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Samastipur News: मंदिर प्रांगण में होती है पढ़ाई.. तबेले में बनता है मध्याह्न भोजन..सरकारी स्कूल का हाल

बच्चे स्कूल की बजाए मंदिर प्रांगण में बैठकर पढ़ने को विवश हैं. पहली से लेकर पांचवीं तक के बच्चे एक साथ बैठकर पढ़ाई करते हैं. इतना ही नहीं तबेले में इनके लिए मध्याह्न भोजन तैयार किया जाता है. मामला समस्तीपुर के एक सरकारी स्कूल का है. पढ़ें पूरी खबर..

समस्तीपुर में मंदिर प्रांगण में पढ़ने को मजबूर बच्चे:
समस्तीपुर में मंदिर प्रांगण में पढ़ने को मजबूर बच्चे:
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By ETV Bharat Bihar Team

Published : Sep 1, 2023, 12:48 PM IST

Updated : Sep 1, 2023, 9:45 PM IST

देखें रिपोर्ट.

समस्तीपुर: शिक्षा विभाग बच्चों की शिक्षा को लेकर काफी गंभीर है. सरकार की कोशिश है कि बच्चों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा मिले और इस राह में किसी प्रकार की कोई बाधा ना आए. लेकिन क्या वाकई धरातल पर ऐसा हो रहा है. यह सवाल इसलिए उठ रहा है क्योंकि समस्तीपुर के एक स्कूल की चौंकाने वाली तस्वीरें सामने आई हैं. यहां बच्चे मंदिर के प्रांगण में बैठकर पढ़ाई करने हैं और इनके लिए बनने वाला मध्याह्न भोजन पशुओं के बथान में बनता है.

पढ़ें- Bihar News: बिहार के इस स्कूल की शिक्षिका को नहीं मालूम प्रधानमंत्री का नाम, 9वीं क्लास के छात्रों की अज्ञानता देख सभी हैरान

समस्तीपुर में मंदिर प्रांगण में पढ़ाई: कल्याणपुर प्रखंड के कोयला कुंड में अवस्थित नवसृजित प्राथमिक विद्यालय मंदिर परिसर में चल रहा है. मंदिर परिसर में क्लास वन से लेकर पांच तक के सैकड़ों बच्चों को शिक्षा दी जाती है. वहीं सबसे हैरान कर देने वाली बात यह है कि ननिहालों को खिलाने वाला मध्याह्न भोजन मवेशी के बथान में बनाया जाता है.

मंदिर प्रांगण में पढ़ने को मजबूर छात्र
मंदिर प्रांगण में पढ़ने को मजबूर छात्र

तबेले में बनाया जाता है मध्याह्न भोजन: मध्याह्न भोजन बनाने वाली सेविका ने बताया कि विगत एक महीने से विद्यालय का मध्याह्न भोजन मवेशी के बथान में बनता है, जहां स्वच्छता नाम की कोई चीज नहीं है. वहीं दूसरी ओर मंदिर परिसर में क्लास 1 से लेकर 5 तक के बच्चे को एक साथ बैठकर पढ़ाया जाता है. इस विद्यालय में दो सहायक शिक्षक एवं एक प्रधानाध्यापक पदस्थापित हैं.

"महंत बाबा के भैंसों को यहां बंधा जाता था. भूसा रखा जाता है. यहीं खाना बन रहा है. एक महीने से लगभग यहां खाना बन रहा है."-अनीता देवी, रसोईया

तबेले में मध्याह्न भोजन बनाने की तस्वीर
तबेले में मध्याह्न भोजन बनाने की तस्वीर

1-5 कक्षा तक के बच्चों की एक साथ पढ़ाई: शिक्षा एवं स्वच्छता के नाम पर यहां क्रूर मजाक किया जा रहा है. इसकी चिंता ना तो यहां के जनप्रतिनिधियों को है और ना ही यहां के शिक्षा विभाग के अधिकारियों को है. इस संबंध में जब यहां के प्रधानाध्यापक से बात की गई तो प्रधानाध्यापक अनिल कुमार ने जानकारी देते हुए बताया है कि आसपास में विद्यालय का भवन बना है. जब तक उसमें विद्यालय नहीं शिफ्ट होता है, तब तक मंदिर परिसर में विद्यालय को चलाया जा रहा है.

147 बच्चे एक साथ पढ़ाई करते
147 बच्चे एक साथ पढ़ाई करते

नौनिहालों के भविष्य से खिलवाड़: मध्याह्न भोजन बनाने के लिए कहीं जगह नहीं थी. मवेशी के बथान में मध्यान भोजन बनाया जाता है. अब आप खुद ही अंदाजा लगा सकते हैं कि सरकार एक तरफ शिक्षा को बेहतर करने एवं स्वच्छता को लेकर जो दावा करती है उसकी जमीनी हकीकत कुछ और ही है. इन ननिहालों के साथ शिक्षा एवं स्वच्छता के नाम पर क्रूर मजाक किया जा रहा है.

