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बाधित हो सकती है बिहार में मैट्रिक परीक्षा, ये है कारण

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Published : Feb 14, 2020, 6:43 PM IST

समस्तीपुर में नियोजित शिक्षक 17 फरवरी से अनिश्चितकालीन हड़ताल पर जा रहे हैं. इसके कारण 17 फरवरी से होने वाले मैट्रिक परीक्षा में जिले के करीब 90 फीसदी स्कूलों में पढ़ाई ठप होने वाली है.

SAMASTIPUR
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समस्तीपुरः आगामी 17 फरवरी से होने वाले मैट्रिक परीक्षा में जिले के करीब 90 फीसदी स्कूलों में पढ़ाई ठप होने वाली है. दरअसल समान काम समान वेतन समेत कई मुद्दों को लेकर जिले के नियोजित शिक्षक 17 फरवरी से हड़ताल पर जा रहे हैं. वहीं, शिक्षा विभाग ने भी कहा है कि इस बार हड़ताली शिक्षकों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी.

नियोजित शिक्षक 17 फरवरी से हड़ताल पर
इंटरमीडिएट की परीक्षा जरूर बेहतर तरीके से समाप्त हुआ. लेकिन 17 फरवरी से होने वाले मैट्रिक परीक्षा को लेकर काफी संसय जैसे हालात है. यही नहीं जिले के करीब 99 फीसदी प्राथमिक विद्यालय और 90 फीसदी मिडिल स्कूलों में भी 17 फरवरी से ताला लटकने वाला है. नियोजित शिक्षक एक बार फिर समान काम समान वेतन मान मांग को लेकर हड़ताल पर जा रहे है. नियोजित शिक्षक संघ ने एलान किया है कि सरकार अगर उनके मांगो पर गंभीर नहीं हुई, तो जिले में परीक्षा, मूल्यांकन और पढ़ाई पूरी तरह बाधित होगा.

देखें पूरी रिपोर्ट

हड़ताली शिक्षकों के खिलाफ सख्त कार्रवाई
वैसे नियोजित शिक्षकों के आंदोलन से शिक्षा विभाग के भी हाथ पैर फूल रहे. खासतौर पर मैट्रिक परीक्षा को लेकर चिंता की लकीर विभाग के ऊपर दिख रहा. वैसे जिला शिक्षा अधिकारी ने चेतावनी अंदाज में कहा कि नियोजित शिक्षकों के हड़ताल पर जाने से परीक्षा में किसी प्रकार की दिक्कत नहीं होने वाला. लेकिन कामों का बहिष्कार करने वाले शिक्षकों को लेकर इस बार विभाग काफी सख्त है.

समस्तीपुरः आगामी 17 फरवरी से होने वाले मैट्रिक परीक्षा में जिले के करीब 90 फीसदी स्कूलों में पढ़ाई ठप होने वाली है. दरअसल समान काम समान वेतन समेत कई मुद्दों को लेकर जिले के नियोजित शिक्षक 17 फरवरी से हड़ताल पर जा रहे हैं. वहीं, शिक्षा विभाग ने भी कहा है कि इस बार हड़ताली शिक्षकों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी.

नियोजित शिक्षक 17 फरवरी से हड़ताल पर
इंटरमीडिएट की परीक्षा जरूर बेहतर तरीके से समाप्त हुआ. लेकिन 17 फरवरी से होने वाले मैट्रिक परीक्षा को लेकर काफी संसय जैसे हालात है. यही नहीं जिले के करीब 99 फीसदी प्राथमिक विद्यालय और 90 फीसदी मिडिल स्कूलों में भी 17 फरवरी से ताला लटकने वाला है. नियोजित शिक्षक एक बार फिर समान काम समान वेतन मान मांग को लेकर हड़ताल पर जा रहे है. नियोजित शिक्षक संघ ने एलान किया है कि सरकार अगर उनके मांगो पर गंभीर नहीं हुई, तो जिले में परीक्षा, मूल्यांकन और पढ़ाई पूरी तरह बाधित होगा.

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हड़ताली शिक्षकों के खिलाफ सख्त कार्रवाई
वैसे नियोजित शिक्षकों के आंदोलन से शिक्षा विभाग के भी हाथ पैर फूल रहे. खासतौर पर मैट्रिक परीक्षा को लेकर चिंता की लकीर विभाग के ऊपर दिख रहा. वैसे जिला शिक्षा अधिकारी ने चेतावनी अंदाज में कहा कि नियोजित शिक्षकों के हड़ताल पर जाने से परीक्षा में किसी प्रकार की दिक्कत नहीं होने वाला. लेकिन कामों का बहिष्कार करने वाले शिक्षकों को लेकर इस बार विभाग काफी सख्त है.

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