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समस्तीपुर: आसमान छूता प्याज का भाव, महंगाई की मार से परेशान ग्राहक और दुकानदार

समस्तीपुर में प्याज का खुदरा मूल्य 80 रुपये के ऊपर है. जाहिर सी बात है इस महंगाई की मार से खरीदार और दुकानदार दोनों परेशान हैं. यहां के प्रमुख मंडियों में प्याज उपलब्ध जरूर है, लेकिन मंहगाई की वजह से ग्राहक दुकान पर नहीं पहुंच रहे हैं.

आसमान छूता प्याज का भाव
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Published : Nov 12, 2019, 11:43 PM IST

समस्तीपुर: प्रदेश में प्याज का भाव आसमान छूता जा रहा है. महंगाई का आलम यह है कि जिले की प्रमुख प्याज मंडी में यह उपलब्ध तो है. लेकिन इसके अनुसार खरीदार नहीं दिख रहे हैं. ऐसे में प्याज के दामों की बढ़ोतरी होने से दुकान पर ग्राहकों की कमी देखी जा रही है. विक्रेताओं का कहना है कि प्याज को लेकर बाजारों में अभी कुछ दिनों तक राहत की कोई गुंजाइश नहीं है.

Samastipur
महंगाई की वजह से बिक्री हुई कम

दुकानों पर नहीं पंहुच रहे ग्राहक
बता दें कि प्याज का हाल पूरे देश में लगभग एक जैसा ही है. जिले में तो इसका खुदरा मूल्य 80 रुपये के ऊपर है. जाहिर सी बात है इस मंहगाई की मार से खरीदार और दुकानदार दोनों परेशान हैं. यहां की प्रमुख मंडियों में प्याज उपलब्ध जरूर है लेकिन मंहगाई के वजह से ग्राहक दुकान पर नहीं पंहुच रहे हैं. जिले के प्रमुख प्याज मंडियों के दुकानदारों के अनुसार अभी इसके दाम कम होने के कोई आसार नहीं हैं. दिसम्बर के पहले हफ्ते तक इसका हाल ऐसा ही रहने वाला है.

आसमान छूता प्याज का भाव

बाढ़ की वजह से पैदावार में आई कमी
दुकानदारों के मुताबिक पहले नवंबर के तक नासिक से प्याज मंडियों तक पंहुच जाया करता था. लेकिन इस बार बारिश और बाढ़ की वजह से प्याज की पैदावार में कमी आयी है. दामों में आए उछाल की वजहों से यह खरीदारों के पंहुच से दूर होता जा रहा है. यही नही जिले में विभिन्न जगहों पर खुदरा कारोबारी मनमाने तरीके से इसे बेच भी रहे हैं. ऐसे में कई वजहों से जहां बाजार में प्याज कम बिक रहा है. वहीं इसके पीछे बड़े पैमाने पर चल रहे कालाबाजारी के खेल की वजह से इसे और महंगा कर दिया गया है.

समस्तीपुर: प्रदेश में प्याज का भाव आसमान छूता जा रहा है. महंगाई का आलम यह है कि जिले की प्रमुख प्याज मंडी में यह उपलब्ध तो है. लेकिन इसके अनुसार खरीदार नहीं दिख रहे हैं. ऐसे में प्याज के दामों की बढ़ोतरी होने से दुकान पर ग्राहकों की कमी देखी जा रही है. विक्रेताओं का कहना है कि प्याज को लेकर बाजारों में अभी कुछ दिनों तक राहत की कोई गुंजाइश नहीं है.

Samastipur
महंगाई की वजह से बिक्री हुई कम

दुकानों पर नहीं पंहुच रहे ग्राहक
बता दें कि प्याज का हाल पूरे देश में लगभग एक जैसा ही है. जिले में तो इसका खुदरा मूल्य 80 रुपये के ऊपर है. जाहिर सी बात है इस मंहगाई की मार से खरीदार और दुकानदार दोनों परेशान हैं. यहां की प्रमुख मंडियों में प्याज उपलब्ध जरूर है लेकिन मंहगाई के वजह से ग्राहक दुकान पर नहीं पंहुच रहे हैं. जिले के प्रमुख प्याज मंडियों के दुकानदारों के अनुसार अभी इसके दाम कम होने के कोई आसार नहीं हैं. दिसम्बर के पहले हफ्ते तक इसका हाल ऐसा ही रहने वाला है.

आसमान छूता प्याज का भाव

बाढ़ की वजह से पैदावार में आई कमी
दुकानदारों के मुताबिक पहले नवंबर के तक नासिक से प्याज मंडियों तक पंहुच जाया करता था. लेकिन इस बार बारिश और बाढ़ की वजह से प्याज की पैदावार में कमी आयी है. दामों में आए उछाल की वजहों से यह खरीदारों के पंहुच से दूर होता जा रहा है. यही नही जिले में विभिन्न जगहों पर खुदरा कारोबारी मनमाने तरीके से इसे बेच भी रहे हैं. ऐसे में कई वजहों से जहां बाजार में प्याज कम बिक रहा है. वहीं इसके पीछे बड़े पैमाने पर चल रहे कालाबाजारी के खेल की वजह से इसे और महंगा कर दिया गया है.

Intro:प्याज का भाव आसमान छूता जा रहा , मंहगाई का आलम यह है की , जिले के प्रमुख प्याज मंडी में यह उपलब्ध तो है , लेकिन उस अनुरूप खरीदार नही । वैसे इसके दामों को लेकर जिले के बाजारों में अभी कुछ दिनों तक राहत के कोई गुंजाइश नही ।


Body:प्याज का हाल पूरे देश मे लगभग एक जैसा ही है , जिले में तो इसका खुदरा मूल्य 80 रुपये से पार है । जाहिर सी बात है इस मंहगाई के मार से खरीदार व दुकानदार दोनों त्रस्त है । यंहा के प्रमुख मंडियों में प्याज उपलब्ध जरूर है , लेकिन मंहगाई के वजहों से उस अनुरूप खरीदार नही पंहुच रहे । जिले के प्रमुख प्याज मंडियों के स्टॉकिस्टों के अनुसार , अभी इसके दाम कमने के कोई आसार नही , दिसम्बर के पहले सप्ताह तक कुछ यैसा ही हाल रहेगा । दरअसल नवंबर के पहले सप्ताह तक नासिक से प्याज यंहा के मंडियों तक पंहुच जाया करते थे , लेकिन इस बार बाढ़ व पानी के कारण प्याज का पैदावार वँहा भी काफी प्रभावित हुआ है ।

बाईट - प्याज स्टॉकिस्ट ।

वीओ - जाहिर सी बात है , दामों में आये इस उछाल के वजहों से यह आम खरीदारों के पंहुच से दूर होता जा रहा । बहुत जरूरी पर ही लोग जरूरत से काफी कम इसकी खरीदारी कर रहे । यही नही जिले के विभिन्न जगहों पर खुदरा कारोबारी मनमाने तरीके से इसे बेच भी रहे । बहरहाल जरूरतमंद खरीदार कीमतों से काफी हलकान है ।

बाईट - खरीदार ।


Conclusion:गौरतलब है की कई वजहों से जंहा बाजार में प्याज कम आ रहे , वंही इसके पीछे बड़े पैमाने पर चल रहे कालाबाजारी के खेल के कारण , इसे और मंहगा कर दिया है ।

अमित कुमार की रिपोर्ट ।
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