नवसृजित प्राथमिक विद्यालय का हाल
नवसृजित प्राथमिक विद्यालय का हाल

"वन से फाइव तक की क्लास चलती है. विद्यालय बना है लेकिन साफ सफाई चल रहा है. मंदिर के प्रांगण में फिलहाल क्लास चल रहा है. 147 बच्चे यहां पढ़ रहे हैं. लगभग 8-10 दिनों से यहां क्लास चल रहा है."- अनिल कुमार, प्रधानाध्यापक

देखें रिपोर्ट.

समस्तीपुर: शिक्षा विभाग बच्चों की शिक्षा को लेकर काफी गंभीर है. सरकार की कोशिश है कि बच्चों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा मिले और इस राह में किसी प्रकार की कोई बाधा ना आए. लेकिन क्या वाकई धरातल पर ऐसा हो रहा है. यह सवाल इसलिए उठ रहा है क्योंकि समस्तीपुर के एक स्कूल की चौंकाने वाली तस्वीरें सामने आई हैं. यहां बच्चे मंदिर के प्रांगण में बैठकर पढ़ाई करने हैं और इनके लिए बनने वाला मध्याह्न भोजन पशुओं के बथान में बनता है.

पढ़ें- Bihar News: बिहार के इस स्कूल की शिक्षिका को नहीं मालूम प्रधानमंत्री का नाम, 9वीं क्लास के छात्रों की अज्ञानता देख सभी हैरान

समस्तीपुर में मंदिर प्रांगण में पढ़ाई: कल्याणपुर प्रखंड के कोयला कुंड में अवस्थित नवसृजित प्राथमिक विद्यालय मंदिर परिसर में चल रहा है. मंदिर परिसर में क्लास वन से लेकर पांच तक के सैकड़ों बच्चों को शिक्षा दी जाती है. वहीं सबसे हैरान कर देने वाली बात यह है कि ननिहालों को खिलाने वाला मध्याह्न भोजन मवेशी के बथान में बनाया जाता है.

मंदिर प्रांगण में पढ़ने को मजबूर छात्र
मंदिर प्रांगण में पढ़ने को मजबूर छात्र

तबेले में बनाया जाता है मध्याह्न भोजन: मध्याह्न भोजन बनाने वाली सेविका ने बताया कि विगत एक महीने से विद्यालय का मध्याह्न भोजन मवेशी के बथान में बनता है, जहां स्वच्छता नाम की कोई चीज नहीं है. वहीं दूसरी ओर मंदिर परिसर में क्लास 1 से लेकर 5 तक के बच्चे को एक साथ बैठकर पढ़ाया जाता है. इस विद्यालय में दो सहायक शिक्षक एवं एक प्रधानाध्यापक पदस्थापित हैं.

"महंत बाबा के भैंसों को यहां बंधा जाता था. भूसा रखा जाता है. यहीं खाना बन रहा है. एक महीने से लगभग यहां खाना बन रहा है."-अनीता देवी, रसोईया

तबेले में मध्याह्न भोजन बनाने की तस्वीर
तबेले में मध्याह्न भोजन बनाने की तस्वीर

1-5 कक्षा तक के बच्चों की एक साथ पढ़ाई: शिक्षा एवं स्वच्छता के नाम पर यहां क्रूर मजाक किया जा रहा है. इसकी चिंता ना तो यहां के जनप्रतिनिधियों को है और ना ही यहां के शिक्षा विभाग के अधिकारियों को है. इस संबंध में जब यहां के प्रधानाध्यापक से बात की गई तो प्रधानाध्यापक अनिल कुमार ने जानकारी देते हुए बताया है कि आसपास में विद्यालय का भवन बना है. जब तक उसमें विद्यालय नहीं शिफ्ट होता है, तब तक मंदिर परिसर में विद्यालय को चलाया जा रहा है.

147 बच्चे एक साथ पढ़ाई करते
147 बच्चे एक साथ पढ़ाई करते

नौनिहालों के भविष्य से खिलवाड़: मध्याह्न भोजन बनाने के लिए कहीं जगह नहीं थी. मवेशी के बथान में मध्यान भोजन बनाया जाता है. अब आप खुद ही अंदाजा लगा सकते हैं कि सरकार एक तरफ शिक्षा को बेहतर करने एवं स्वच्छता को लेकर जो दावा करती है उसकी जमीनी हकीकत कुछ और ही है. इन ननिहालों के साथ शिक्षा एवं स्वच्छता के नाम पर क्रूर मजाक किया जा रहा है.

नवसृजित प्राथमिक विद्यालय का हाल
नवसृजित प्राथमिक विद्यालय का हाल

"वन से फाइव तक की क्लास चलती है. विद्यालय बना है लेकिन साफ सफाई चल रहा है. मंदिर के प्रांगण में फिलहाल क्लास चल रहा है. 147 बच्चे यहां पढ़ रहे हैं. लगभग 8-10 दिनों से यहां क्लास चल रहा है."- अनिल कुमार, प्रधानाध्यापक

Last Updated : Sep 1, 2023, 9:45 PM IST
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