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कोरोना काल में सब कुछ गवां कर लौटे लोग आज दूसरों को दे रहे रोजगार - कोरोना काल

कोरोना संकट काल में बड़ी मुश्किल से अपने घर लौटे प्रवासी मजदूरो में बहुत से रोजगार की तलाश में वापस लौट गए. वहीं कई लोग अपने घर और गांव में ही स्वरोजगार को लेकर अलग लकीर खींच रहे हैं.

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Published : Mar 22, 2021, 10:30 AM IST

समस्तीपुरः पूरे देश में कोरोना का असर देखने को मिला. कोरोना संक्रमण की वजह से कई लोग बेरोजगार हो गए थे. बिहार के दूसरे राज्यों में रहने वाले प्रवासी काम धंधे छोड़कर प्रदेश लौट गए थे. इससे उन्हें काफी आर्थिक संकट का सामना करना पड़ा. राज्य सरकार ने तब लोगों को स्वरोजगार में मदद करने की बात कही थी. इसी के तहत जिले में दूसरे राज्यों से लौटे प्रवासी अपने आज हुनर से रोजी रोटी कमा रहे हैं.

हुनर से बना रहे हैं पहचान
बिहार सरकार ने प्रवासी मजदूरों के लिए नवप्रवर्तन योजना की शुरूआत की थी. सरकार की यह मेहनत रंग लाने लगी है. समस्तीपुर जिले के विभिन्न हिस्सों में प्रवासी मजदूर अपने हुनर से एक अलग पहचान बना रहे हैं. ये लोग न सिर्प राज्य में बल्कि राष्ट्रीय स्तर पर भी अपनी कला का हुनर दिखा रहे हैं.

नवप्रवर्तन योजना
नवप्रवर्तन योजना

"लॉकडाउन के समय दूसरे राज्यों से लौटे प्रवासियों में से 25 प्रतिशत लोगों को सरकार की विभिन्न योजनाओं में काम मिला. इसके अलावा जो स्किल्ड लोग थे उनके लिए नवप्रवर्तन योजना की शुरूआत की गई. इससे आज वे लोग अपनी एक अलग पहचान बना रहे हैं."- विनय कुमार मल्लिक, महाप्रबंधक, जिला उधोग केंद्र

देखें रिपोर्ट

प्रवासी मजदूरों के लिए नवप्रवर्तन योजना
कोरोना संकट काल में बड़ी मुश्किल से अपने घर लौटे प्रवासी मजदूरों में बहुत से रोजगार की तलाश में वापस लौट गए. वहीं कई लोग अपने घर और गांव में ही स्वरोजगार को लेकर अलग लकीर खींच रहे हैं. राज्य सरकार के प्रवासी मजदूरों को लेकर शुरू नवप्रवर्तन योजना के तहत जिले के विभिन्न हिस्सों में प्रवासियों की मेहनत रंग लाने लगी है.

'अन्य उद्योगों का काम जल्द होगा शुरू'
जिला उद्योग विभाग के आंकड़ों पर नजर डाले तो अबतक जिले में नवप्रवर्तन योजना के तहत आधे दर्जन से अधिक उद्योग लगाये जा चुके हैं. यहां विभिन्न राज्यों से आए प्रवासी मजदूर सामूहिक तौर से लकड़ी के नाव, खिलौने, रेडीमेड कपड़े, फर्नीचर और लेदर के सामान आदि का निर्माण करते हैं. जिला उद्योग विभाग के महाप्रबंधक के अनुसार, जल्द जिले में कई अन्य उद्योगों का काम शुरू होने वाला है.

ये भी पढ़ेः राज्यपाल फागू चौहान और CM नीतीश कुमार ने राज्यवासियों को दी बिहार दिवस की शुभकामनाएं

दी जा रही सरकारी मदद
गौरतलब है कि जिले में 76 हजार प्रवासी मजदूरों का स्किल सर्वे किया गया था. इसमें करीब 29 हजार को सर्वे के बाद विभिन्न कामों के लिए चुना गया. बहुत से प्रवासी मजदूरों को मनरेगा, जल जीवन हरियाली और विभिन्न योजनाओं में रोजगार दिया गया. वहीं नवप्रवर्तन योजना के तहत 20-20 मजदूरों का ग्रुप बनाकर उन्हें किसी उद्योग के लिए सरकारी मदद दी जा रही है.

