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सीतामढ़ीः चीनी मिल का बैंक खाता हुआ NPA, भुगतान नहीं होने पर गन्ना किसानों ने किया प्रदर्शन

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Published : Oct 11, 2019, 4:57 PM IST

बैंक के शाखा प्रबंधक ने कहा कि एनपीए जैसे आदेश मुख्य शाखा से आते हैं. इसमें स्थानीय शाखा की कोई भूमिका नहीं होती है. किसानों और मजदूरों की मांगों को ऊपर के अधिकारियों के संज्ञान में दिया जाएगा.

सीतामढ़ी

सीतामढ़ीः जिले का रीगा चीनी मिल संकट के दौर से गुजर रहा है. बैंक ऑफ इंडिया ने मिल के बैंक खाते को एनपीए घोषित करते हुए इसकी निकासी पर रोक लगा दी है. जिससे इलाके के हजारों गन्ना किसानों का भुगतान अधर में लटक गया है. साथ ही मिल के कर्मियों को वेतन भी नहीं मिल पा रहा है. लिहाजा किसान और मजदूरों ने बैंक से अपने पैसे वापस लेने की मांग की है.

सीतामढ़ी
बैंक के बाहर विरोध प्रदर्शन करते किसान

किसान और मजदूरों ने किया प्रदर्शन
किसान और मजदूरों ने इसके विरोध में बैंक ऑफ इंडिया के रीगा शाखा के बाहर विरोध प्रदर्शन किया. इस दौरान उन्होंने बैंक के खिलाफ जमकर नारे लगाए. किसानों ने कहा कि मिल के पास हजारों किसानों का लाखों का भुगतान रुका हुआ है. सामने दीपावली और छठ का पर्व भी है. ऐसे में हमारे परिवार में अभी पैसे की जरूरत है. मिल मालिक के पास हमारा पैसा है. लेकिन बैंक ने मिल के खाते से निकासी पर रोक लगा दी है.

पेश है रिपोर्ट

शाखा प्रबंधक को सौंपा मांगों का ज्ञापन
प्रदर्शन के बाद किसान और मजदूरों का प्रतिनिधि मंडल बैंक ऑफ इंडिया के शाखा प्रबंधक लक्ष्मी सिंह से मिलकर अपनी मांगों का ज्ञापन सौंपा. लक्ष्मी सिंह ने भी उन्हें उचित कार्रवाई का भरोसा दिलाया है. शाखा प्रबंधक ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि एनपीए जैसे आदेश मुख्य शाखा से आते हैं. इसमें स्थानीय शाखा की कोई भूमिका नहीं होती है. किसानों और मजदूरों की मांगों को ऊपर के अधिकारियों के संज्ञान में दिया जाएगा.

सीतामढ़ीः जिले का रीगा चीनी मिल संकट के दौर से गुजर रहा है. बैंक ऑफ इंडिया ने मिल के बैंक खाते को एनपीए घोषित करते हुए इसकी निकासी पर रोक लगा दी है. जिससे इलाके के हजारों गन्ना किसानों का भुगतान अधर में लटक गया है. साथ ही मिल के कर्मियों को वेतन भी नहीं मिल पा रहा है. लिहाजा किसान और मजदूरों ने बैंक से अपने पैसे वापस लेने की मांग की है.

सीतामढ़ी
बैंक के बाहर विरोध प्रदर्शन करते किसान

किसान और मजदूरों ने किया प्रदर्शन
किसान और मजदूरों ने इसके विरोध में बैंक ऑफ इंडिया के रीगा शाखा के बाहर विरोध प्रदर्शन किया. इस दौरान उन्होंने बैंक के खिलाफ जमकर नारे लगाए. किसानों ने कहा कि मिल के पास हजारों किसानों का लाखों का भुगतान रुका हुआ है. सामने दीपावली और छठ का पर्व भी है. ऐसे में हमारे परिवार में अभी पैसे की जरूरत है. मिल मालिक के पास हमारा पैसा है. लेकिन बैंक ने मिल के खाते से निकासी पर रोक लगा दी है.

