समस्तीपुर: आरटीआई (RTI) के तहत जानकारी उपलब्ध नहीं कराने के मामले में दंडित अधिकारियों पर हुए जुर्माने की राशि का हिसाब नहीं मिल (Fines On RTI Officers) रहा है. जिला प्रशासन कार्यालय से मिली जानकारी के अनुसार, राज्य सूचना आयोग ने इस संबंध में जिला प्रशासन से रिपोर्ट मांगी (State Information Commission Sought Report) है. आयोग निर्देश के बाद अधिकारी फाइल खंगालने में जुटे हैं. सभी कार्यालयों में सूचना पदाधिकारियों पर लगे जुर्माना व उनके वर्तमान तैनाती स्थल की रिपोर्ट तैयार करने की बात कही जा रही है.
राज्य सूचना आयोग ने रिपोर्ट मांगी है कि किन-किन लोक सूचना पदाधिकारियों पर जुर्माना लगा है, उनका वर्तमान तैनाती स्थल कहां हैं व उन्होंने जुर्माना राशि जमा की या नहीं. राज्य सूचना आयोग की ओर से रिपोर्ट मांगने के बाद जिले में इसको लेकर खोज-खबर शुरू हो गई है. आयोग के निर्देश के बाद सभी विभागीय अधिकारियों से प्रतिवेदन मांगा जाएगा. जिला प्रशासन कार्यालय सूत्रों की माने तो, इससे सम्बंधित कोई भी सही जानकारी विभाग के पास उपलब्ध नहीं है. बताया जाता है कि जिले में अबतक कितने अधिकारी आरटीआई को लेकर दंडित हुए हैं, इसका आंकड़ा उपलब्ध नहीं है.
बहरहाल, आयोग के निर्देश के बाद आंकड़ा जुटाने का काम शुरू हुआ है. सभी विभाग के लोक सूचना पदाधिकारियों की फाइल से लेकर, आरटीआई लागू होने से वर्तमान वक्त के दस्तावेज खंगालने की तैयारी शुरू हुई है. वैसे इसमें सबसे बड़ी परेशानी यह है कि इसमें से कितने अधिकारियों का यहां से तबादला हो गया व कितने रिटायर्ड हो गए. इस सम्बंधित दस्तावेज खंगाले जाएंगे. जिला प्रशासन के माध्यम से यह रिपोर्ट राज्य सूचना आयोग को भेजी जाएगी. जानकारी के अनुसार, आरटीआई कानून के तहत जन सूचना अधिकारी को 30 दिनों में मांगी सूचना देने का प्रावधान है. वहीं नियम तय वक्त पर सूचना नहीं देने वाले अधिकारियों को प्रतिदिन 250 व अधिकतम 25 हजार रुपये तक जुर्माना लग सकता है.
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