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समस्तीपुर में बारिश और आंधी से खेतों में खड़ी धान की फसल बर्बाद - धान की फसल खेतो में गिर गए

किसानों पर प्रकृति का कहर थमने का नाम नहीं ले रहा है. समस्तीपुर जिले के बहुत से हिस्सों में भारी बारिश और आंधी के कारण कई एकड़ फसल बर्बाद हो चुके हैं. पढ़ें पूरी खबर..

Paddy crop ruined due to heavy rains in Samastipur
Paddy crop ruined due to heavy rains in Samastipur
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Published : Oct 22, 2021, 9:34 AM IST

समस्तीपुर: बिहार के कई जिलों में इन दिनों लगातार बारिश (Rain In Bihar) से खरीफ की फसलें नष्ट हो गयी. इसका असर समस्तीपुर में भी देखने को मिल रहा है. पिछले दो-तीन दिनों से लगातार रुक-रुककर बारिश से बची-खुची फसलें भी बर्बाद हो रही हैं. जिले के कई हिस्सों में धान की फसल (Paddy Crop) खेतों में गिर गए हैं. ऐसे में किसान अपनी आंखों से फसलों को नष्ट होते देख रहे हैं और भारी मन से उसे बचाने की जद्दोजहद में लगे हैं.

यह भी पढ़ें - औसत से चार गुणा ज्यादा बारिश से धान की फसल तबाह, किसानों ने की मुआवजे की मांग

बता दें कि जिले के किसानों को भारी बारिश की समस्या का सामना करना पड़ रहा है. बीते कई महीनों से हो रही बारिश से परेशान किसानों की आखिरी उम्मीद भी आंधी और पानी ने तोड़ा दिया है. पिछले दो-तीन दिनों से हो रही भारी बारिश और तेज हवा के कारण एकड़ के एकड़ में लगे धान की फसल को काफी नुकसान हुआ है.

पीड़ित किसानों का कहना है कि पहली ही बारिश और जलजमाव के कारण बहुत कम धान की खेती की गई है. वहीं, बीच-बीच में भारी बारिश की वजहों से कई बार धान का बिचड़ा डूबने से पहले ही किसानों के फसल बर्बाद हो चुके हैं. किसी तरह कुछ किसानों ने बड़ी मेहनत से इसे बचाया भी, तो बीते कुछ दिनों के भारी बारिश और तेज आंधी ने उसे भी डुबो दिया.

किसानों का कहना है कि जलजमाव रहने से धान काटना मुश्किल हो रहा है. ऐसे में गेहूं और रवि फसल की खेती हो पाना भी संभव नहीं दिख रहा है. जिन खेतों में अभी 2 से 3 फुट तक पानी है. वहां अगले 1 महीने तक पानी सूखने के आसार नहीं है. धूप की तख्त में कमी व तापमान में गिरावट से पानी का सूखना मुश्किल है.

यह भी पढ़ें - CM ने अतिवृष्टि से फसलों को हुई क्षति की समीक्षा की, 2-3 दिन में आकलन करने का दिया निर्देश

समस्तीपुर: बिहार के कई जिलों में इन दिनों लगातार बारिश (Rain In Bihar) से खरीफ की फसलें नष्ट हो गयी. इसका असर समस्तीपुर में भी देखने को मिल रहा है. पिछले दो-तीन दिनों से लगातार रुक-रुककर बारिश से बची-खुची फसलें भी बर्बाद हो रही हैं. जिले के कई हिस्सों में धान की फसल (Paddy Crop) खेतों में गिर गए हैं. ऐसे में किसान अपनी आंखों से फसलों को नष्ट होते देख रहे हैं और भारी मन से उसे बचाने की जद्दोजहद में लगे हैं.

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बता दें कि जिले के किसानों को भारी बारिश की समस्या का सामना करना पड़ रहा है. बीते कई महीनों से हो रही बारिश से परेशान किसानों की आखिरी उम्मीद भी आंधी और पानी ने तोड़ा दिया है. पिछले दो-तीन दिनों से हो रही भारी बारिश और तेज हवा के कारण एकड़ के एकड़ में लगे धान की फसल को काफी नुकसान हुआ है.

पीड़ित किसानों का कहना है कि पहली ही बारिश और जलजमाव के कारण बहुत कम धान की खेती की गई है. वहीं, बीच-बीच में भारी बारिश की वजहों से कई बार धान का बिचड़ा डूबने से पहले ही किसानों के फसल बर्बाद हो चुके हैं. किसी तरह कुछ किसानों ने बड़ी मेहनत से इसे बचाया भी, तो बीते कुछ दिनों के भारी बारिश और तेज आंधी ने उसे भी डुबो दिया.

किसानों का कहना है कि जलजमाव रहने से धान काटना मुश्किल हो रहा है. ऐसे में गेहूं और रवि फसल की खेती हो पाना भी संभव नहीं दिख रहा है. जिन खेतों में अभी 2 से 3 फुट तक पानी है. वहां अगले 1 महीने तक पानी सूखने के आसार नहीं है. धूप की तख्त में कमी व तापमान में गिरावट से पानी का सूखना मुश्किल है.

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