समस्तीपुर: जिले में 1995 से शहर के पंजाबी समुदाय रावण वध का आयोजन करते आ रहे है. वहीं, इस बार रावण का पुतला 55 फीट का बनाया गया है. अब रावण वध की परंपरा शहर से लेकर गांव तक चल रही है. पंजाबी समुदाय में हर वर्ष रावण वध विशेष आकर्षण का केन्द्र होता है. पंजाबी समुदाय के लोगों ने कहा कि इस बार भी रावण वध काफी आकर्षक होगा.
डीएम ने बदला रावण दहन की जगह
भारत-पाक बंटवारे के बाद 1950 में लगभग 200 पंजाबी समुदाय के परिवार समस्तीपुर में आकर बस गए थे. सरकार की ओर से उन्हें रहने के लिए जमीन और व्यवसाय के लिए पैसे भी दिए गए थे. वहां बसने के कुछ दिनों बाद से ही इस समुदाय के लोग अपनी परंपरा के अनुसार रावण वध का आयोजन करने लगे. लगभग 10 वर्ष पहले तक रावण दहन शहर के बीचोंबीच स्थित पटेल मैदान में किया जाता था. लेकिन वर्तमान जिलाधिकारी नर्मदेश्वर लाल ने शहर में बढ़ती भीड़ को देखकर इसे शहर से 4 किलोमीटर पर स्थित हाउसिंग बोर्ड मैदान में स्थानांतरित करवा दिया.
शहर में निकाली जाती है आकर्षक झांकी
रावण वध को लेकर पंजाबी समुदाय के लोगों ने दशहरा कमेटी का गठन किया. इसमें शहर के अन्य समुदाय के लोग भी शामिल हैं. दशहरा के दिन पंजाबी कॉलोनी स्थित लक्ष्मीनारायण मंदिर से आकर्षक झांकी भी निकाली जाती है. इसमें राम-लक्ष्मण, भरत-शत्रुघ्न, माता सीता और हनुमान का रूप धारण कर शहर में भ्रमण करते हुए दहन स्थल पर पहुंचते हैं. यहां तय कार्यक्रम के अनुसार प्रभु राम रावण का वध करते है. इस अवसर पर शानदार आतिशबाजी भी की जाती है जो श्रद्धालु के लिए आकर्षण का केंद्र बना रहता है.