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दो बेटियों को जन्म देने के बाद शुरू हुआ ससुराल वालों का जुल्म, पुलिस से लगाई न्याय की गुहार

2015 में अनुपम ने पहली बेटी और 2016 में दूसरी बेटी को जन्म दिया.

पीड़िता
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Published : Mar 11, 2019, 4:23 AM IST

समस्तीपुर: तमाम कोशिशों के बावजूद बेटी पढ़ाओ-बेटी बचाओं का नारा कहावतों में सिमट कर रह गया है. एक बार फिर जिले में ऐसा मामला सामने आया है जहां बेटों की चाहत रखने वाले ससुराल वालों ने अपनी बहु को दो बेटियों को जन्म देने के कारण उस पर जुल्म करना शुरू कर दिया. पूरा मामला खानपुर थाना क्षेत्र के ब्रह्गामा गांव का है.

एक हाथ में आवेदन और दूसरे हाथों से गोद में अपनी मासूम बेटी को लिए अनुपम कुमारी पुलिस अधीक्षक के पास पहुंचीं और अपनी फरियाद सुनाई. अनुपम का बताना है कि 2013 में उसके पिता ने बड़े ही धूमधाम से खानपुर थाना क्षेत्र के ब्रह्गामा गांव निवासी निरंजन चौधरी के साथ शादी की थी. दोनों परिवार खुशहाल थे. 2015 में अनुपम ने पहली बेटी और 2016 में दूसरी बेटी को जन्म दिया.

जानकारी देती पीड़िता व पुलिस अधीक्षक

दो बेटियों को जन्म देने के बाद शुरू हुआ जुल्म
इसके बाद पति सहित ससुराल वाले उसके जान के दुश्मन बन गए और इसे घर में बंद कर कई दिनों तक भूखा रखा. अनुपम के परिजनों ने कई बार पंचायत बैठाकर अपने दमाद एवं ससुराल वालों को मनाने का प्रयास किया. सामाजिक दबाव के कारण उस समय वो मान जाया करते थे. लेकिन उनका जुल्म कम न हुआ.

पीड़िता ने पुलिस से की शिकायत
अंत में अनुपम के पिता और भाई ब्रह्गामा पहुंचे और अनुपम को अपने घर ले आए, जहां से अनुपम ने अपनी दर्द भरी दास्तां के साथ पुलिस अधीक्षक के पास पहुंच कर न्याय की गुहार लगाई है.

उचित कार्रवाई का आश्वासन
वहीं इस मामले में पुलिस अधीक्षक हरप्रीत कौर ने अनुपम की सारी बातें सुनकर संबंधित थाने को मामला दर्ज कर कार्रवाई करने का आदेश दिया है. साथ ही सुरक्षा का भरोसा भी दिलाया है. पुलिस अधीक्षक ने कहा कि बेटा और बेटी में फर्क समझने वालों कानून के तहत उचित सजा दी जायेगी और पीड़ित महिला को न्याय दिलवाया जाएगा.

समस्तीपुर: तमाम कोशिशों के बावजूद बेटी पढ़ाओ-बेटी बचाओं का नारा कहावतों में सिमट कर रह गया है. एक बार फिर जिले में ऐसा मामला सामने आया है जहां बेटों की चाहत रखने वाले ससुराल वालों ने अपनी बहु को दो बेटियों को जन्म देने के कारण उस पर जुल्म करना शुरू कर दिया. पूरा मामला खानपुर थाना क्षेत्र के ब्रह्गामा गांव का है.

एक हाथ में आवेदन और दूसरे हाथों से गोद में अपनी मासूम बेटी को लिए अनुपम कुमारी पुलिस अधीक्षक के पास पहुंचीं और अपनी फरियाद सुनाई. अनुपम का बताना है कि 2013 में उसके पिता ने बड़े ही धूमधाम से खानपुर थाना क्षेत्र के ब्रह्गामा गांव निवासी निरंजन चौधरी के साथ शादी की थी. दोनों परिवार खुशहाल थे. 2015 में अनुपम ने पहली बेटी और 2016 में दूसरी बेटी को जन्म दिया.

