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मुश्किल हालात में लोगों को राहत देने वाला अग्निशमन विभाग खुद जोह रहा मदद की बाट

जिला मुख्यालय से कुछ मीटर पर स्थित फायर बिग्रेड कार्यालय में बैठने तक की जगह नहीं है. पिछले तीन महीनों से कर्मचारी बिना वेतन के काम कर रहे हैं कर्मचारी.

अग्निशमन केंद्र में बैठे कर्मचारी
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Published : Jun 4, 2019, 5:24 PM IST

समस्तीपुर: जिले का अग्निशमन केंद्र, खुद ही कई समस्याओं की आग में झुलस रहा है. आग लगने से बचाने के लिए यहां संसाधनों का घोर अभाव है. जो संसाधन बचे भी हैं वह भी वरीय अधिकारियों की उदासीनता का एक नमूना बन कर रह गए है. फायर ब्रिगेड की हालत किसी तबेले से भी बदतर है.

अग्निशमन विभाग के प्रभारी का बयान

अग्निशमन केंद्र की हालत बदतर
जिला मुख्यालय से कुछ मीटर पर स्थित फायर बिग्रेड कार्यालय में बैठने तक की जगह नहीं है. खर पतवार को किसी तरह समेट कर कर्मियों ने इस भीषण गर्मी में छांव के लिए एक छप्पर बनाया है. अग्निशमन की ज्यादातर गाड़ियां खराब पड़ी हैं और जो ठीक हैं उसमें ईंधन तक नहीं है.

fire fighting vehicle
फायर ब्रिगेड की गाड़ी

3 महीनों से बिना वेतन के काम कर रहे हैं कर्मचारी
अग्निशमन विभाग के प्रभारी ने बताया कि पिछले तीन महीनों से बिना वेतन के काम कर रहे हैं. आपदा के वक्त ईंधन का जुगाड़ भी बड़ी मुश्किल से संभव हो पाता है. यहां काम करने वाले कर्मचारियों को पीने का पानी तक मयस्सर नहीं हैं. विभाग का स्थानांतरण होमगार्ड विभाग में होने के कारण तमाम दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है.

समस्तीपुर: जिले का अग्निशमन केंद्र, खुद ही कई समस्याओं की आग में झुलस रहा है. आग लगने से बचाने के लिए यहां संसाधनों का घोर अभाव है. जो संसाधन बचे भी हैं वह भी वरीय अधिकारियों की उदासीनता का एक नमूना बन कर रह गए है. फायर ब्रिगेड की हालत किसी तबेले से भी बदतर है.

अग्निशमन विभाग के प्रभारी का बयान

अग्निशमन केंद्र की हालत बदतर
जिला मुख्यालय से कुछ मीटर पर स्थित फायर बिग्रेड कार्यालय में बैठने तक की जगह नहीं है. खर पतवार को किसी तरह समेट कर कर्मियों ने इस भीषण गर्मी में छांव के लिए एक छप्पर बनाया है. अग्निशमन की ज्यादातर गाड़ियां खराब पड़ी हैं और जो ठीक हैं उसमें ईंधन तक नहीं है.

fire fighting vehicle
फायर ब्रिगेड की गाड़ी

3 महीनों से बिना वेतन के काम कर रहे हैं कर्मचारी
अग्निशमन विभाग के प्रभारी ने बताया कि पिछले तीन महीनों से बिना वेतन के काम कर रहे हैं. आपदा के वक्त ईंधन का जुगाड़ भी बड़ी मुश्किल से संभव हो पाता है. यहां काम करने वाले कर्मचारियों को पीने का पानी तक मयस्सर नहीं हैं. विभाग का स्थानांतरण होमगार्ड विभाग में होने के कारण तमाम दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है.

Intro:आग को काबू में करने वाला विभाग खुद कई समस्याओं के आग में झुलस रहा। जिले के अग्निशमन केंद्र की दशा व इनके संसाधनों के हालात से अगर आप वाकिफ होंगे तो , शायद आप आग लगने पर 101 को कॉल करने में समय जाया करने के बजाये , खुद अपने संसाधनों से आग को काबू करने का प्रयास करेंगे ।


Body:जिले का अग्निशमन केंद्र , क्षमता के अनुरूप जंहा पहले ही संसाधनों का घोर आभाव है । वंही जो बचे भी है वह भी वरीय अधिकारियों के उदासीनता का एक नमूना बन कर रह गए है । दरअसल इस भीषण गर्मी आगलगी की बड़ी घटनाओं के वक्त इन फायर बिग्रेड के लेट लतीफी व आधे अधूरी तैयारी पर सवाल उठाने वालों को शायद यह नही पता की , यह विभाग खुद अपनी समस्याओं के आग में झुलस रहा । बतौर जिले के फायर प्रभारी के अनुसार , अग्निशमन केंद्र की दशा तबेले से भी खराब । तस्वीर भी बंया करता है की , जिला मुख्यालय से कुछ मीटर पर स्थित जिले के इस फायर बिग्रेड कार्यालय में बैठने तक की जगह नही । खर पतवार को किसी तरह समेत कर इनलोगों ने इस भीषण गर्मी खुद को छांव देने को लेकर एक छप्पर बनाया है । यही नही अग्निशमन की गाड़ियां खराब पड़ी है , लेकिन जो ठीक है उसमें ईंधन का उपाय नही । बीते कई महीनों से बिना वेतन काम करने वाले इन लोगों की समस्या यह है की , आपदा के वक्त इन्हें ईंधन का जुगाड़ बड़ी मुश्किल से संभव हो पाता है । हालात सिर्फ यंही नही , इस फायर बिग्रेड में काम करने वाले कर्मचारियों को पीने के लिए जब पानी की कोई व्यवस्था नही तो , इनके आग बुझाने वाली गाड़ियों में कैसे पानी भरा जाता होगा इसका सिर्फ कल्पना कीजिये । इतना अहम विभाग व इसको लेकर वरीय अधिकारियों की गंभीरता खुद यंहा के प्रभारी बंया कर रहे ।

बाईट -


Conclusion:गौरतलब है की , जंहा पहले ही जरूरत से काफी कम फायर बिग्रेड की गाड़ियां उपलब्ध है । उस केंद्र पर ईंधन के आभाब में एक दो जो गाड़िया खड़ी भी है वह सिर्फ दिखावटी। सवाल जब खुद लापरवाही व उदासीनता के आग में यह केंद्र व उसके कर्मी झुलस रहे , तो आमआवाम की रक्षा इस आग कौन करेगा ।

अमित कुमार की रिपोर्ट ।
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