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समस्तीपुर: Lockdown में पेट्रोल पंप पर नहीं आ रही हैं गाड़ियां, मालिकों को भारी नुकसान - coronavirus positive case in bihar

समस्तीपुर में लॉकडाउन की वजह से पेट्रोल पंप पर गाड़ियां नहीं आ रही हैं. जिसकी वजह से पंप मालिक को नुकसान हो रहा है.

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Published : Apr 27, 2020, 8:12 PM IST

समस्तीपुर: लॉकडाउन की वजह से पेट्रोल पंप प्रबंधक भी परेशान हैं. पहले जहां दिनभर में 17 से 20 हजार लीटर पेट्रोल-डीजल की बिक्री होती थी. वहीं, अब एक हजार भी आंकड़ा नहीं पंहुचता है. जिले में आइओसी, हिंदुस्तान पेट्रोलियम और बीपीसीएल के करीब 94 पेट्रोल पंप है. लॉकडाउन में वैसे तो पेट्रोल पंप खुल रहे हैं, लेकिन इसमें पंप मालिक को फायदा से ज्यादा नुकसान हो रहा है.

9 हजार लीटर पेट्रोल की होती थी बिक्री
पेट्रोल पंप पर खर्च तो पहले के ही अनुरूप है, लेकिन पेट्रोल और डीजल की बिक्री 5 फीसदी भी नहीं है. पंप प्रबंधक के अनुसार सामान्य दिनों में प्रतिदिन 8 से 10 हजार लीटर के करीब डीजल और 7 से 9 हजार लीटर के करीब पेट्रोल की बिक्री हुआ करती थी. वहीं लागू लॉक डाउन के दौरान सिर्फ जरूरी गाड़ियों के परिचालन के कारण यह आंकड़ा 500 से 700 हजार लीटर के करीब है.

आवागमन पूरी तरह बंद
प्रबंधक ने बताया कि लॉक डाउन 2.0 में कुछ रियायत और खेती आदि में डीजल की बढ़ी मांग के बाद आंकड़ा हजार लीटर के आसपास पंहुचा है. सड़कों पर आवागमन पूरी तरह बंद होने की वजह से पेट्रोल पंप पर गाड़ियों का आना काफी सीमित है. जिसकी वजह से उन्हें काफी नुकसान हो रहा है.

समस्तीपुर: लॉकडाउन की वजह से पेट्रोल पंप प्रबंधक भी परेशान हैं. पहले जहां दिनभर में 17 से 20 हजार लीटर पेट्रोल-डीजल की बिक्री होती थी. वहीं, अब एक हजार भी आंकड़ा नहीं पंहुचता है. जिले में आइओसी, हिंदुस्तान पेट्रोलियम और बीपीसीएल के करीब 94 पेट्रोल पंप है. लॉकडाउन में वैसे तो पेट्रोल पंप खुल रहे हैं, लेकिन इसमें पंप मालिक को फायदा से ज्यादा नुकसान हो रहा है.

9 हजार लीटर पेट्रोल की होती थी बिक्री
पेट्रोल पंप पर खर्च तो पहले के ही अनुरूप है, लेकिन पेट्रोल और डीजल की बिक्री 5 फीसदी भी नहीं है. पंप प्रबंधक के अनुसार सामान्य दिनों में प्रतिदिन 8 से 10 हजार लीटर के करीब डीजल और 7 से 9 हजार लीटर के करीब पेट्रोल की बिक्री हुआ करती थी. वहीं लागू लॉक डाउन के दौरान सिर्फ जरूरी गाड़ियों के परिचालन के कारण यह आंकड़ा 500 से 700 हजार लीटर के करीब है.

आवागमन पूरी तरह बंद
प्रबंधक ने बताया कि लॉक डाउन 2.0 में कुछ रियायत और खेती आदि में डीजल की बढ़ी मांग के बाद आंकड़ा हजार लीटर के आसपास पंहुचा है. सड़कों पर आवागमन पूरी तरह बंद होने की वजह से पेट्रोल पंप पर गाड़ियों का आना काफी सीमित है. जिसकी वजह से उन्हें काफी नुकसान हो रहा है.

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