समस्तीपुर: बिहार में लोक आस्था के महापर्व छठ के दौरान जिला प्रशासन और रेल प्रशासन के लिए एक बड़ी चुनौती खड़ी हो गई है. वह है रेलवे ट्रैक के करीब बने सैकड़ों घाट. हालांकि पर्व के दौरान रेलवे ट्रैक के करीब होने वाले भीड़भाड़ को देखते हुए ट्रेनों के परिचालन में बड़ी तब्दीली की गई है. साथ ही किसी भी हादसे से बचने के लिए बड़े स्तर पर ट्रैक के आसपास सुरक्षा बलों की तैनाती भी की गई है.
ट्रेन परिचालन में की गई कई तब्दीली: दरअसल, बीते कुछ वर्ष पहले समस्तीपुर-दरभंगा रेल खंड के मोइनघाट के करीब छठ महापर्व के दौरान ट्रेन की चपेट में आने से कई श्रद्धालु हताहत हुए थे. छठ के दौरान ऐसे सभी घाटों के करीब ट्रेनों का परिचालन एक बड़ी चुनौती से कम नहीं हैं. यही नहीं वर्तमान में समस्तीपुर रेल डिवीजन के विभिन्न रूटों की बात करें तो करीब 110 घाट ऐसे हैं, जो रेलवे ट्रैक के करीब हैं. हालांकि छठ के पूजा अर्घ्य के दौरान रेलवे ट्रैक और उसके आसपास होने वाली भीड़ को देखते हुए ट्रेन परिचालन में कई तब्दीली की गई है.
"छठ पूजा को देखते हुए घाट किनारे मौजूद सभी रेल रूटों पर ट्रेनों का परिचालन काफी सावधानी से किया जाएगा. सभी लोको पायलट को यह दिशा निर्देश दिया गया है कि घाट के आसपास ट्रेन की रफ्तार 10 से 15 किलोमीटर प्रति घंटे होगी. यहीं नहीं ट्रेन के परिचालन के दौरान भीड़ भाड़ वाले जगह पर लगातार सायरन से लोगों को अलर्ट किया जाएगा. वहीं रेलवे ट्रैक व उसके आसपास श्रद्धालु की भीड़ होती है तो ट्रेन को अभिलंब रोक दिया जाएगा. साथ ही ऐसे सभी संवेदनशील रेलवे ट्रैक के करीब आरपीएफ की तैनाती होगी."- विनय श्रीवास्तव, डीआरएम, समस्तीपुर रेल मंडल.
रेलवे के वरीय अधिकारियों के साथ बैठक: गौरतलब है कि इस समस्या को देखते हुए जिलाधिकारी ने भी रेलवे के वरीय अधिकारियों के साथ समीक्षा बैठक की है. दरअसल छठ पर्व के दौरान बड़ी संख्या में घाटों पर पहुंचने वाले श्रद्धालु रेलवे ट्रैक के आसपास खड़े होते हैं. वही आतिशबाजी वह अन्य किसी कारणों से होने वाले भगदड़ के दौरान या खतरा और भी बढ़ जाता है.
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