समस्तीपुर: बिहार में कोरोना के रोकथाम और इसकी जाँच के लिए लैब टेक्नीशियन को बहाल किया गया था. ऐसे में एक बार फिर से जब राज्यों में कोरोना के केस बढ़ने लगे है तो इस बीच सरकार द्वारा लैब टेक्नीशियनों के सेवा विस्तार पर रोक लगा दी है. जिससे बहाल लैब टेक्नीशियन सड़क पर आ गए हैं.
आरटीपीसीआर जांच केंद्र पर लगा ताला: मिली जानकारी के अनुसार, देश में कोविड महामारी के दौरान जांच को लेकर विभिन्न अस्पतालों मे बड़ी संख्या मे लैब टेक्नीशियन को अनुबंध के आधार पर नियुक्त किया गया था. समस्तीपुर के सदर अस्पताल में बने एकमात्र आरटीपीसीआर जांच केंद्र पर भी 2020 से इसी नियम अनुरुप लैब टेक्नीशियन बहाल थे.
सेवा विस्तार पर लगाई रोक: बहरहाल एक बार फिर कोविड के नए वेरियेंट JN.1 के संक्रमण के बीच राज्य स्वास्थ्य समिति ने इन लैब टेक्नीशियन के सेवा विस्तार पर रोक लगाते हुए अगले आदेश तक जांच कार्य नहीं करने का आदेश दिया है. लैब टेक्नीशियन के हटते ही इसका असर सदर अस्पताल स्थित आरटीपीसीआर जांच केंद्र पर दिखने लगा है.
"कोविड महामारी के बीच हम लोगों ने अपनी जान की परवाह किये बगैर अपने काम में जुटे रहे. जब लोग इस संक्रमण के खतरे से बचने के लिए घर में कैद थे, हमलोग 24 घंटे जांच में लगे रहते थे. लेकिन अचानक स्वास्थ्य समिति ने हमें रास्ते पर ला दिया है." - अजय कुमार, लैब टेक्नीशियन
स्वास्थ्य समिति ने जारी किया आदेश: बता दें कि राज्य स्वास्थ्य समिति ने पत्र जारी करते हुए जानकारी दी है कि लैब टेक्नीशियन की सेवा को 31 दिसंबर के बाद से विस्तार नहीं किया जाएगा. राज्य स्वास्थ्य समिति द्वारा जारी पत्र के बाद ना सिर्फ लैब टेक्नीशियन में मायूसी छाई हुई है, बल्कि नाराजगी भी देखी जा रही है. इतना ही नहीं कोरोना जांच घर में ताला लटकने के कारण जांच कराने आये लोगों को भी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है.
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