जानकारी देती पीड़िता व पुलिस अधीक्षक

दो बेटियों को जन्म देने के बाद शुरू हुआ जुल्म
इसके बाद पति सहित ससुराल वाले उसके जान के दुश्मन बन गए और इसे घर में बंद कर कई दिनों तक भूखा रखा. अनुपम के परिजनों ने कई बार पंचायत बैठाकर अपने दमाद एवं ससुराल वालों को मनाने का प्रयास किया. सामाजिक दबाव के कारण उस समय वो मान जाया करते थे. लेकिन उनका जुल्म कम न हुआ.

पीड़िता ने पुलिस से की शिकायत
अंत में अनुपम के पिता और भाई ब्रह्गामा पहुंचे और अनुपम को अपने घर ले आए, जहां से अनुपम ने अपनी दर्द भरी दास्तां के साथ पुलिस अधीक्षक के पास पहुंच कर न्याय की गुहार लगाई है.

उचित कार्रवाई का आश्वासन
वहीं इस मामले में पुलिस अधीक्षक हरप्रीत कौर ने अनुपम की सारी बातें सुनकर संबंधित थाने को मामला दर्ज कर कार्रवाई करने का आदेश दिया है. साथ ही सुरक्षा का भरोसा भी दिलाया है. पुलिस अधीक्षक ने कहा कि बेटा और बेटी में फर्क समझने वालों कानून के तहत उचित सजा दी जायेगी और पीड़ित महिला को न्याय दिलवाया जाएगा.

Intro:समस्तीपुर सरकार बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ नारा देकर लोगों को जागरूक करने को लेकर तरह-तरह के हथकंडे अपना रही है। लेकिन वही समाज में ये कुरीतियां खत्म होने का नाम नहीं ले रहा है ।लगातार दो बेटी होने पर पति एवं ससुराल वालों ने बेटी सहित बहू को निकाला घर से। इंसाफ के लिए पहुंची पुलिस अधीक्षक के पास।


Body:एक हाथ में आवेदन दूसरे हाथों से गोद में अपनी मासूम बेटी को लिए ये अनुपम कुमारी है ।जो पुलिस अधीक्षक के पास अपनी फरियाद लेकर पहुंची है। अनुपम का बताना है कि 2013 में इसके पिता बड़े ही धूमधाम से खानपुर थाना क्षेत्र के ब्रह्गामा गांव निवासी निरंजन चौधरी के साथ शादी किया था। दोनों परिवार खुशहाल थे। 2015 में अनुपम ने एक बेटी को जन्म दे दी । उसके बाद 2016 में दूसरी बेटी की जन्म हुई ।उसके बाद पति सहित ससुराल वाले इसके जान के दुश्मन बन गए ।और इसे घर में बंद कर कईएक दिनों तक भूखे रखा करते थे। अनुपम के परिजनों ने कईएक बार पंचायत बैठाकर अपने दमाद एवं ससुराल वाले को मनाने का प्रयास करता रहा। सामाजिक दबाव के कारण उस समय वह मान जाया करता था। लेकिन उसका जुल्म और बढ़ता गया अंतः उसने पुनः अपनी पत्नी को घर में बंद कर खाना पीना बंद कर दिया मअनुपम ने किसी तरह इसकी सूचना अपने पिता के गांव भोरे जयराम भिजवाई जहां उसके पिता अशोक चौधरी और उसके बेटे राजन कुमार ब्रह्गामा पहुंचे उसकी भी जमकर पिटाई कर दी गई। किसी तरह वह अनुपम को बचाकर अपने घर भोरे जयराम ले आए। जहां से अनुपम अपनी दर्द भरी दास्तान के साथ पुलिस अधीक्षक के पास पहुंच कर न्याय की गुहार लगाई है।
बाईट : अनुपम कुमारी पीड़ित
बाईट हर्पित कौर पुलिस अधीक्षक


Conclusion:पुलिस अधीक्षक हरप्रीत कौर ने अनुपम की सारी बातें सुनकर संबंधित थाने को मामला दर्ज कर कार्रवाई करने का आदेश देकर सुरक्षा का भरोसा दिलाई है ।वहीं पुलिस अधीक्षक ने बतायी कि बेटा और बेटी में फर्क समझने वाले जो घिनौना करतूत किए हैं उसको लेकर कानून कभी माफ नहीं करेगा ।और सख्त से सख्त सजा देकर पीड़ित महिला को न्याय दिलवाया जाएगा।
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