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समस्तीपुर: लॉकडाउन की वजह से सुधा डेयरी भी बंदी के कगार पर, दूध की सप्लाई में आई भारी गिरावट

लॉकडाउन से पहले डेयरी की दूध की बिक्री के बाद सीधे किसानों के खाते में प्रतिदिन एक करोड़ की राशि भी भेजा जाए करती थी, लेकिन अब लॉकडाउन की वजह से बिक्री पर असर पड़ने लगा है.

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Published : Apr 3, 2020, 4:33 PM IST

समस्तीपुर: लॉकडाउन का असर जिले के मिथिला दूध डेयरी में भी देखने को मिल रहा है. जहां दूध की सप्लाई काफी कम हो गयी है. जिले में दूध की बिक्री सीधे आधे से भी कम हो गई है. इस कारण इसका सीधा असर गांव में दूध उत्पादन किसानों पर पड़ने लगा है. वर्तमान में डेयरी इनके दूध का कलेक्शन तो ले रही है, लेकिन दूध की बिक्री नहीं होने से इनके राशि लौटाने की समस्या उत्पन्न होने लगी है. मजबूरी में अब दूध डेयरी दूध का पाउडर बनाकर रखने लगे हैं. जिसके कारण पूंजी ब्लॉक हो रही है.

लॉकडाउन से पहले डेयरी की दूध की बिक्री के बाद सीधे किसानों के खाते में प्रतिदिन एक करोड़ की राशि भी भेजा जाए करती थी, लेकिन अब लॉकडाउन की वजह से बिक्री पर असर पड़ने लगा है. किसानों के खाते में रुपये भेजने की समस्या बन गई है. जानकारी के अनुसार मिथिला दूध डेयरी लॉक डाउन से पहले समस्तीपुर दरभंगा मधुबनी एवं झारखंड में भी दूध का सप्लाई किया करती थी, लेकिन लॉकडाउन के कारण सभी जगह फैक्ट्री बंद होने से दूध की सप्लाई बंद है.

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सुधा का दूध पैकेट

दूध की बिक्री में आई है बड़ी कमी
लॉक डाउन से पहले डेयरी चार लाख लीटर दूध प्रतिदिन लिया करती थी. जिसमें डेढ़ लाख लीटर दूध झारखंड को जाता था. जो बंद हो गया. ढाई लाख लीटर दूध की बिक्री घटकर अब डेढ़ लाख हो गई है. इसको लेकर डेयरी के समक्ष किसानों के भुगतान की समस्या बन गई है. जिससे डेयरी धीरे-धीरे बंदी की कगार पर है.

बनाया जा रहा दूध का पाउडर
वहीं, सुधा डेयरी प्रबंधक धर्मेंद्र कुमार श्रीवास्तव ने बताया कि लॉकडाउन से पहले डेहरी चार लाख लीटर दूध लिया करती थी. जिसमें डेढ़ लाख लीटर दूध झारखंड को सप्लाई कर देती थी. और ढाई लाख दूध पूरे मार्केट में बिक्री किया करती थी, लेकिन दूध की बिक्री और दूध की सप्लाई कम होने के कारण दूध का पाउडर बनाया जा रहा है. लेकिन अब वह भी काफी दिनों तक चलने की स्थिति में नहीं है.

समस्तीपुर: लॉकडाउन का असर जिले के मिथिला दूध डेयरी में भी देखने को मिल रहा है. जहां दूध की सप्लाई काफी कम हो गयी है. जिले में दूध की बिक्री सीधे आधे से भी कम हो गई है. इस कारण इसका सीधा असर गांव में दूध उत्पादन किसानों पर पड़ने लगा है. वर्तमान में डेयरी इनके दूध का कलेक्शन तो ले रही है, लेकिन दूध की बिक्री नहीं होने से इनके राशि लौटाने की समस्या उत्पन्न होने लगी है. मजबूरी में अब दूध डेयरी दूध का पाउडर बनाकर रखने लगे हैं. जिसके कारण पूंजी ब्लॉक हो रही है.

लॉकडाउन से पहले डेयरी की दूध की बिक्री के बाद सीधे किसानों के खाते में प्रतिदिन एक करोड़ की राशि भी भेजा जाए करती थी, लेकिन अब लॉकडाउन की वजह से बिक्री पर असर पड़ने लगा है. किसानों के खाते में रुपये भेजने की समस्या बन गई है. जानकारी के अनुसार मिथिला दूध डेयरी लॉक डाउन से पहले समस्तीपुर दरभंगा मधुबनी एवं झारखंड में भी दूध का सप्लाई किया करती थी, लेकिन लॉकडाउन के कारण सभी जगह फैक्ट्री बंद होने से दूध की सप्लाई बंद है.

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सुधा का दूध पैकेट

दूध की बिक्री में आई है बड़ी कमी
लॉक डाउन से पहले डेयरी चार लाख लीटर दूध प्रतिदिन लिया करती थी. जिसमें डेढ़ लाख लीटर दूध झारखंड को जाता था. जो बंद हो गया. ढाई लाख लीटर दूध की बिक्री घटकर अब डेढ़ लाख हो गई है. इसको लेकर डेयरी के समक्ष किसानों के भुगतान की समस्या बन गई है. जिससे डेयरी धीरे-धीरे बंदी की कगार पर है.

बनाया जा रहा दूध का पाउडर
वहीं, सुधा डेयरी प्रबंधक धर्मेंद्र कुमार श्रीवास्तव ने बताया कि लॉकडाउन से पहले डेहरी चार लाख लीटर दूध लिया करती थी. जिसमें डेढ़ लाख लीटर दूध झारखंड को सप्लाई कर देती थी. और ढाई लाख दूध पूरे मार्केट में बिक्री किया करती थी, लेकिन दूध की बिक्री और दूध की सप्लाई कम होने के कारण दूध का पाउडर बनाया जा रहा है. लेकिन अब वह भी काफी दिनों तक चलने की स्थिति में नहीं है.

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