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नियमित करने की मांग को लेकर अड़े दैनिक सफाई मजदूर, कूड़े से पटा शहर

हड़ताल को लेकर मजदूरों का कहना है कि सरकार कभी भी उन्हें हटा सकती है. इसलिए इस बार उन्हें ठोस समाधान चाहिए.

दैनिक सफाई मजदूर
दैनिक सफाई मजदूर
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Published : Feb 7, 2020, 7:18 PM IST

समस्तीपुर: प्रदेश भर में दैनिक सफाई मजदूर हड़ताल पर हैं. ऐसे में शहर की सफाई व्यवस्था पर हड़ताल का असर दिखने लगा है. शहर कूड़े के ढेर में तब्दील होता जा रहा है. वहीं, सफाई मजदूर नियमित करने की मांग पर डटे हैं.

'31 मार्च तक किया गया सेवा विस्तार'
बता दें कि मजदूरों के हड़ताल की घोषणा के बाद नगर आवास विभाग ने दैनिक मजदूर की सेवा को 31 मार्च तक विस्तार कर दिया. बावजूद परिषद के दैनिक मजदूरों का आंदोलन थमने का नाम नहीं ले रहा है. शहर के विभिन्न कूड़ा प्वाईंट पर कचरे का अंबार लगता जा रहा है. दैनिक सफाई मजदूर सेवा नियमित करने की मांग पर अड़े हैं. दैनिक मजदूरों के साथ परिषद के अन्य स्थायी मजदूर भी हड़ताली मजदूरों का साथ दे रहे हैं, जिससे शहर में कूड़े का अंबार बढ़ता जा रहा है.

शहर में लगा कूड़े का अंबार
शहर में लगा कूड़े का अंबार

जारी रहेगा आंदोलन- सफाई कर्मी संगठन
इस बाबत समस्तीपुर मजदूर संगठन के नेताओं ने कहा कि जब तक सरकार दैनिक मजदूरों को स्थाई नहीं करती, तब तक आंदोलन जारी रहेगा. उन्होंने दैनिक मजदूरों को हटाये जाने के फैसले पर सवाल उठाते हुए कहा कि सरकार कभी भी मजदूरों को हटा सकती है. इसलिए इस बार उन्हें ठोस समाधान चाहिए.

ईटीवी भारत की रिपोर्ट

पहले भी कर चुके हैं हड़ताल
गौरतलब है कि नगर विकास विभाग की तरफ से राज्य भर के नगर निकायों में 1 फरवरी से ग्रुप डी की सेवा दैनिक मजदूरों से लेने पर रोक लगा दी गई थी. इसके बाद दैनिक कर्मियों ने हड़ताल की घोषणा की थी. हड़ताल की वजह से शहर की सफाई व्यवस्था पर काफी प्रभाव पड़ रहा है. बता दें कि इसके पहले सफाई कर्मियों ने बकाए वेतन सहित 21 सूत्री मांगों को लेकर हड़ताल की थी. हालांकि कर्मियों ने बाद में ये हड़ताल टाल दिया था.

समस्तीपुर: प्रदेश भर में दैनिक सफाई मजदूर हड़ताल पर हैं. ऐसे में शहर की सफाई व्यवस्था पर हड़ताल का असर दिखने लगा है. शहर कूड़े के ढेर में तब्दील होता जा रहा है. वहीं, सफाई मजदूर नियमित करने की मांग पर डटे हैं.

'31 मार्च तक किया गया सेवा विस्तार'
बता दें कि मजदूरों के हड़ताल की घोषणा के बाद नगर आवास विभाग ने दैनिक मजदूर की सेवा को 31 मार्च तक विस्तार कर दिया. बावजूद परिषद के दैनिक मजदूरों का आंदोलन थमने का नाम नहीं ले रहा है. शहर के विभिन्न कूड़ा प्वाईंट पर कचरे का अंबार लगता जा रहा है. दैनिक सफाई मजदूर सेवा नियमित करने की मांग पर अड़े हैं. दैनिक मजदूरों के साथ परिषद के अन्य स्थायी मजदूर भी हड़ताली मजदूरों का साथ दे रहे हैं, जिससे शहर में कूड़े का अंबार बढ़ता जा रहा है.

शहर में लगा कूड़े का अंबार
शहर में लगा कूड़े का अंबार

जारी रहेगा आंदोलन- सफाई कर्मी संगठन
इस बाबत समस्तीपुर मजदूर संगठन के नेताओं ने कहा कि जब तक सरकार दैनिक मजदूरों को स्थाई नहीं करती, तब तक आंदोलन जारी रहेगा. उन्होंने दैनिक मजदूरों को हटाये जाने के फैसले पर सवाल उठाते हुए कहा कि सरकार कभी भी मजदूरों को हटा सकती है. इसलिए इस बार उन्हें ठोस समाधान चाहिए.

ईटीवी भारत की रिपोर्ट

पहले भी कर चुके हैं हड़ताल
गौरतलब है कि नगर विकास विभाग की तरफ से राज्य भर के नगर निकायों में 1 फरवरी से ग्रुप डी की सेवा दैनिक मजदूरों से लेने पर रोक लगा दी गई थी. इसके बाद दैनिक कर्मियों ने हड़ताल की घोषणा की थी. हड़ताल की वजह से शहर की सफाई व्यवस्था पर काफी प्रभाव पड़ रहा है. बता दें कि इसके पहले सफाई कर्मियों ने बकाए वेतन सहित 21 सूत्री मांगों को लेकर हड़ताल की थी. हालांकि कर्मियों ने बाद में ये हड़ताल टाल दिया था.

Intro:नगर परिषद के दैनिक सफाई मजदूर के हड़ताल का शहर में दिखने लगा असर , कूड़े के ढेर में तब्दील होता जा रहा जिला मुख्यालय । वैसे परिषद के हड़ताली सफाई मजदूर नियमित करने के मांग पर डटे है ।


Body:नगर आवास विभाग के तरफ से दैनिक मजदूर के 31 मार्च तक सेवा विस्तार के बाद भी , परिषद के दैनिक मजदूर का आंदोलन थमने का नाम नही ले रहा । एक तरफ जंहा शहर के विभिन्न कूड़ा पॉइंट पर कचरे का अंबार लगता जा रहा , वंही दूसरी तरफ परिषद के दैनिक सफाई मजदूर अपना सेवा नियमित करने के मांग पर अड़े है । यही नही हड़ताली दैनिक मजदूर , परिषद के अन्य स्थायी मजदूरों के भी काम को प्रभावित कर रहे । समस्तीपुर नगर परिषद सफाई कर्मचारी संगठन ने दो टूक शब्दों में कहा की , जबतक सरकार दैनिक मजदूर को स्थायी नही करते आंदोलन जारी रहेगा। वंही उन्होंने 31 मार्च के बाद दैनिक मजदूरों को हटाये जाने के फैसले पर सवाल उठाए ।

बाईट - बिपिन कुमार मिश्रा , सचिव , नगर परिषद मजदूर संगठन ।
बाईट - लाल बाबू साह , सचिव , सफाई कर्मचारी संगठन ।


Conclusion:गौरतलब है की , परिषद के इन हड़ताल का शहर में व्यापक असर दिखने लगा है । चारो तरफ फैले कूड़े कचरे के वजह से लोगो का जीना मुहाल हो गया है ।

अमित कुमार की रिपोर्ट ।
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