समस्तीपुर: बिहार के समस्तीपुर में हर वर्ष सांपों का मेला लगता है. यहां नागपंचमी का त्योहार बड़े धूमधाम से मनाया जाता है. नागपंचमी के दिन विषैले सांप पकड़ने की परंपरा रही है.इस अद्भुत मेले को देखने के लिए दूसरे राज्य से लोग यहां पहुंचते हैं. समस्तीपुर के सिंघिया में नागपंचमी के दिन मेले की शुरुआत में सिंघिया बाजार स्थित मां भगवती के मंदिर से पूजा अर्चना की जाती है. फिर ढोल और मृदंग के साथ सभी लोग गंडक नदी पहुंचते हैं, फिर नदी में भी पूजा अर्चना कर डुबकी लगाते हैं और शुरू हो जाता है नदी से सांपों को मुंह से पकड़ कर निकलाते हैं.
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सांप को हाथ और मुंह से पकड़ने की परंपरा : रामलाल भगत ने बताया कि सांपों को नदी में डुबकी लगाकर हाथ और मुंह से पकड़ कर निकालते हैं जिसे देख कर लोग अचंभित हो जाते हैं. इस सांप को छोटे-बड़े सभी लोग इस कदर खेलते है की लगता है की यह खिलौना से खेल रहे हैं. फिर सभी लोग के साथ मंदिर आकर सभी सांपों को दूध पिला कर पूजा करते हैं. उन्होंने कहा कि सिद्धि पूरी होने पर नदी से निकाले गए सांपों को सुरक्षित स्थानों पर छोड़ दिया जाता है.
मेले को देखने दूर-दूर से आते हैं लोग: रामलाल भगत ने बताया कि इस मेले को देखने के लिए दूर दूर से काफी संख्या में लोग आते हैं. इस मेले का इतिहास लगभग 300 साल पुराना है. हजारों की संख्या में लोग आस्था के साथ इस मेले को देखने प्रति वर्ष यहां पहुंचते हैं. नदी से भगत तरह-तरह की प्रजाति के सांप निकालते हैं और लोग उस पर ताली बजाकर उनका उत्साह बढ़ाते हैं. लोग इस मेले का बेसब्री से करते हैं इंतजार.