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समस्तीपुर लोकसभा सीट पर सिर्फ 45.19 प्रतिशत हुआ मतदान, टेंशन में आए नेता - nda candidate price raj

मौसम अनुकूल होने के बावजूद महज 45.19 फीसदी मतदाताओं ने ही अपने मताधिकार का इस्तेमाल किया. वोटिंग को लेकर मतदाताओं में कम जोश होने के कारण सियासी दल जरूर सकते में हैं क्योंकि मतों के फीसदी में अधिक इजाफा या फिर कम, नतीजों पर असर डाल सकता है.

45.19 फीसदी मतदाताओं ने नहीं किया वोट
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Published : Oct 23, 2019, 8:54 AM IST

समस्तीपुर: लोकसभा सीट पर हुए उपचुनाव में नेता और प्रशासन ने पसीने जरुर बहाएं लेकिन मतदान को लेकर मतदाता उदासीन नजर आये. इस उपचुनाव में काफी कम मतदाताओं ने वोट किया है. मतों के आकड़े कम होने के कारण नेता सकते में हैं.

मतदान के दौरान मतदाताओं को बेहतर सहूलियत के लिए निर्वाचन आयोग ने नया प्रयोग किया और मोबाइल एप की सुविधा दी. वोटिंग को लेकर जिला प्रशासन भी मुस्तैद रही, बावजूद इसके धरातल पर मतदाताओं को उत्साहित नहीं किया जा सका. यही कारण है कि इस वर्ष हुए लोकसभा चुनाव की तुलना में इस अपचुनाव में 15.61 फीसदी कम वोटिंग हुई.

पेश है रिपोर्ट

45.19 फीसदी मतदाताओं ने किया वोट
मौसम अनुकूल होने के बावजूद महज 45.19 फीसदी मतदाताओं ने ही अपने मताधिकार का इस्तेमाल किया. वोटिंग को लेकर मतदाताओं में कम जोश होने के कारण सियासी दल जरूर सकते में हैं क्योंकि मतों के फीसदी में अधिक इजाफा या फिर कम, नतीजों पर असर डाल सकता है.

'मतदान में गिरावट आना आम बात'
समस्तीपुर सीट को फिर से हासिल करने में जुटे एनडीए उम्मीदवार प्रिंस राज का कहना है कि मतदान में गिरावट उपचुनाव में आम बात है. इसके कई तकनीकि पक्ष होते है. लेकिन नतीजे एनडीए के पक्ष में ही होंगे. इधर, महागठबंधन ने इस कम मतदान को सत्तारूढ़ दल के खिलाफ मतदाताओं का गुस्सा बताया. राजद नेता विनोद राय ने कहा कि जनहित के सभी मामलों में केंद्र और राज्य की सरकार फेल है. इसलिये जनता ने कम वोटिंग कर उन्हें करारा जवाब दिया है.

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प्रिंस राज, एनडीए उम्मीदवार

क्या कहते हैं राजनीतिक विशेषज्ञ
इधर, राजनीतिक विशेषज्ञ जयशंकर सिंह का कहना है कि कम वोटिंग होने का कारण निर्वाचन आयोग की कमी है. उन्होंने इसके लिये केंद्र और राज्य सरकार को भी जिम्मेदार ठहराया है. साथ ही उन्होंने कहा कि इस बार सभी दलों के प्रत्याशियों ने जोर-शोर से प्रयार नहीं किया है जिसका नतीजा है कि मतों में गिरावट आई. बहरहाल, कल उपचुनाव का परिणाम घोषित होना है. ऐसे में देखना है कि मतों में आई गिरावट का कितना असर नतीजे पर पड़ता है.

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जयशंकर सिंह, राजनीतिक विशेषज्ञ

समस्तीपुर: लोकसभा सीट पर हुए उपचुनाव में नेता और प्रशासन ने पसीने जरुर बहाएं लेकिन मतदान को लेकर मतदाता उदासीन नजर आये. इस उपचुनाव में काफी कम मतदाताओं ने वोट किया है. मतों के आकड़े कम होने के कारण नेता सकते में हैं.

मतदान के दौरान मतदाताओं को बेहतर सहूलियत के लिए निर्वाचन आयोग ने नया प्रयोग किया और मोबाइल एप की सुविधा दी. वोटिंग को लेकर जिला प्रशासन भी मुस्तैद रही, बावजूद इसके धरातल पर मतदाताओं को उत्साहित नहीं किया जा सका. यही कारण है कि इस वर्ष हुए लोकसभा चुनाव की तुलना में इस अपचुनाव में 15.61 फीसदी कम वोटिंग हुई.

