करना तो दूर यातायात बाधित करने के मामले में 22 ग्रामीणों पर एफआईआर कर दिया.

इसे भी पढ़ें- पटना के सहारा कार्यालय में हंगामा, कर्मचारियों को बंधक बनाकर की तोड़फोड़

इसके बाद ग्रामीण काफी आक्रोशित हो गए. ग्रामीणों की गिरफ्तारी के लिए जब पुलिस गांव पहुंची तो पहले से आक्रोशित ग्रामीणों ने उन्हें बंधक बना लिया. पुलिस की गाड़ी की चाबी निकाल ली और अपने उपर दर्ज की गई एफआईआर को वापस लेने की मांग करने लगे. पुलिस को बंधक बनाए जाने की सूचना के बाद भाकपा मामले के प्रखंड सचिव सुरेन्द्र प्रसाद सिंह, पूर्व मुखिया विनोद राय, फतेहपुर मुखिया विनोद प्रसाद सिंह, महिला नेत्री वंदना सिंह समेत अन्य की मध्यस्थता के बीच एक समझौता हुआ. आश्वासन मिलने के बाद ग्रामीणों ने पुलिसकर्मियों को छोड़ा.

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समस्तीपुर: बिहार के समस्तीपुर जिले के मुसरीघरारी थाने की पुलिस टीम को शनिवार को ग्रामीणों ने बंधक (Villagers Hostage Police Team In Samastipur) बना लिया. घंटों तक अधिकारी और कांस्टेबल ग्रामीणों के कब्जे में रहे. फिर स्थानीय जन प्रतिनिधियों की मध्यस्थता के बीच ग्रामीणों की मांग पर आश्वासन देने के बाद ग्रामीणों ने उन्हें छोड़ा, तब जाकर पुलिसकर्मी थाने जा सके.

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दरअसल, यह मामला फतेहपुर गांव का है, जहां बीते दिनों संजय सिंह की अपराधियों ने हत्या कर दी थी. इस वारदात के बाद आक्रोशित ग्रामीणों ने एनएच-28 को जाम कर दिया था. जाम की सूचना के बाद मौके पर पहुंची पुलिस टीम ने चार दिनों के भीतर अपराधियों को गिरफ्तार करने का आश्वासन दिया था. लेकिन चार दिन बीत जाने के बाद पुलिस ने अपराधियों को गिरफ्तार करना तो दूर यातायात बाधित करने के मामले में 22 ग्रामीणों पर एफआईआर कर दिया.

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इसके बाद ग्रामीण काफी आक्रोशित हो गए. ग्रामीणों की गिरफ्तारी के लिए जब पुलिस गांव पहुंची तो पहले से आक्रोशित ग्रामीणों ने उन्हें बंधक बना लिया. पुलिस की गाड़ी की चाबी निकाल ली और अपने उपर दर्ज की गई एफआईआर को वापस लेने की मांग करने लगे. पुलिस को बंधक बनाए जाने की सूचना के बाद भाकपा मामले के प्रखंड सचिव सुरेन्द्र प्रसाद सिंह, पूर्व मुखिया विनोद राय, फतेहपुर मुखिया विनोद प्रसाद सिंह, महिला नेत्री वंदना सिंह समेत अन्य की मध्यस्थता के बीच एक समझौता हुआ. आश्वासन मिलने के बाद ग्रामीणों ने पुलिसकर्मियों को छोड़ा.

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