समस्तीपुरः पूरे देश में कोरोना का असर देखने को मिला. कोरोना संक्रमण की वजह से कई लोग बेरोजगार हो गए थे. बिहार के दूसरे राज्यों में रहने वाले प्रवासी काम धंधे छोड़कर प्रदेश लौट गए थे. इससे उन्हें काफी आर्थिक संकट का सामना करना पड़ा. राज्य सरकार ने तब लोगों को स्वरोजगार में मदद करने की बात कही थी. इसी के तहत जिले में दूसरे राज्यों से लौटे प्रवासी अपने आज हुनर से रोजी रोटी कमा रहे हैं.

हुनर से बना रहे हैं पहचान
बिहार सरकार ने प्रवासी मजदूरों के लिए नवप्रवर्तन योजना की शुरूआत की थी. सरकार की यह मेहनत रंग लाने लगी है. समस्तीपुर जिले के विभिन्न हिस्सों में प्रवासी मजदूर अपने हुनर से एक अलग पहचान बना रहे हैं. ये लोग न सिर्प राज्य में बल्कि राष्ट्रीय स्तर पर भी अपनी कला का हुनर दिखा रहे हैं.

नवप्रवर्तन योजना
नवप्रवर्तन योजना

"लॉकडाउन के समय दूसरे राज्यों से लौटे प्रवासियों में से 25 प्रतिशत लोगों को सरकार की विभिन्न योजनाओं में काम मिला. इसके अलावा जो स्किल्ड लोग थे उनके लिए नवप्रवर्तन योजना की शुरूआत की गई. इससे आज वे लोग अपनी एक अलग पहचान बना रहे हैं."- विनय कुमार मल्लिक, महाप्रबंधक, जिला उधोग केंद्र

देखें रिपोर्ट

प्रवासी मजदूरों के लिए नवप्रवर्तन योजना
कोरोना संकट काल में बड़ी मुश्किल से अपने घर लौटे प्रवासी मजदूरों में बहुत से रोजगार की तलाश में वापस लौट गए. वहीं कई लोग अपने घर और गांव में ही स्वरोजगार को लेकर अलग लकीर खींच रहे हैं. राज्य सरकार के प्रवासी मजदूरों को लेकर शुरू नवप्रवर्तन योजना के तहत जिले के विभिन्न हिस्सों में प्रवासियों की मेहनत रंग लाने लगी है.

'अन्य उद्योगों का काम जल्द होगा शुरू'
जिला उद्योग विभाग के आंकड़ों पर नजर डाले तो अबतक जिले में नवप्रवर्तन योजना के तहत आधे दर्जन से अधिक उद्योग लगाये जा चुके हैं. यहां विभिन्न राज्यों से आए प्रवासी मजदूर सामूहिक तौर से लकड़ी के नाव, खिलौने, रेडीमेड कपड़े, फर्नीचर और लेदर के सामान आदि का निर्माण करते हैं. जिला उद्योग विभाग के महाप्रबंधक के अनुसार, जल्द जिले में कई अन्य उद्योगों का काम शुरू होने वाला है.

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दी जा रही सरकारी मदद
गौरतलब है कि जिले में 76 हजार प्रवासी मजदूरों का स्किल सर्वे किया गया था. इसमें करीब 29 हजार को सर्वे के बाद विभिन्न कामों के लिए चुना गया. बहुत से प्रवासी मजदूरों को मनरेगा, जल जीवन हरियाली और विभिन्न योजनाओं में रोजगार दिया गया. वहीं नवप्रवर्तन योजना के तहत 20-20 मजदूरों का ग्रुप बनाकर उन्हें किसी उद्योग के लिए सरकारी मदद दी जा रही है.

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