पेश है रिपोर्ट

45.19 फीसदी मतदाताओं ने किया वोट
मौसम अनुकूल होने के बावजूद महज 45.19 फीसदी मतदाताओं ने ही अपने मताधिकार का इस्तेमाल किया. वोटिंग को लेकर मतदाताओं में कम जोश होने के कारण सियासी दल जरूर सकते में हैं क्योंकि मतों के फीसदी में अधिक इजाफा या फिर कम, नतीजों पर असर डाल सकता है.

'मतदान में गिरावट आना आम बात'
समस्तीपुर सीट को फिर से हासिल करने में जुटे एनडीए उम्मीदवार प्रिंस राज का कहना है कि मतदान में गिरावट उपचुनाव में आम बात है. इसके कई तकनीकि पक्ष होते है. लेकिन नतीजे एनडीए के पक्ष में ही होंगे. इधर, महागठबंधन ने इस कम मतदान को सत्तारूढ़ दल के खिलाफ मतदाताओं का गुस्सा बताया. राजद नेता विनोद राय ने कहा कि जनहित के सभी मामलों में केंद्र और राज्य की सरकार फेल है. इसलिये जनता ने कम वोटिंग कर उन्हें करारा जवाब दिया है.

samastipur
प्रिंस राज, एनडीए उम्मीदवार

क्या कहते हैं राजनीतिक विशेषज्ञ
इधर, राजनीतिक विशेषज्ञ जयशंकर सिंह का कहना है कि कम वोटिंग होने का कारण निर्वाचन आयोग की कमी है. उन्होंने इसके लिये केंद्र और राज्य सरकार को भी जिम्मेदार ठहराया है. साथ ही उन्होंने कहा कि इस बार सभी दलों के प्रत्याशियों ने जोर-शोर से प्रयार नहीं किया है जिसका नतीजा है कि मतों में गिरावट आई. बहरहाल, कल उपचुनाव का परिणाम घोषित होना है. ऐसे में देखना है कि मतों में आई गिरावट का कितना असर नतीजे पर पड़ता है.

samastipur
जयशंकर सिंह, राजनीतिक विशेषज्ञ
Intro:समस्तीपुर लोकसभा सीट पर हुए उपचुनाव में नेता व प्रशासन ने पसीने जरुर बहाएं , लेकिन मतदान को लेकर मतदाता उदासीन हो गए । मतों के आंकड़े काफी पीछे छूट गए , सवाल क्या इसका असर नतीजों पर भी दिखेगा । वैसे मतदान में उदासीन मतदाताओं ने नेताओं को जरूर बेचैन कर दिया है ।


Body:मतदान के दौरान मतदाताओं को बेहतर सहूलियत के लिए निर्वाचन आयोग का नया प्रयोग वंही , वोटिंग को लेकर जिला प्रशासन की पूरी कवायद , धरातल पर मतदाताओं को उत्साहित नहीं कर सका । यही कारण है कि इस उपचुनाव के दौरान मतों का फीसदी , इसी वर्ष हुए लोकसभा चुनाव के तुलना में 15.61 फीसदी कम हुआ ।अच्छे मौसम के बावजूद महज 45.19 फीसदी मतदाताओं ने ही अपने मताधिकार का इस्तेमाल किया । वैसे वोटिंग को लेकर मतदाताओं के कम जोश से सियासी दल जरूर सकते में हैं । क्योंकि मतों के फीसदी में अधिक इजाफा या फिर कम , नतीजों पर असर डाल सकता है । वैसे अपने इस सीट को फिर से हासिल करने में जुटे एनडीए उम्मीदवार प्रिंस राज ने कहा की , मतदान में गिड़ावत उपचुनाव में आम बात है , इसके कई तकनीकि पक्ष होते है । वैसे नतीजे एनडीए के पक्ष में ही होंगे । वैसे महागठबंधन इस कम मतदान को सत्तारूढ़ दल के खिलाफ मतदाताओ का गुस्सा बताया । राजद नेता ने कहा की , जनहित के सभी मामलों में केंद्र व राज्य की सरकार फेल है , जनता ने जवाब दे दिया ।

बाईट - प्रिंस राज , प्रत्याशी , एनडीए ।
बाईट - विनोद राय , जिला अध्यक्ष , राजद ।

वीओ - सवाल क्या मतदाताओंके उदासीनता के पीछे सियासी दलों का तर्क है , या कुछ और । वैसे जानकर का मानना है की , चुनावी प्रक्रिया को सरकारी मशीनरी ने काफी जटिल कर दिया है , वंही बड़े गठबन्धन के प्रत्याशियों के प्रति भी मतदाताओं का रुझान काफी कम है ।

बाईट - जयशंकर सिंह , विशेषज्ञ ।


Conclusion:बहरहाल , मतों में आई इस गिड़ावत का जो भी वजह हो , लेकिन यह जरूरी है की , लोकतंत्र के इस पर्व में सभी मतदाताओं की भागीदारी हो ।

क्लोजिंग पीटीसी ।
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