समस्तीपुर: बिहार के समस्तीपुर में गर्मी की तपिश बढ़ने के साथ बिजली विभाग हांफने लगा है. तापमान 40 डिग्री तक पहुंच गया है. ऐसे में बिजली की खपत बढ़ गई है. लेकिन यहां खपत के अनुरूप बिजली का आवंटन नहीं हो रहा है. जिस वजह से जिले में बिजली की आंखमिचौली शुरू हो गई. जिससे लोगों को बिजली कटौती की समस्या से जूझना पड़ा रहा (people facing power cut problem)है.
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जिले में 54 मेगावाट की जरूरत: मार्च से लेकर जून तक गर्मी बढ़ जाती है. हर साल इन महीनों में बिजली गुल होने की समस्या रहती है. जिसका प्रमुख वजह लोडशेडिंग और पावर ग्रिडों का समय पर मेंटेनेंस का नहीं होना है. समस्तीपुर डिवीजन में तीन लाख विद्युत उपभोक्ता(three lakh electricity comsumer in samastipur) है. जिसके लिए सामान्य तौर पर करीब 54 मेगावाट बिजली की जरूरत है. लेकिन गर्मी के मौसम में बिजली की खपत बढ़ जाती है. जिस वजह से कटौती के नाम पर घंटों तक बिजली गायब रहती है.
जिले में 18 कॉल सेंटर बनाए गए : गर्मी में बिजली की समस्या बढ़ जाती है. इन समस्याओं को दूर करने समस्तीपुर डिवीजन में 18 कॉल सेंटर बनाए गए है. विभाग का कहना है कि जिले में प्राथमिकता के आधार पर बिजली की आपूर्ति की जा रही है. गर्मी के दिनों में पावर ग्रिड में खराबी ज्यादा होती है. जिसके लिए मेंटेनेंस का काम रेगुलर किया जाता है. गर्मी में बिजली की खपत बढ़ जाती है. ऐसे में बिजली की खपत के अनुसार आवंटन नहीं होने पर बिजली कटौती करनी पड़ती है.
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