पेश है रिपोर्ट

शाखा प्रबंधक को सौंपा मांगों का ज्ञापन
प्रदर्शन के बाद किसान और मजदूरों का प्रतिनिधि मंडल बैंक ऑफ इंडिया के शाखा प्रबंधक लक्ष्मी सिंह से मिलकर अपनी मांगों का ज्ञापन सौंपा. लक्ष्मी सिंह ने भी उन्हें उचित कार्रवाई का भरोसा दिलाया है. शाखा प्रबंधक ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि एनपीए जैसे आदेश मुख्य शाखा से आते हैं. इसमें स्थानीय शाखा की कोई भूमिका नहीं होती है. किसानों और मजदूरों की मांगों को ऊपर के अधिकारियों के संज्ञान में दिया जाएगा.

Intro:रीगा चीनी मिल

-मिल खाता हुआ एन पी ए
- करीब 50 हजार किसान और कर्मियों की होने वाली है - काली दीवाली
- किसानो में मचा हड़कंप

सीतामढ़ी - ज़िले रीगा प्रखंड व सीतामढ़ी का एकलौता रीगा चीनी इन दिनों काफी संकट के दौड़ से गुजर रहा है। मिल प्रवन्धक पिछले कई सालो से गन्ना किसानो से लिए गन्ना बकाये करीब करोडो का भुगतान मंधर गति से कर रहा है। वही अब मिल के खाता NPA - होने से बैंक ने मिल के खाते से निकासी पर रोक लगा दी है। जिससे ना केवल किसानो वल्कि मिल कर्मियों की दीपावली काली होने वाली है। इस खबर से किसानो के बीच हड़कंप मचा है।
Body:
जिला का एकलौता रीगा चीनी इन दिनों काफी संकट के दौड़ से गुजर रहा है। तो इसी बीच

बैंक ऑफ इंडिया के प्रधान कार्यालय [कोलकत्ता ] के निर्देशानुसार रीगा चीनी मिल के किसानों एवं कर्मचारियों के वेतन सहित किसी भी प्रकार के भुगतान पर रोक लगा दिया है। जिससे न केवल किसान परेशान वल्कि कर्मियों को वेतन लाले पड़ने की खबर है।

इधर आने वाली [ दीपाली व छठ ] पर्व के अवसर पर इसकी सुचना जब किसानो को मिली तो किसानी की एक टोली बैंक इस कारबाई खिलाफ नारेबाजी करते हुए भुगतान पर रोक लगी रोक अभिलम्ब वापस लेने की अपनी आवाज बुलंद कर रहे है।
इस सम्बन्ध में रीगा चीनी मिल के किसानों एवं मजदूरो ने बैंक ऑफ इंडिया रीगा शाखा प्रबंधक को दिया सामूहिक ज्ञापन।

Conclusion:

बताते चले की बैंक ऑफ इंडिया के प्रधान कार्यालय, कोलकाता के आदेश से चीनी मिल से जुड़े 40 हजार किसान एवं हजारों कर्मचारी प्रभावित हो रहे हैं, जबकि सामने सबसे बड़ा पर्व दीपावली एवं छठ है, जिसमें सभीको पैसे की जरूरत रहती है। वहीं चीनी मिल चलने में मात्र 2 महीने का समय रह गया है इस परिस्थिति में चीनी मिल के मशीन एवं पार्ट को मुहैया कराने वाले लोग भी प्रभावित हो रहे हैं। लगभग हजारों किसान एवं मजदूर ने एक साथ बैंक ऑफ इंडिया के रीगा शाखा प्रबंधक लक्ष्मी सिंह को ज्ञापन देकर मांग किया है,कि बैंक ऑफ इंडिया के प्रधान कार्यालय कोलकाता को इस समस्या से अवगत कराएं ताकि हजारों किसानों एवं मजदूरों की समस्या का समाधान हो सके।

बाईट -लक्ष्मी सिंह [ शाखा प्रबंधक ]
बाइट -- शशि गुप्ता [ महा प्रवन्धक -रीगा चीनी मिल 
बाइट - किसान
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