समस्तीपुरः विभूतिपुर विधानसभा क्षेत्र के पूर्व जेडीयू विधायक रामबालक सिंह और उनके भाई को आर्म्स एक्ट (Arms Act) और जानलेवा हमला करने के मामले में कोर्ट ने पांच साल कैद की सजा सुनाई है. दोनों पर 15 हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया गया है. दोनों भाई दोषी पाए जाने के बाद न्यायिक हिरासत (judicial custody) थे. जिन्हें आज कोर्ट ने सजा सुना दी है.
समस्तीपुर जिला कोर्ट ने विभूतिपुर थाना कांड संख्या 62/2000 मामले में दोषी पाते हुए दोनों की गिरफ्तारी का आदेश जारी किया था. अब विधायक और उनके भाई को कोर्ट ने आर्म्स एक्ट और जानलेवा हमला करने के जुर्म में दोषी करार देते हुए 5 साल की कैद की सजा दी है.
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दरअसल पूर्व विधायक और उनके भाई लाल बाबू सिंह पर वर्ष 2000 में मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी के कार्यकर्ता ललन सिंह पर कातिलाना हमले का आरोप है. जिसमें मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी के कार्यकर्ता ललन सिंह जख्मी हो गए थे. उनका हाथ पूरी तरह से जख्मी होने के बाद किसी काम का नहीं रहा. उनकी हाथ की उंगलियां नष्ट हो गई थीं.
इससे पहले कोर्ट के आदेश पर पूर्व जदयू विधायक रामबालक सिंह को गिरफ्तार कर लिया गया था. एडीजे थर्ड प्रणव झा ने सुनवाई के बाद फैसला सुरक्षित रख लिया था. वहीं, बचाव पक्ष की ओर से अधिवक्ता गौतम भारद्वाज और अजिताभ भारद्वाज थे. सरकार की ओर से एपीपी गौरी शंकर मिश्र ने इस केस में बहस किया.
5 साल की सजा मुकर्रर होते ही रामबालक सिंह को मिल रही सभी तरह की सुविधाएं खत्म हो जाएगी. जन प्रतिनिधि एक्ट के तहत उन्हें न तो पेंशन मिलेगा और न ही वो आगे चुनाव लड़ सकते हैं. उनके राजनीतिक करियर का भी अंत हो गया.
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बताया जाता है कि 05/06/2000 को माकपा कार्यकर्ता ललन सिंह पर जानलेवा हमला किया गया था. घटना जून 2000 की है. सीपीएम के नेता ललन सिंह विभूतिपुर थाना क्षेत्र के शिवनाथपुर में एक शादी समारोह में शामिल होने गए थे. उसी जगह रामबालक सिंह और उनके भाई ने उन्हें मारने की कोशिश की. लेकिन वहां मौजूद लोगों ने उन्हें बचा लिया. इसी मामले में विभूतिपुर थाने में पूर्व विधायक राम बालक सिंह और उनके भाई लाल बाबू सिंह पर प्राथमिकी दर्ज कराई गई थी. जिसमें ये अपराध सिद्ध होने पर ये सजा सुनाई गई है.