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रेलवे स्टीम इंजन का स्क्रैप बेचने का मुख्य आरोपी नोएडा से गिरफ्तार - पूर्णिया कोर्ट स्टेशन

पूर्णिया कोर्ट स्टेशन के पास से रेलवे स्टीम इंजन का स्क्रैप बेचने(Rail Engine Scrap Selling Case In Purnea) का मुख्य आरोपी सीनियर सेक्शन इंजीनियर को पुलिस ने नोयडा से गिरफ्तार कर लिया है. मुख्य आरोपी समस्तीपुर लोको शेड (Samastipur Rail Division) में सीनियर सेक्शन इंजीनियर के रूप में कार्यरत था.पढ़ें पूरी खबर..

पूर्णिया कोर्ट स्टेशन
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Published : Jun 22, 2022, 8:29 PM IST

समस्तीपुरः समस्तीपुर लोको शेड में कार्यरत रेलवे के सीनियर सेक्शन इंजीनियर राजीव रंजन झा को स्पेशल टॉस्क फोर्स की टीम ने नोएडा से गिरफ्तार कर लिया है. राजीव रंजन झा बिहार के समस्तीपुर रेल डिवीजन के अंतर्गत पूर्णिया कोर्ट स्टेशन (Purnia Court Station) पर खड़ी स्टीम इंजन का स्क्रैप बेचने के मामले में मुख्य (Engineer Rajeev Ranjan Jha Arrested in Rail Engine Scrap Selling Case In Purnea) आरोपी हैं. देश भर में चर्चित स्टीम इंजन बेचने के इस मामले को लेकर रेल बोर्ड भी अपने स्तर से जांच कर रहा है. समस्तीपुर डिवीजन कार्यालय की ओर से गिरफ्तारी की पुष्टि की गयी है.

पढ़ें - पूर्व मध्य रेलवे की ऐतिहासिक उपलब्धि, स्क्रैप से कमाए 154.03 करोड़

पूर्णिया रेलवे कोर्ट स्टेशन के पास लगा था स्टीम इंजनः समस्तीपुर लोको शेड में कार्यरत सीनियर इंजीनियर राजीव रंजन झा पर आरोप है कि पूर्णिया रेलवे कोर्ट स्टेशन के पास खड़े एक पुराने स्टीम इंजन को (Rail Engine Sold to Mafia In Purnea) कबाड़ माफियों को बेच दिया गया था. एक महिला आरपीएफ सिपाही के सूझबूझ से यह पूरा मामला संज्ञान में आने के बाद पूर्णिया कोर्ट स्टेशन से रेलवे बोर्ड के दिल्ली मुख्यालय तक अधिकारियों के होश उड़ गये थे. अधिकारी आश्चर्य में थे कि कैसे इतने भारी-भरकम इंजन को बेचा गया और वहां के अधिकारियों और कैसे पता नहीं चला.

फर्जी कार्यालय आदेश पर चोरी को दिया गया अंजामः बता दें कि डीजल शेड इंजीनियर राजीव रंजन झा ( Engineer Rajeev Ranjan Jha ), जिसने डीएमई का फर्जी कार्यालय आदेश जारी कर वर्षों से खड़ी छोटी लाइन का पुराना इंजन स्क्रैप माफियाओं के हाथ बेच दिया. मामला उजागर नहीं हो सके, इसके लिए डीजल शेड पोस्ट पर कार्यरत एक दारोगा को भी इंजीनियर ने इस काम में मिला लिया. इस मामले में कई आरोपी पहले ही गिरफ्तारी हो चुके हैं. कई फरार आरोपियों के घर पर पुलिस की ओर से इश्तेहार चश्पाया गया था. वहीं सीनियर सेक्शन इंजीनियर राजीव रंजन झा के पीछे स्पेशल टॉस्क फोर्स की टीम बीते छह माह से पीछे पड़ी हुई थी. लेकिन वह बार-बार अपना ठिकाना बदलकर स्पेशल टॉस्क फोर्स को छका रहा था.
पढ़ें- गजब का घोटालाः रेलवे इंजीनियर ने स्क्रैप माफियाओं को रेल इंजन ही बेच डाला


पढ़ें- हरकत में समस्तीपुर रेल डिवीजन, पूर्णिया कोर्ट स्टेशन से इंजन स्क्रैप मामले की जांच शुरू

समस्तीपुरः समस्तीपुर लोको शेड में कार्यरत रेलवे के सीनियर सेक्शन इंजीनियर राजीव रंजन झा को स्पेशल टॉस्क फोर्स की टीम ने नोएडा से गिरफ्तार कर लिया है. राजीव रंजन झा बिहार के समस्तीपुर रेल डिवीजन के अंतर्गत पूर्णिया कोर्ट स्टेशन (Purnia Court Station) पर खड़ी स्टीम इंजन का स्क्रैप बेचने के मामले में मुख्य (Engineer Rajeev Ranjan Jha Arrested in Rail Engine Scrap Selling Case In Purnea) आरोपी हैं. देश भर में चर्चित स्टीम इंजन बेचने के इस मामले को लेकर रेल बोर्ड भी अपने स्तर से जांच कर रहा है. समस्तीपुर डिवीजन कार्यालय की ओर से गिरफ्तारी की पुष्टि की गयी है.

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पूर्णिया रेलवे कोर्ट स्टेशन के पास लगा था स्टीम इंजनः समस्तीपुर लोको शेड में कार्यरत सीनियर इंजीनियर राजीव रंजन झा पर आरोप है कि पूर्णिया रेलवे कोर्ट स्टेशन के पास खड़े एक पुराने स्टीम इंजन को (Rail Engine Sold to Mafia In Purnea) कबाड़ माफियों को बेच दिया गया था. एक महिला आरपीएफ सिपाही के सूझबूझ से यह पूरा मामला संज्ञान में आने के बाद पूर्णिया कोर्ट स्टेशन से रेलवे बोर्ड के दिल्ली मुख्यालय तक अधिकारियों के होश उड़ गये थे. अधिकारी आश्चर्य में थे कि कैसे इतने भारी-भरकम इंजन को बेचा गया और वहां के अधिकारियों और कैसे पता नहीं चला.

फर्जी कार्यालय आदेश पर चोरी को दिया गया अंजामः बता दें कि डीजल शेड इंजीनियर राजीव रंजन झा ( Engineer Rajeev Ranjan Jha ), जिसने डीएमई का फर्जी कार्यालय आदेश जारी कर वर्षों से खड़ी छोटी लाइन का पुराना इंजन स्क्रैप माफियाओं के हाथ बेच दिया. मामला उजागर नहीं हो सके, इसके लिए डीजल शेड पोस्ट पर कार्यरत एक दारोगा को भी इंजीनियर ने इस काम में मिला लिया. इस मामले में कई आरोपी पहले ही गिरफ्तारी हो चुके हैं. कई फरार आरोपियों के घर पर पुलिस की ओर से इश्तेहार चश्पाया गया था. वहीं सीनियर सेक्शन इंजीनियर राजीव रंजन झा के पीछे स्पेशल टॉस्क फोर्स की टीम बीते छह माह से पीछे पड़ी हुई थी. लेकिन वह बार-बार अपना ठिकाना बदलकर स्पेशल टॉस्क फोर्स को छका रहा था.
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